यह जादू एक फोन से शुरू हुआ: एक नेताजी का कॉल आया और नकली घी असली में बदल गया

 सिरोही जिले में फल फूल रहे नकली घी के कारोबार पर नकेल कसने के लिए कल जिले की डीएसटी टीम ने कार्रवाई करते हुए इस खेल में शामिल एक छोटी मछली को दबोच कर इस पूरे खेल का भंडाफोड़ करने की एक छोटी सी पहल की थी। बाहरी घाटा स्थित हनुमान मंदिर के पास नकली घी के पांच डिब्बे जब्त कर एक आरोपी को भी दस्तयाब किया था। इसके बाद इस मामल

एक नेताजी का कॉल आया और नकली घी असली में बदल गया

सिरोही | सिरोही जिले में फल फूल रहे नकली घी के कारोबार पर नकेल कसने के लिए कल जिले की डीएसटी टीम ने कार्रवाई करते हुए इस खेल में शामिल एक छोटी मछली को दबोच कर इस पूरे खेल का भंडाफोड़ करने की एक छोटी सी पहल की थी। बाहरी घाटा स्थित हनुमान मंदिर के पास नकली घी के पांच डिब्बे जब्त कर एक आरोपी को भी दस्तयाब किया था। इसके बाद इस मामले की पूरी कार्रवाई के लिए सिरोही कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई। और कोतवाली थाने के पुलिस जाब्ते ने मौके पर पहुंचकर आरोपी सहित नकली घी के डिब्बे कोतवाली थाने में लाए गए। कोतवाली थाना पुलिस इस पर कोई कार्रवाई करती इससे पहले ही सिरोही नगरपरिषद के सभापति महेंद्र मेवाड़ा उर्फ मन्नू भाई मेवाड़ा का फोन कॉल आ गया। कोतवाल सरोज बैरवा ने सभापति को बताया कि यह कार्रवाई डीएसटी टीम द्वारा की गई हैं जो एसपी साहब के निर्देशन में काम करती हैं। इसलिए एसपी साहब के बिना आदेश इसे छोड़ा नही जा सकता। सभापति महोदय ने तुरंत एसपी साहब से बात की। और थोड़ी ही देर में कोतवाल के पास एसपी साहब का फोन आ गया। और बिना किसी लैब टेस्टिंग के ये तय हुआ कि  घी नकली नही, बल्कि असली हैं और ये घी बिलौना से निर्मित हैं। जब टाइगर ये कहे कि घी नकली नही असली हैं, तो फिर एक कोतवाल की क्या बिसात। नकली घी को असली करार दे दिया गया और आरोपी को छोड़ते हुए घी के डिब्बे भी रिलीज कर दिए गए। आखिर ये घी के डिब्बे नगरपरिषद सभापति के जो ठहरे। और सभापति भी वो जिनकी पार्टी की राज्य में सरकार हैं। अब आप तो अच्छी तरह से समझते हैं कि राज के आगे सब नत मस्तक होते ही हैं।

सिरोही में भैंसें ज्यादा हैं फिर ​बीकानेर से घी क्यों
कोतवाल से लेकर एसपी कह रहे हैं कि पकड़ा गया घी नकली नही असली था। और ये बिलौना से निर्मित किया हुआ गाय का घी था। अब सवाल उठता हैं कि जब घी असली था, बिलौना से निर्मित था, तो फिर बिलौना का घी बीकानेर से क्यों मंगवाया गया? सिरोही जिले की पावापुरी गौशाला का घी जिले में अच्छी पैठ रखता हैं। जहां आसानी से बड़ी मात्रा में गाय का घी उपलब्ध भी हो जाता हैं। इसके अलावा जिले की नंदगांव गौशाला भी हैं, जहां पैठबन्द घी मिल जाता। वहीं पड़ोसी जिले जालोर की पथमेड़ा गौशाला की गायों का घी भी काफी मशहूर हैं। ऐसे में सभापति जी द्वारा बीकानेर से घी मंगवाना समझ से परे हैं। यदि भैंसों के घी की बात करें तो 2019 की पशुगणना के अनुसार 2 लाख 8251 भैंसें बीकानेर में हैं तो सिरोही में 2 लाख 11 हजार हैं। ऐसे में ये दावे हवाई ही नजर आते हैं। पर खैर अब सत्ताधारी दल के नेताजी का घी हैं तो फिर सारे सवाल गौण हो जाते हैं। इसलिए हमें भी एसपी और कोतवाल की तरह इस घी असली मानकर इतिश्री कर देनी चाहिए।

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