सिरोही चिकित्सा विभाग और घोटाले पार्ट 3: सिरोही जिला प्रभारी मंत्री, सूचना आयोग, चिकित्सा विभाग के सचिव, उप सचिव और संयुक्त सचिव के आदेशों तक को सिरोही सीएमएचओ ने किया दरकिनार, आरटीआई में नहीं दे रहे सूचना

सिरोही के चिकित्सा विभाग में भ्रष्टाचार के साथ घोटाले हो रहे है, इस बात पर मुहर लगा रहे है स्वयं ​सीएमएचओ सिरोही। जी हां, लोगों द्वारा सूचना के अधिकार द्वारा सूचना मांगी जा रही है लेकिन वे उपलब्ध ही नहीं करवा रहे है। आवेदक द्वारा प्रथम अपील की, दूसरी अपील की लेकिन कोई जवाब नहीं!

सिरोही जिला प्रभारी मंत्री, सूचना आयोग, चिकित्सा विभाग के सचिव, उप सचिव और संयुक्त सचिव के आदेशों तक को सिरोही सीएमएचओ ने किया दरकिनार, आरटीआई में नहीं दे रहे सूचना

गणपत सिंह मांडोली / गजेंद्र सिंह राठौड़
सिरोही। 
सिरोही चिकित्सा विभाग में भ्रष्टाचार या ​घोटाले हो रहे है, इस बात पर पुख्ता मुहर स्वयं ​मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय सिरोही लगा रहा है। कहने व सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह शत प्रतिशत सही है। 
चिकित्सा विभाग में भ्रष्टाचार और घोटालों की बानगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिरोही की ओर से राज्य सूचना आयोग, सिरोही जिला प्रभारी मंत्री, स्वास्थ्य विभाग के सचिव, उप सचिव के साथ संयुक्त सचिव तक के आदेशों को दरकिनार किया गया।


दरअसल, सीएमएचओ सिरोही ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के आदेशों की जमकर अवेहलना की। लोगों के द्वारा सिरोही चिकित्सा विभाग से संबंधित सूचनाएं चाही गई, लेकिन सीएमएचओ सिरोही इन सूचनाओं को दबाकर बैठ गए। हालात यह है कि सिरोही जिले के प्रभारी मंत्री को जब सूचना उपलब्ध नहीं कराने की जानकारी मिली तो उन्होंने  पत्र जारी कर सूचना 7 दिन में उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए, लेकिन सीएमएचओ सिरोही की हठधर्मिता देखों कि प्रभारी मंत्री के आदेशों तक की अवेहलना करते हुए 11 माह बाद भी प्रार्थी को सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। इसी तरह अन्य आलाधिकारियों के आदेशों को भी दरकिनार किया गया। पेश है एक रिपोर्ट:—

सिरोही जिला प्रभारी मंत्री ने जारी किए आदेश, सीएमएचओ ने की अवेहलना
जोधपुर निवासी एक प्रार्थी द्वारा सीएमएचओ कार्यालय सिरोही से संबंधित सूचनाएं सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी। लेकिन निर्धारित समय पर सूचना प्राप्त नहीं होने पर 23 मार्च 2021 को सिरोही जिला प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया के सिरोही प्रवास के दौरान प्रार्थी ने शिकायत की।

इस पर 6 अप्रेल 2021 को तत्कालीन गोपालन एवं खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने पत्र जारी कर सिरोही कलेक्टर को सूचनाएं 7 दिन में उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए। प्रभारी मंत्री के आदेशों पर लोक सूचना अधिकारी सिरोही के तौर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने 16 अप्रेल 2021 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिरोही राजेश कुमार को पत्र जारी किया। लेकिन सीएमएचओ सिरोही की हठधर्मिता देखो आदेशों के 11 माह बाद भी सूचना उपलब्ध नहीं कराई। 

चिकित्सा विभाग ने 7 दिन में सूचना देने के दिए निर्देश, 6 माह बाद भी नहीं दी...
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशालय की ओर से अतिरिक्त निदेशक के आदेशों की सीएमएचओ सिरोही ने जमकर अवेहलना की। या यूं कहा जाए कि सिरोही सीएमएचओ ने चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त निदेशक के आदेशों की पालना करना जरूरी नहीं समझा।

जानकारी के अनुसार सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्रार्थी द्वारा 16 सितंबर 2021 को सिरोही में डॉक्टर, एएनएम, आशा सहयो​गिनी से संबंधित प्रशिक्षण के प्रकरण में सूचना मांगी थी। सूचना चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक से मांगी गई थी। इस संबंध में 4 अक्टूबर 2021 को अतिरिक्त निदेशक ने सिरोही सीएमएचओ को 7 दिवस में सूचना उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए थे, लेकिन यहां भी सीएमएचओ सिरोही की हठधर्मिता देखो 6 माह बाद भी कोई जवाब नहीं दिया। 

ये 2 उदाहरण है, इनके अलावा एक दर्जन से अधिक प्रकरण दूसरी अपील में लंबित
सिरोही सीएमएचओ राजेश कुमार के द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम की जमकर अवेहलना की जा रही है। फिर चाहे राज्य सूचना आयोग हो या चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी, किसी के आदेशों की पालना सीएमएचओ सिरोही के स्तर पर नहीं जा रही। उपरोक्त दो प्रकरण तो केवल उदाहरण मात्र है। ऐसे ही करीबन 15 से अधिक मामलों में सीएमएचओ सिरोही द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। जबकि इन सभी मामलों में प्रार्थी द्वारा प्रथम अपील के बाद दूसरी अपील तक कर दी गई। कई सूचनाओं को मांगे करीबन 1 साल से अधिक का समय हो गया, लेकिन सिरोही सीएमएचओ जवाब देना मुनासिब ही नहीं समझ रहे है। 

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