विधानसभा में SC-ST के साथ हो रहा भेदभाव: राजस्थान विधानसभा में सत्ता पार्टी के विधायक रमेश मीणा ने एससी—एसटी के साथ भेदभाव का लगाया आरोप

राजस्थान में सत्ता पार्टी के ही विधायक द्वारा विधानसभा में एससी—एसटी और माइनोरिटी के विधायकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। विधानसभा में बैठने की व्यवस्था को लेकर स्पीकर से तीखी नोकझोक होने के बाद कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। 

राजस्थान विधानसभा में सत्ता पार्टी के विधायक रमेश मीणा ने एससी—एसटी के साथ भेदभाव का लगाया आरोप

सीट पर माइक नहीं होने का मामला

जयपुर। 
राजस्थान में सत्ता पार्टी के ही विधायक द्वारा विधानसभा में एससी—एसटी और माइनोरिटी के विधायकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। विधानसभा में बैठने की व्यवस्था को लेकर स्पीकर से तीखी नोकझोक होने के बाद कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है।


रमेश मीणा ने विधानसभा के बाहर कहा कि सदन में बैठने की व्यवस्था में हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। सदन के भीतर SC-ST और माइनोरिटी से जुड़े विधायकों को जानबूझकर बिना माइक वाली सीटें दी गई हैं। सदन में बैठने की व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की है। हमारी आवाज को दबाया जा रहा है। रमेश मीणा ने कहा कि एससी एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय से कांग्रेस में 50 विधायक हैं। कोरोना के नाम पर सदन में बैठने की व्यवस्था की गई है, उसमें दलित वर्ग के मंत्री टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव को बिना माइक की सीट दी गई है। मेरे अलावा ST विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अल्पंसख्यक विधायक अमीन खान और दानिश अबरार को बिना माइ​क वाली सीट दी गई हैं। जूली और जाटव मंत्री हैं, उन्हें सवालों के जवाब देने होते हैं, उन्हें दूसरी जगह जाना पड़ता है। अमीन खान बुजुर्ग हैं उन्हें पीछे जाने में दिक्कत होती है। मुख्य सचेतक को अवगत करवाने के बावजूद कोई सुधार नहीं किया गया।

कटारिया, राठौड़ और लोढ़ा ही सदन में बोलेंगे क्या ?
मीणा ने कहा कि अध्यक्ष नियम पंरपराओं का हवाला देते हैं, लेकिन क्या गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और संयम लोढ़ा के बोलने से ही इनका पालन होगा क्या? क्यों लगातार संयम लोढ़ा को ही बोलने का मौका दिया जाता है। नियम सब पर लागू होने चाहिए। पहले हर पार्टी के विधायक दल के नेताओं को आगे सीट दी जाती थी लेकिन अब वह व्यवस्था भी बदल दी है। इस संंबंध में सरकार को भी अवगत कराया गया था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
स्पीकर और मीणा में हुई नोंकझोंक


विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बुधवार को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी और कांग्रेस विधायक रमेश मीणा के बीच जमकर नोंकझोंक हुई। दोनों के बीच काफी देर बहस चलती रही। अपनी सीट पर माइक की व्यवस्था नहीं होने से रमेश मीणा नाराज थे। दरअसल प्रश्नकाल में रमेश मीणा ने जयपुर जिले में चिकित्सालय के लिए रियायती दर पर भूमि आवंटन को लेकर सवाल लगाया था। स्पीकर की ओर से रमेश मीणा के नाम पुकारे जाने के बाद रमेश मीणा ने स्पीकर को कहा कि मेरी सीट पर माइक की व्यवस्था नहीं है मैं क्या बोलूं, इस पर स्पीकर ने कहा कि या तो पीछे जाकर बोले या फिक बैठ जाएं। इस पर रमेश मीणा ने कहा कि वे पीछे जाकर सवाल क्यों पूछे, अपनी सीट पर सवाल पूछेंगे। विधानसभा स्पीकर ने कहा कि आप नहीं पूछना चाहते तो मत पूछिए और स्पीकर ने अगला सवाल पुकार लिया। इस पर दोनों के बीच नोंकझोंक होने लगी। स्पीकर ने कहा कि आपके हिसाब से सदन में व्यवस्था नहीं चलेगी। स्पीकर ने अपने विधायक को बिठाने के लिए मुख्य सचेतक को भी कहा। तकरीबन दो मिनट तक दोनों के बीच जमकर नोंकझोंक होती रही।

मुझे हटाना है, हटा दो, कोई दुख नहीं, व्यवस्था नहीं बिगडने दूंगा:जोशी
वहीं सदन में सदस्यों के व्यवहार को लेकर स्पीकर सीपी जोशी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि सदस्य सदन में नियम कायदों का पालन नहीं करते। कोविड के चलते सदन में बैठने की विशेष व्यवस्था की गई। बैठने की व्यवस्था मैं नहीं करता हूं पार्टी के द्वारा बैठने की व्यवस्था की गई है। हाउस में व्यवस्था बिगड़ने नहीं दूंगा चाहे कोई नाराज हो। स्पीकर ने कहा कि सरकारी पक्ष की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह भी नियम कायदों का पालन करें। आपने मुझे चुना है आप मुझे हटा दे मुझे कोई दुख नहीं है। लेकिन मैं जब तक बैठा हूं तब तक हाउस ऐसे नहीं चलने दूंगा।

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