Jodhpur 1 लाख का ईनामी वांटेड गिरफ्तार: भीलवाड़ा में 2 पुलिस कांस्टेबलों की हत्या मामले में वांटेड और 1 लाख का ईनामी बदमाश राजू फौजी जोधपुर से गिरफ्तार
भीलवाड़ा पुलिस के दो कांस्टेबल हत्या मामले में मोस्ट वांटेड राजू फौजी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 1 लाख के ईनामी बदमाश राजू फौजी को पुलिस ने जोधपुर के बाहर सुबह 6 बजे सारण नगर और खोखरिया के पास मकान से दबोच लिया।
जोधपुर।
भीलवाड़ा पुलिस के दो कांस्टेबल हत्या मामले में मोस्ट वांटेड राजू फौजी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 1 लाख के ईनामी बदमाश राजू फौजी को पुलिस ने जोधपुर के बाहर सुबह 6 बजे सारण नगर और खोखरिया के पास मकान से दबोच लिया।
हालांकि पुलिस कार्रवाई देख राजू फौजी ने जवानों पर फायरिंग की, इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलियां चलाई। फायरिंग में राजू फौजी घायल हो गया, जिसे जोधपुर के मथुरादास अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के मुताबिक बाड़मेर के कल्याणपुर पुलिस थाना इलाके के डोली गांव निवासी राजूराम उर्फ फौजी पुत्र करनाराम बिश्नोई को जोधपुर से पकड़ा है। आरोपी फौजी अप्रैल माह में भीलवाड़ा जिले से डोडा पोस्त की तस्करी कर रहा था।
इस दौरान भीलवाड़ा पुलिस ने उसे पकड़ने का प्रयास किया तो आरोपी ने दो जगह पर फायरिंग कर 2 पुलिस कांस्टेबलों की हत्या कर दी और मौके से फरार हो गए।
इसके बाद पुलिस ने आरोपी राजू फौजी पर एक लाख रुपए का ईनाम घोषित किया। राजू फौजी की लोकेशन जोधपुर के खोखरिया में आने पर जोधपुर और भीलवाड़ा पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए दबिश दी।
हथियारबंद कमांडो ने की मकान की घेराबंदी
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) भुवन भूषण यादव के निर्देशन और सहायक पुलिस आयुक्त राजेन्द्र प्रसाद दिवाकर के नेतृत्व में हथियार बंद कमांडो के साथ अल सुबह छह बजे मकान की घेराबंदी की गई।
पुलिस कार्रवाई को देख मकान में छुपा राजू फौजी भागने का प्रयास किया। लेकिन घेराबंदी से सफल नहीं हो सका। इसके बाद राजू ने पुलिस पर फायर शुरू कर दिए।
इसमें पुलिस का कोई जवान हताहत नहीं हुआ।इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग शुरू की। दो गोली राजू के पांव और एक गोली सिर को छूकर निकल गई। इससे वह घायल हो गया।
पुलिस टीम ने उसे पकड़कर तुरंत एमडीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती कराया।
1 दर्जन से अधिक मामले दर्ज
राजू फौजी के खिलाफ एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज है। इसमें कांस्टेबल की हत्या का मामला शामिल है। इसके अलावा अपहरण, लूट, मारपीट, अवैध हथियार, अवैध मादक पदार्थ तस्करी जैसे मामले दर्ज है।
पुलिस के मुताबिक राजू का सेन्य बल में चयन हुआ था, इसके बाद वह कुछ समय बाद ही सेना से भाग कर आ गया। इसके चलते उसे राजू फौजी कहा जाने लगा। पैसे कमाने की ललक के चलते राजू ने सेना की नौकरी छोड़ तस्करी का काम शुरू कर दिया। कई सालों तक डोडा, पोस्त और अफीम की तस्करी में जमकर पैसा कमाया।
राजू ने हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू को हटाने के लिए सुपारी तक ली, लेकिन उसकी गैंग के गुर्गे पकड़ में आने के बाद वह अफीम की तस्करी में लग गया।
इस दौरान भीलवाड़ा में पुलिस की फायरिंग हो गई और वह पुलिस की लिस्ट में टॉप पर आ गया।
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