साख बचाने में जुटी पुलिस, मिली बदनामी: सिरोही जिले में आबकारी पुलिस की कार्रवाई के बाद साख बचाने के लिए पुलिस ने महज 12 घंटे बाद ही अवैध शराब का पकड़ा जखीरा, लेकिन उजागर हो गई पुलिस की मिलीभगत, सवालों में सिरोही पुलिस अधीक्षक?
अब ऐसे में सिरोही पुलिस की साख खराब होने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक साहब ने आबकारी की कार्रवाई के महज कुछ घंटों के बाद अवैध शराब तस्करी की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे दिया, लेकिन पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई से साख बचने की बजाय किरकिरी हो गई।
सिरोही।
आबकारी के 5 जिलों की टीम ने सिरोही में अवैध शराब तस्करी पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम देकर सिरोही पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया, या यूं कहा जाए कि आबकारी दस्ते ने शराब तस्करी में सिरोही पुलिस की मिलीभगत की ओर इशारा कर दिया। अब ऐसे में सिरोही पुलिस की साख खराब होने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक साहब ने आबकारी की कार्रवाई के महज कुछ घंटों के बाद अवैध शराब तस्करी की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे दिया, लेकिन पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई से साख बचने की बजाय किरकिरी हो गई। अब पुलिस की ही कार्यशैली पर सवाल उठ रहे है। पुलिस की मिली भगत तथाकथित तौर पर साबित हो रही है। इतना ही नहीं, जिला पुलिस की इस कार्रवाई के बाद पुलिस मुख्यालय से जांच के आदेश हुए और जोधपुर रेंज आईजी ने मुख्यालय के निर्देशों के अनुसार जालोर के पुलिस अधिकारी को जांच करने का आदेश तक जारी कर दिया।
सिरोही एसपी हिम्मत अभिलाष टांक की किरकिरी जग जाहिर होती जा रही हैं। दरअसल शनिवार-रविवार की मध्यरात्रि राजस्थान आबकारी की विशेष टीम ने सिरोही जिले के रोहिड़ा थाना क्षेत्र में दबिश देकर शराब के अवैध काले कारोबार का भंडाफोड़ करते हुए 1880 कर्टून शराब की बड़ी खेप के साथ 11 आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही 15 वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की। इस कार्रवाई ने सिरोही जिले की पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया था। इसके चलते इस पूरी कार्रवाई के बाद जिले के एसपी सहित तमाम जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली थी। लेकिन इस कार्रवाई के बाद जिले सहित पूरे प्रदेश में पुलिस के आचरण को लेकर खूब थू थू हुई। इसी जख्म पर मरहम लगाने के लिए सिरोही एसपी हिम्मत अभिलाष टांक ने अपनी साख बचाने का ऐसा नायाब तरीका ढूंढा कि जख्म भरने की बजाए और गहराता चला गया।
यूं समझे सिरोही पुलिस की कार्रवाई को
मामला यह हैं कि रविवार की रात्रि में आबकारी आयुक्त की विशेष टीम की उस बड़ी कार्रवाई के बदले में सिरोही एसपी ने सरूपगंज थाना क्षेत्र में एक ऐसी कार्रवाई को अंजाम दिया, जिस पर यकीन करना किसी के भी गले नहीं उतर रहा। रविवार की शाम तक मीडिया के सवालों पर कोरोना ड्यूटी का रोना रोने वाले एसपी हिम्मत अभिलाष टांक सोमवार को तडक़े मीडियाकर्मियों को सनसनीखेज खबर देते हुए बताने लगे कि आबकारी आयुक्त की टीम ने 15 वाहनों की जब्ती के बाद जितनी शराब नहीं पकड़ी उतनी शराब सरूपगंज थाना पुलिस ने मात्र एक कन्टेनर पकड़ कर ही जब्त कर ली। सरूपगंज थाना पुलिस ने रविवार-सोमवार की मध्य रात्रि में 1705 कर्टन हरियाणा निर्मित अवैध शराब के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार करने की कार्रवाई को अंजाम दिया हैं।
