विधायक संयम लोढ़ा ने CM को भेजा पत्र: गांवों के पट्टे और प्रक्रिया आनलाइन हो तथा शहरों की तर्ज पर हो भवनों का निर्माण 

ग्राम पंचायतें जो बड़े कस्बे का रूप ले रही हैं उनमें बड़े-बड़े वाणिज्यिक व रहवासी काम्पलेक्सों का निर्माण हो रहा हैं। इन बडी ग्राम पंचायतों में इस तरह के निर्माण स्वीकृति के प्रकरण आने से तथा नियमों में स्पष्ट प्रावधान नही होने से ग्राम पंचायतों को स्वीकृति जारी करने में कठिनाईयो का सामना करना पडता है।

गांवों के पट्टे और प्रक्रिया आनलाइन हो तथा शहरों की तर्ज पर हो भवनों का निर्माण 

सिरोही | विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजकर वर्तमान में प्रचलित राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 व राजस्थान पंचायती राज नियम,1996 में संशोधन करने की माँग की। 

विधायक संयम लोढा ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 68 के तहत् आबादी भूमि में भवन निर्माण स्वीकृति से संबंधित नियमों में मकान, दुकान, बहुमंजिला इमारत बनाने, उसमें पार्किंग स्थल छोडने व सेटबैक भूमि के बारे में कोई प्रावधान नही है। वर्तमान में जिले में कई ग्राम पंचायतें जो बड़े कस्बे का रूप ले रही हैं उनमें बड़े-बड़े वाणिज्यिक व रहवासी काम्पलेक्सों का निर्माण हो रहा हैं। इन बडी ग्राम पंचायतों में इस तरह के निर्माण स्वीकृति के प्रकरण आने से तथा नियमों में स्पष्ट प्रावधान नही होने से ग्राम पंचायतों को स्वीकृति जारी करने में कठिनाईयो का सामना करना पडता है। वर्तमान में नियमों में मकान, दुकान, बहुमंजिला ईमारत (वाणिज्यिक/आवासीय), चारदीवारी निर्माण के बारे में निर्धारित प्रक्रिया व दरों का स्पष्ट उल्लेख नही है। साथ ही भवन निर्माण हेतु जारी अनुज्ञा का प्रारूप व प्रक्रिया का अभाव है। वर्तमान में राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 68(पग) के तहत् मात्र दर (भवन सन्निर्माण के लिये अनुज्ञा 02/- प्रति वर्ग मीटर पक्के सन्निर्माण के लिये) का ही उल्लेख है जो भी वर्तमान में न्याय संगत नहीं है। लोढ़ा ने इस बिन्दु से अवगत कराते हुवे इस प्रकरण के प्रावधानों का समावेश कराया जाये।

पुनर्गठन के पश्चात् पुराने पट्टे या पट्टों के निस्तारण को लेकर करवाया ध्यान आकर्षित
विधायक संयम लोढा ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में लिखा कि राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 173(ख) के तहत् रीति जिसमें भूखण्डों के उपविभाजन और पुनर्गठन के लिये अनुज्ञा अभिप्राप्त की जा सकेगी में नियम 173(क) की तहत् पट्टे का प्रारूप निर्धारित नही है जिसमें पट्टा उपविभाजन और पुनर्गठन के पश्चात् जारी किया जा सके। नियमों में पट्टो का उपविभाजन या पुनर्गठन के पश्चात् पुराने पट्टे या पट्टों का किस तरह निस्तारण किया जाये, का प्रावधान नही है। उन्होने इस प्रकरण की ओर विशेष ध्यान आकर्षित कराते हुवे कहा कि नियमों में उक्त प्रावधानों का समावेश कराया जाये।

