कालंद्री थानाधिकारी की हठधर्मिता: घरेलू हिंसा की शिकार महिला लगा रही कालंद्री थाने के चक्कर, पर नही दर्ज हो रही एफआईआर, थक हार कर पीड़िता पहुंची एसपी की चौखट पर
सिरोही जिले के कालंद्री थाने में तैनात थानाधिकारी सरिता की हठधर्मिता के चलते क्षेत्र के लोग त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं, पर जिला पुलिस अधीक्षक हैं कि लोगो की पीड़ा को ही नही समझ रहे हैं। थानाधिकारी सरिता के द्वारा आमलोगों के साथ किए जा रहे गलत व्यवहार और पीड़ितों को न्याय दिलवाने की बजाए पीड़ितों को ही परेशान करने...
सिरोही। सिरोही जिले के कालंद्री थाने में तैनात थानाधिकारी सरिता की हठधर्मिता के चलते क्षेत्र के लोग त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं, पर जिला पुलिस अधीक्षक हैं कि लोगो की पीड़ा को ही नही समझ रहे हैं। थानाधिकारी सरिता के द्वारा आमलोगों के साथ किए जा रहे गलत व्यवहार और पीड़ितों को न्याय दिलवाने की बजाए पीड़ितों को ही परेशान करने को लेकर इस थानाधिकारी के बारे में कई बार मिडिया में सुर्खियां बनने के बावजूद इस थानाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई नही होने के कारण इनका हौसला बढ़ता ही जा रहा हैं। ऐसा ही एक और मामला कालंद्री थाने से सामने आया हैं जिसमें घरेलू हिंसा की शिकार महिला द्वारा करीब 15 दिन पहले थाने में लिखित रिपोर्ट देने के बावजूद कार्रवाई नही होने पर आज उस महिला को अपने माता-पिता के साथ सिरोही एसपी कार्यालय आकर अपनी पीड़ा बतानी पड़ी। जिस पर एसपी धर्मेंद्रसिंह यादव ने उसे एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। पूरा मामला ये हैं कि कालंद्री थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने एसपी को पेश की रिपोर्ट में बताया कि उसका पीहर कालंद्री थाना क्षेत्र में हैं और उसकी शादी आबूरोड़ सदर थाना क्षेत्र के गिरवर पुलिस चौकी के अधीन एक गांव भमरिया में हैं। और वो महिला अपने ससुराल वालों की से पीड़ित हैं और उसे घरेलू हिंसा का शिकार बनाया जा रहा हैं। जिसको लेकर इस महिला ने 14 जुलाई को कालंद्री थाने में उपस्थित होकर उसके ससुराल वालो के विरुद्ध लिखित रिपोर्ट पेश कर एफआईआर दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग रखी थी। पर कालंद्री थानाधिकारी सरिता ने ना तो उस पीड़िता की एफआईआर दर्ज की और ना ही परिवाद दर्ज किया। लेकिन पीड़िता बार बार थाने के चक्कर लगाती रही थानाधिकारी से कई बार अनुनय विनय किया। मगर एक महिला होने के बावजूद थानाधिकारी के हृदय में लेशमात्र भी पीड़ित महिला की पीड़ा महसूस नही हुई और उसे हर रोज चक्कर कटवाती रही। आखिर उस पीड़ित महिला को आज एसपी कार्यालय पहुंचकर एफआईआर दर्ज करवाने की गुहार लगानी पड़ी। ये कोई पहला मामला नही हैं। इससे पहले भी कालंद्री थानाधिकारी सरिता की हठधर्मिता और आमजन के साथ गलत व्यवहार को लेकर कई बार खबरें सामने आई हैं।
पहला बड़ा मामला - 12 जनवरी को एक नाबालिग बच्ची और उसके रिश्तेदार को कड़कड़ाती ठंड में बिना कम्बल बिठाया था थाने में
इस साल की शुरुआत में 11-12 जनवरी की रात्रि को इस महिला थानाधिकारी ने अपनी खाकी का ऐसा ख़ौफ़ दिखाया कि हर किसी की रूह कांप जाए। उस वक्त इस थानाधिकारी ने अहमदाबाद से अपने रिश्तेदार के साथ उसके घर जाने वाली एक 10 वर्षीय मासूम बच्ची को सिरोही बस स्टैंड से ही उठाकर थाने की जीप में डालकर कालंद्री थाने ले जाया गया। उन्हें पूरी रात थाने में बिठाकर रखा गया। 