अवैध शराब में जब्त कंटेनर की अनसुलझी कहानी..., और पुलिस की मिलीभगत
सिरोही एसपी जिस कन्टेनर में हरियाणा से शराब भरकर आना बता रहे हैं, दरअसल वो कन्टेनर पिछले कई महीनों से सिरोही जिले की सीमा छोडक़र बाहर ही गया ही नहीं। एसपी हिम्मत अभिलाष टांक और उनके मातहत थानाधिकारी जिस कन्टेनर को हरियाणा से गुजरात जाने का बताकर पकड़ कर वाहवाही लूटना चाह रहे हैं, वो कन्टेनर रविवार को ही दोपहर 12 बजकर 8 मिनट और 33 सेकेंड पर आबूरोड़ की तरफ से उड़वादिया टोल प्लाजा होते हुए सरूपगंज की तरफ जाने की पुष्टि हुई है। टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज और टोल प्लाजा पर चुकाए टोल टैक्स की रसीदें इस बात की पुष्टि भी कर रही है। जब ये कन्टेनर दोपहर के 12 बजे उड़वादिया टोल से निकला तो फिर वो ही कन्टेनर रात को 11 बजे हरियाणा से शराब भरकर पुन: सरूपगंज कैसे पहुंच गया?
आश्चर्य: उड़वादिया टोल के अलावा कहीं नजर नहीं आया कंटेनर
सबसे बड़ी हैरानी की बात तो ये हैं कि सरूपगंज से आगे ये कन्टेनर ना तो उथमण टोल प्लाजा को क्रॉस करता हैं, और ना ही मालेरा टोल को क्रॉस किया जाता हैं। फिर ये कन्टेनर हरियाणा कैसे पहुंचा, इसका जवाब तो सिरोही एसपी और उनकी टीम ही दे सकती हैं। सिर्फ आजकल ही नहीं, पिछले तीन महीनों के रिकॉर्ड भी उठाकर देखे तो इस कन्टेनर ने सिरोही जिले की सीमा को कभी क्रॉस ही नही किया। और इसके बावजूद इस कन्टेनर ने पिछले एक महीने में सरूपगंज के उड़वादिया टोल को 12 बार अपडाउन क्रॉस किया। यानी ये कन्टेनर सरूपगंज कस्बे के इर्दगिर्द ही घूमता रहा और एक जगह से दूसरी जगह पर शराब की खेप इधर उधर करता रहा।
पुलिस की मिली भगत से सिरोही में गोदाम से सप्लाई
आप को बता दें कि सरूपगंज थाना क्षेत्र के इसरा के आसपास शराब माफिया का बड़ा गोदाम हैं, जहां हरियाणा निर्मित शराब का बड़ी मात्रा में स्टॉक किया जाता है। यहां से इस कन्टेनर में शराब भरकर रोहिड़ा थाना क्षेत्र के भीमाणा भारजा के बीच स्थित एक कृषि कुएं तक पहुंचाया जाता था, जहां से छोटी गाडिय़ों में क्रॉसिंग देकर पूरी खेप गुजरात पहुंचाई जाती थी। इसमें सिरोही पुलिस अधीक्षक से लेकर सरूपगंज और रोहिड़ा थाना पुलिस की मिलीभगत सामने आई है।
पिंडवाड़ा विधायक के ट्वीट ने कर दिया हंगामा
पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया के पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक ट्वीट ने इस पूरे गोरखधंधे का भंडाफोड़ कर दिया। आबकारी आयुक्त ने इस पर संज्ञान लेते हुए रविवार को अवैध शराब परिवहन करने के जुर्म में 15 गाडिय़ों सहित 11 आरोपियो को गिरफ्तार करना पड़ा था। उस कार्रवाई के बाद अपनी साख बचाने के लिए एसपी ने एक मन घड़ंत कहानी रचकर मात्र 24 घण्टे के भीतर भीतर सोमवार को इस कन्टेनर को जब्त कर वाहवाही लूटने का प्रयास किया गया।
हर बार एसआई छगन डांगी ही क्यों ?