पट्टा/प्रारूप हस्तांतरण/नामान्तरण को लेकर करवाया ध्यान आकर्षित 

राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 173 के तहत् हस्तांरण/नामान्तरण करने का प्रावधान किया गया है जिसमें निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर मात्र रजिस्टर में अंकन किया जायेगा, का प्रावधान किया गया है। उक्त प्रक्रिया का पालन करने पर हस्तांतरण/नामान्तरण में परिवार के दो या दो से अधिक सदस्यों को हस्तांतरण/नामान्तरण करने के किस प्रारूप में आदेश जारी किया जायेगा, का प्रारूप निर्धारित नही है जिसमें पट्टा/प्रारूप हस्तांतरण/नामान्तरण के पश्चात् जारी किया जा सके। साथ ही उक्त प्रक्रिया का पालन करने में राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 173  के आज्ञा दिनांक 603 दिनांक 09.05.2018 के क्रम संख्या 01 में वर्णित उत्तराधिकार/परिवार के सदस्यों को हस्तांतरण में उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की आवश्यकता अनिवार्य बतायी है। उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र किस अधिकारी/न्यायालय द्वारा जारी किया गया मान्य रहेगा, का स्पष्ट प्रावधान अंकित नही है। विधायक लोढ़ा ने इस प्रकरण की ओर विशेष ध्यान दिलाते हुए नियमों में प्रावधानों का समावेश कराया जाने की मांग रखी।
ग्राम पंचायतों को सेटेलाईट नक्शा जारी कर आबादी नक्शें में स्पष्ट अंकन किया जाए
वर्तमान में ग्राम पंचायतों के पास अपनी स्वामित्व की आबादी भूमि के बारे में कोई जानकारी नही है कि किस गली में कौनसा मकान, प्लाॅट किस व्यक्ति का है ? कौनसी गली कितने फीट चैडी है ? मकान, प्लाॅट, गली, भवन (सरकारी/व्यक्तिगत) का पट्टा जारी किया हुआ है या नही ? कुल आबादी भुमि में से किस-किस मकान, दुकान, प्लाॅट का पट्टा जारी किया हुआ है और किस किसका पट्टा जारी किया जाना बकाया है, की जानकारी हेतु राजस्व विभाग की तरह अपने विभाग के द्वारा ग्राम पंचायतों को सेटेलाईट नक्शा जारी करवाकर प्रत्येक मकान, दुकान, प्लाॅट का आबादी नक्शें में स्पष्ट अंकन करवाया जाये। साथ ही एक रजिस्टर का प्रावधान किया जाये जिसमें प्रत्येक गली/वार्ड में बने मकान, प्लाॅट का अंकन हो। राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 173(ळ) के तहत् हस्तांरण/नामान्तरण करने का प्रावधान की प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात् उसमें अंकन किया जाये। उक्त प्रावधान होने से भविष्य में न्यायालय/पुलिस विभाग द्वारा अचल/चल सम्पत्ति का ब्यौरा मांगने पर जल्द ही दिया जा सके। लोढा ने नियमों में उक्त प्रावधानों का समावेश कराये जाने की मांग रखी। 

गांवों में पट्टे के आवेदन से जारी करने तक को किया जाए आनलाइन
राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 140 से नियम 173 तक आबादी भूमि में पट्टे जारी करने के प्रावधान दिये गये है। कई बार ग्राम पंचायतो द्वारा पुरानी तारीखों में भी पट्टा जारी कर दिया जाता है जिससे अनावश्यक विवाद उत्पन्न हो जाते है। ग्रामवासियों द्वारा आवेदन करने के पश्चात् पट्टे की प्रक्रिया किस स्तर पर लम्बित है, की कोई जानकारी नहीं हो पाती है। सरकार सुशासन के प्रति जागरूक है तथा समय-समय पर हर प्रक्रिया को आनलाईन कर रही है। इस प्रकरण में लोढ़ा ने राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियमों में पट्टे जारी करने के प्रावधान में आवेदन से लेकर पट्टा जारी करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया को आनलाईन करायी जाये। लोढ़ा ने इस प्रकरण की ओर विशेष ध्यान दिलाते हुए लिखा कि नियमों में उक्त प्रावधानों का समावेश कराया जाये।

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