दैनिक भास्कर पर इनकम टेक्स की रेड: दैनिक भास्कर समूह पर आयकर विभाग की रेड में चौंकाने वाले खुलासे,​ 700 करोड़ रुपए की हेराफेरी का अंदेशा

देशभर में चर्चा का विषय बन रही दैनिक भास्कर समूह पर आयकर विभाग का कार्रवाई में तथ्य चौंकाने वाले सामने आ रहे है। आयकर विभाग के अधिकारियों की माने तो मामला करोड़ों रुपए की हेराफेरी का है। इतना ही नहीं, टैक्स चोरी के साथ शेयर बाजार के नियमों के उल्लंघन का भी मामला सामने आ रहा है। 

दैनिक भास्कर समूह पर आयकर विभाग की रेड में चौंकाने वाले खुलासे,​ 700 करोड़ रुपए की हेराफेरी का अंदेशा

नई​ दिल्ली। 
देशभर में चर्चा का विषय बन रही दैनिक भास्कर समूह (Dainik Bhaskar Group)पर आयकर विभाग (Income Tax Department) का कार्रवाई में तथ्य चौंकाने वाले सामने आ रहे है। आयकर विभाग के अधिकारियों की माने तो मामला करोड़ों रुपए की हेराफेरी का है। इतना ही नहीं, टैक्स चोरी(Tax evasion) के साथ शेयर बाजार के नियमों के उल्लंघन का भी मामला सामने आ रहा है। 
जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग ने शनिवार को बताया कि दैनिक भास्कर ग्रुप पर छापेमारी के दौरान 700 करोड़ रुपए की आय पर टैक्स चोरी, शेयर बाजार (Share Market) के नियमों का उल्लंघन और सूचीबद्ध कंपनियों से लाभ की हेराफेरी के सबूत मिले हैं। आय पर टैक्स चोरी का आंकड़ा बढ़ भी सकता है, क्योंकि अभी जांच जारी है। आयकर विभाग (Income Tax Department)ने दो दिन पहले दैनिक भास्कर ग्रुप के दफ्तरों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था। विभाग की ओर से जारी बयान में बताया गया है, 'छापेमारी के दौरान यह पता चला है कि वे अपने कर्मचारियों (Employees) के नाम पर कई कंपनियां चला रहे थे। इनका इस्तेमाल फर्जी खर्चों की बुकिंग (Booking of Fake Expenses)और धन को इधर से उधर करने के लिए हो रहा था। कई कर्मचारी जिन्हें शेयरधारक और डायरेक्टर (Shareholders and Directors)बनाया गया था, उन्होंने छापेमारी के दौरान कबूल किया कि उनके नाम से चलाई जा रही कंपनियों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इनता ही नहीं, साथ ही बताया कि उन्होंने अपने आधार कार्ड और डिजिटल हस्ताक्षर कंपनी को भरोसे में दिए थे। कुछ रिश्तेदार पाए गए, जिन्होंने स्वेच्छा से और जानबूझकर कागजात पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन उन्हें जिन कंपनियों का डायरेक्टर या शेयरधारक बनाया गया था। उनकी व्यवसायिक गतिविधियों की कोई जानकारी या नियंत्रण नहीं था। इसके 'साथ ही बताया कि, 'इन कंपनियों का इस्तेमाल फर्जी खर्च बुकिंग, सूचीबद्ध कंपनियों से मुनाफे में हेराफेरी जैसे कई मकसद के लिए किया गया।'  आयकर विभाग ने यह भी कहा कि छापेमारी के दौरान उन्हें सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सेबी(SEBI) की ओर से निर्धारित नियमों का उल्लंघन भी पाया है। बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम के आवेदन की भी जांच की जाएगी।

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