सिरोही एसपी हिम्मत अभिलाष टांक की कार्यप्रणाली को लेकर जब जब सवाल उठने लगते हैं, तब तब हर बार एक झूठी कहानी लेकर कार्रवाई करने के लिए पुलिस उप निरीक्षक छगन डांगी का नाम सामने आया। पालड़ी एम थाना क्षेत्र के पिपलेश्वर महादेव मंदिर के महंत की हत्या के बाद क्षेत्र में आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर जब हिन्दू संगठनों ने पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाया तो एसपी ने एक झूठी मनगढंत कहानी के सहारे आरोपियों को पकडऩे की जिम्मेदारी उपनिरीक्षक छगन डांगी को सौंपी और कालंद्री थाना क्षेत्र के मोहब्बतनगर के ग्रामीणों द्वारा पकड़े चोर को पालड़ी एम थाना क्षेत्र के पिपलेश्वर महादेव मंदिर के महंत का हत्यारा बताकर उसे छगन डांगी के हवाले किया गया। इसे उपनिरीक्षक छगन डांगी ने आबूरोड़ क्षेत्र से गिरफ्तार बताकर पूरी मनगढंत कहानी को अपना अचीवमेंट बताकर पेश किया। इसी प्रकार जब रविवार को पांच जिलों की संयुक्त आबकारी टीम ने रोहिड़ा थाना क्षेत्र में अवैध शराब का भारी जखीरा पकड़ा तब भी डैमेज कंट्रोल करने के लिए फिर से एक झूठी कहानी रचकर उसी उपनिरीक्षक छगन डांगी को आगे करते हुए मात्र 24 घण्टों के भीतर भीतर शराब की दूसरी कार्रवाई को अंजाम देकर साख बचाने का प्रयास क्या संकेत देता हैं।
आखिर एसपी को गुजरात बॉर्डर से क्यों हैं इतना लगाव?
वर्ष 2009 में आरपीएस से आईपीएस बने हिम्मत अभिलाष टांक को गुजरात बॉर्डर से सटे जिलों में एसपी रहने का विशेष लगाव हैं। तभी तो पहले डूंगरपुर, फिर जालोर और अब सिरोही जिले में बतौर एसपी ड्यूटी निभा रहे हैं। आखिर एसपी हिम्मत अभिलाष टांक का सीमावर्ती जिलों से इतना लगाव क्यों हैं? आज हर किसी के मन में सवाल हैं। आपको बता दें गुजरात राज्य में शराब बंदी के चलते राजस्थान के इन सीमावर्ती जिलों से गुजरात में भारी मात्रा में अवैध शराब की तस्करी जग जाहिर हैं। फिर चाहे वो डूंगरपुर जिला हो, जालोर जिला हो या फिर सिरोही जिला। यहां से शराब माफियाओं द्वारा अवैध शराब का बड़ा कारोबार चलाया जाता हैं। इनसे हर महीने बड़ा कमीशन पुलिस अधिकारियों को दिया जाता हैं ताकि उनके इस काले कारोबार में पुलिस रोड़ा ना बने।
विवादों से एसपी टांक का पुराना रिश्ता
हिम्मत अभिलाष टांक सरल व्यक्तित्व के आईपीएस अधिकारी माने जाते रहे है, लेकिन जालोर में इनका कार्यकाल खूब विवादित रहा। सांचौर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से एसपी के विरुद्ध शिकायत की गई थी। इसी प्रकार कोरोना लॉक डाउन के दौरान नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की ओर से ट्वीट करके जालोर एसपी की मुख्यमंत्री से शिकायत करना, बागोड़ा डोडा प्रकरण में थाने पर डोडा पोस्त में खरीद फरोख्त के आरोप के बाद उच्च स्तर से जांच शुरू होने आदि मामले में शामिल है। इसी प्रकार जिलेभर में अवैध बजरी खनन मामलों में एकतरफा कार्रवाई करने के भी कई आरोप लगे।
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