12 जनवरी की रात उस हाड़ कड़कड़ाने वाली सर्द रात में उन दोनों को बिना कम्बल के थाने में गुजारनी पड़ी थी। लेकिन अल सवेरे जैसे ही इस बात की भनक मीडियाकर्मियों को पड़ी और मीडियाकर्मी थाने पहुंचे तो थानाधिकारी ने आननफानन में उस नाबालिग व उसके रिश्तेदार को थाने से रवाना कर दिया। दरअसल उस नाबालिग औऱ उसके रिश्तेदार का कसूर बस इतना सा था कि जब वो अहमदाबाद से सिरोही आ रहे थे तो उन्होंने गांव के ही एक व्यक्ति को फोन कर मोटरसाइकिल लेकर सिरोही आने और उन्हें घर तक ले जाने की मदद मांगी थी, जिस पर गांव का ही एक व्यक्ति मोटरसाइकिल लेकर रात को 11 बजे सिरोही जा रहा था, तभी कालंद्री थाने के सामने उसे रुकवाया गया, और वो व्यक्ति इस थानाधिकारी की नज़र में संदिग्ध लग गया, बस फिर क्या था खाकी का ख़ौफ़ दिखाते हुए उस मोटरसाइकिल सवार को थाने की जीप में बैठाकर सिरोही ले गए और अहमदाबाद से आ रहे नाबालिग बच्ची और उसके रिश्तेदार को बस से उतरते ही जीप में बैठाकर कालंद्री थाने लाया गया और पूरी रात थाने के बरामदे में ठंड मरने के लिए बैठा दिया गया। जबकि नियमानुसार किसी भी नाबालिग बच्ची को इस तरह उठाकर थाने ले जाने या थाने में बैठाकर रखना कानूनन जुर्म हैं। पर क्या करें, ये जुर्म अगर कोई खाकीधारी करता हैं, तो उस पर कार्रवाई कौन करें? ये ही सबसे बड़ा सवाल हैं।
दूसरा बड़ा मामला : कलियुगी पुत्र ने अपनी मां के साथ की बेरहमी से मारपीट, पीड़िता पहुंची थाने तो थानाधिकारी ने बिना रिपोर्ट लिए पीड़िता को भेज दिया घर
2 फरवरी को कालंद्री थाना क्षेत्र की ही एक वृद्ध महिला के साथ उसके ही कलियुगी बेटे बेरहमी से मारपीट की। मारपीट इतनी ज्यादा थी कि वृद्धा के शरीर पर गम्भीर चोटें कारित हुई। आस पड़ोस के लोगो ने आकर बीच बचाव किया और वृद्धा को कलियुगी बेटे के कहर से बचा लिया। पर इस बात की शिकायत लेकर जब वो वृद्धा कालंद्री थाने में पहुंची तो थानाधिकारी सरिता ने उस पीड़ित वृद्धा की एक बात नही सुनी और बिना कोई रिपोर्ट लिए बिना कोई कार्रवाई किए उस वृद्ध महिला को थाने से बैरंग लौटा दिया था। जब थाने में फरियाद नही सुनी गई तो वो वृद्धा सिरोही एसपी कार्यालय पहुंची और अपनी पीड़ा बताकर रिपोर्ट दर्ज करवानी पड़ी थी। लेकिन तब भी एसपी साहब द्वारा थानाधिकारी सरिता के विरुद्ध कोई कड़ी कार्रवाई नही की गई।
तीसरा बड़ा मामला - नाबालिक को जबरन अगवा करने की नाकाम कोशिश करने वाले के विरुद्ध मामला दर्ज करने की बजाए पीड़िता पर ही समझौता करने का बनाया गया दबाव
घटना 3 जून की हैं जब कालंद्री थाना क्षेत्र की ही पीड़िता अपने सहेली के घर से अपने घर जा रही थी, तभी एक आरोपी ने पीड़िता के पास आकर गाड़ी रोकी, और उसे जोर जबरदस्ती उठाकर गाड़ी में डालने की कोशिश की। लेकिन पीड़िता के जोर से चिल्लाने के कारण पीछे से आ रहे उसके पिता ने दौड़ कर मौके पर पहुंचकर अपनी बेटी को बचा लिया। आरोपी पीड़िता के पिता को देखकर मौके से भाग गया, पर जाते जाते धमकी भी देकर गया कि वो उसके पूरे परिवार को जान से मार देगा। जिस पर पीड़िता के पिता ने 3 जून को ही कालंद्री थाने में पहुंचकर एक लिखित रिपोर्ट नामजद आरोपी के विरुद्ध पेश की। पर अपराधियो और बलात्कारियों को संरक्षण देने वाली कालंद्री थाना पुलिस मामला दर्ज करने की बजाए पीड़ित परिवार को समझौता करने का दबाव बनाने में जुट गई। उस मामले में कालंद्री थानाधिकारी सरिता ने पांच दिनों तक मामला दर्ज नही किया था और पीड़ित परिवार पर समझौता करने का दबाव बनाती रही। जब इस मामले में चल रही पंचायती की खबर मीडिया को लगी और इस मामले की खबर प्रकाशित की गई तब मज़बूरी में थानाधिकारी को वो मामला दर्ज करना पड़ा था। पर उस वक्त भी जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा थानाधिकारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नही की जिसका परिणाम इस क्षेत्र के लोग आज भी भुगत रहे हैं।
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