SIrohi: पूर्व सीएम गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा संयम लोढ़ा के बचाव में उतरे, सोशल मीडिया पर लोढा के खिलाफ एफआईआर को बताया विपक्ष की आवाज को दबाना

पूर्व सीएम गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा संयम लोढ़ा के बचाव में उतरे, सोशल मीडिया पर लोढा के खिलाफ एफआईआर को बताया विपक्ष की आवाज को दबाना

पूर्व सीएम गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा संयम लोढ़ा के बचाव में उतरे, सोशल मीडिया पर लोढा के खिलाफ  एफआईआर को बताया विपक्ष की आवाज को दबाना

जयपुर, 30 जून 2024। सिरोही में पूर्व विधायक संयम लोढा और सिरोही पुलिस के एएसपी के बीच हुई तीखी बहस के बाद अब इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है।

पूर्व विधायक संयम लोढ़ा के खिलाफ पुलिस ने राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज किया तो पूर्व सीएम अशोक गहलोत अपने पूर्व सलाहकार लोढ़ा के बचाव में आ गए। पूर्व सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्रवाई को विपक्ष की आवाज को दबाने वाला बताया। प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी लोढ़ा का पक्ष लेते हुए कहा ​है कि क्या जनता की आवाज़ उठाना जुर्म है? क्या हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करना कानून का उल्लंघन है?

डोटासरा ने कहा ​है कि भाजपा की #पर्ची_सरकार कांग्रेस नेताओं पर फर्जी मुक़दमे दर्ज करके क्या साबित करना चाहती है? BJP ठीक से समझ ले, कांग्रेस के सिपाही किसी से नहीं डरते।

गहलोत ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि पूर्व विधायक संयम लोढ़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना दिखाता है कि राज्य सरकार इन मुकदमों से अपनी असफलता छिपाना और विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।

गहलोत ने कहा है कि इस तरह के फर्जी मुकदमे कायम करने की बजाय पुलिस को हत्यारों को पकड़कर पीड़ित पक्ष को न्याय सुनिश्चित करवाना चाहिए। गौरतलब है कि सिरोही पुलिस ने पूर्व विधायक संयम लोढ़ा सहित 5 लोगों के खिलाफ धरना प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट के गेट को नुकसान पहुंचाने तथा राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया था। इस दौरान एक वीडियो में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कहते सुने गए कि यहीं पर सलटा दूंगा। इसके बाद मामला गरम हो गया। वहां मौजूद एएसपी को संयम लोढ़ा ने कहा कि यह वर्दी हमारे लोगों यानि कि जनता की सेवा के लिए मिली है। 

आपको बता दें कि पूर्व विधायक संयम लोढ़ा शिवगंज थाना क्षेत्र के खंदरा गांव के संत पोमजी महाराज की पत्नी की निर्मम हत्या के मामले में पीड़ित पक्ष के साथ कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस में हल्की झड़प हुई थी। 

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न डरे हैं, न डरेंगे...

इस मुद्दे पर प्रकरण दर्ज होने के बाद ट्वीट करते हुए संयम लोढ़ा ने भी लिखा है न डरे हैं, न डरेंगे। जनता के लिए लड़े थे और लड़ेंगे...। 
पूज्य संत पोमजी महाराज की पत्नी के हत्यारों को पकड़ने को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भी पुलिस ने किसी के इशारे पर पूरी आपराधिक स्क्रिप्ट लिख दी। जिला कलक्टर का मुख्य द्वार बंद, तीनों दिशाओं के द्वार बंद, किसी के कोई चोट आई नही, कोई तोड़ फोड़ हुई नही, कोई व्यक्ति अंदर गया नहीं लेकिन झूठा मुकदमा दर्ज करने का अवसर भाजपा और पुलिस ने ढूंढ ही लिया। लोढ़ा लिखते हैं सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, राजकार्य में बाधा उत्पन्न करना। जब अंदर गए ही नहीं तो फिर बाधा कहां उत्पन्न हो गई ? पुलिस किस स्तर तक गिरेगी ! मुकदमा दर्ज करने से क्या होगा ? हमारा संघर्ष रुक जाएगा। हमने हमेशा नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी हैं और आगे भी लड़ेगे।

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