एकबार फिर सुर्खियों में खाकी: कालंद्री थाने में तैनात सहायक उप निरीक्षक के खिलाफ मारपीट का मामला आया सामने, खाकी के सताए पीड़ित ने कालंद्री थाने में दी लिखित रिपोर्ट 

सिरोही जिले के कालंद्री थाना का हैं, जहां कार्यरत सहायक उप निरीक्षक मोहनदास पर कालंद्री कस्बे में ही एक सर्विस सेंटर चलाने वाले लीलाराम माली ने एएसआई मोहनलाल द्वारा उनके साथ बीच बाज़ार मारपीट कर सरे बाजार जलील करने के गम्भीर आरोप लगाते हुए लिखित में रिपोर्ट पेश की हैं।

कालंद्री थाने में तैनात सहायक उप निरीक्षक के खिलाफ मारपीट का मामला आया सामने, खाकी के सताए पीड़ित ने कालंद्री थाने में दी लिखित रिपोर्ट 
पीड़ित द्वारा कालंद्री थाने में दी गई लिखित रिपोर्ट

सिरोही। लगता हैं सिरोही जिले की पुलिस को विवादों में बने रहने की आदत सी पड़ गई हैं। तभी तो एक के बाद एक पुलिसकर्मी के या तो वीडियो वायरल हो रहे हैं या फिर कोई व्यक्ति थाने पहुंचकर पुलिसकर्मी के विरुद्ध ही मामला दर्ज करवा रहा है। सिरोही के पूर्व एसपी हिम्मत अभिलाष टांक भी इन विवादों से बच नही पाए थे और उन पर भी शराब तस्करों से मिलीभगत कर शराब तस्करी की लाइन चलाने के आरोप लगे थे। उसके बाद कई थानों के थानाधिकारियों पर भी ऐसे ही आरोप लगे थे। जिससे राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय को हस्तक्षेप कर पूर्व एसपी हिम्मत अभिलाष टांक सहित जिले के 10 थानाधिकारियों का जिले से तबादला करना पड़ा था। ताज़ा मामला सिरोही जिले के कालंद्री थाना का हैं, जहां कार्यरत सहायक उप निरीक्षक मोहनदास पर कालंद्री कस्बे में ही एक सर्विस सेंटर चलाने वाले लीलाराम माली ने एएसआई मोहनलाल द्वारा उनके साथ बीच बाज़ार मारपीट कर सरे बाजार जलील करने के गम्भीर आरोप लगाते हुए लिखित में रिपोर्ट पेश की हैं। लेकिन रिपोर्ट पेश करने के बाद 10 दिन बीत जाने के बाद भी जांच तो दूर की बात, अभी इस पीड़ित की एफआईआर तक दर्ज नही की गई हैं। इस पूरे मामले को लेकर जब हमने कालंद्री थानाधिकारी श्रीमती सरिता से  जानकारी लेना चाह तो उन्होंने फोन उठाना ही मुनासिब नही समझा। जिसको लेकर जब हमने सम्बन्धित कार्यवाहक पुलिस उप अधीक्षक दिनेशकुमार से बातचीत की तो जानकारी मिली कि इस प्रकार का मामला सामने जरूर आया हैं। जिसको लेकर पीड़ित की रिपोर्ट को परिवाद के तौर पर रखा गया हैं और थानाधिकारी इसकी जांच कर रही हैं। लेकिन जब हमने डिप्टी से पूछा कि दस दिन बीत जाने के बाद भी अगर आपकी प्राथमिक जांच पूरी नही हुई हैं तो फिर आपकी पुलिस पीड़ित व्यक्ति को न्याय कब दिलवाएगी? साथ ही पूछा कि दस दिन तक मामले को दबाने के प्रयास करने के बावजूद भी  पीड़ित मामला वापस लेने के लिए तैयार नही तो कालंद्री थानाधिकारी ने इस मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज क्यों नही की। हमारे सवालों का डिप्टी दिनेशकुमार के पास कोई संतोषप्रद जवाब नही था जिसके चलते उन्होंने बस यही कहा कि जल्द ही जांच करके मामला दर्ज कर देंगे।

पीड़ित बोला "रिपोर्ट देने के बाद से ही आ रहे कई दबाव और मिल रही धमकियां

पीड़ित लीलाराम के साथ एएसआई मोहनदास द्वारा बीच बाज़ार पिटाई करने व जलील करने की जब पीड़ित द्वारा कालंद्री थाने में रिपोर्ट दी गई तब से ही पीड़ित को मामला वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा। पीड़ित लीलाराम ने फर्स्ट भारत को बताया कि  हर रोज कोई न कोई व्यक्ति उनसे संपर्क करके मामला वापस लेने का दबाव दे रहा हैं। नही मानने पर उसे झूठे केस में फंसाने की धमकियां भी दी जा रही हैं। इन सबके बावजूद पीड़ित ने कहा कि चाहे कुछ भी हो मुझे न्याय चाहिए और न्याय पाने के लिए सबकुछ सहन करने के लिए वो तैयार हैं।

एएसआई मोहनदास के विरुद्ध एक पूर्व सरपंच ने भी एसपी की हेल्पलाइन पर कर रखी हैं शिकायत

कालंद्री थाने में तैनात सहायक उप निरीक्षक मोहनदास की कार्यप्रणाली को लेकर कई बार लोगो ने शिकायतें की हैं। लेकिन इसके बावजूद एएसआई मोहनदास लम्बे समय से कालंद्री थाने में जमे हुए हैं। अभी हाल ही में लीलाराम माली के साथ की गई मारपीट के बाद कालंद्री कस्बे एक पूर्व सरपंच ने जिला पुलिस के व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। इस शिकायत में पूर्व सरपंच ने एएसआई मोहनदास पर कई गंभीर आरोप लगाए  हैं। जिसमें महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार से लेकर किशोरी बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ तक के आरोप शामिल हैं। पर इन सबके बावजूद आरोपित एएसआई के विरुद्ध कार्रवाई नही करना, कहीं ना कहीं सिस्टम की कमियों को उजागर जरूर करता हैं।

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