विधानसभा में ग्रामीण विकास मांगे पारित: राजस्थान में अब जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक 90 की जगह होगी 45 दिन में, ग्रामीण विकास विभाग की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि आम जनता की समस्याओं का समय पर निवारण हेतु जिला परिषद साधारण सभा की बैठक 90 दिवस के स्थान पर 45 दिवस में एक बार बुलाए जाने के लिए नियमों में संशोधन करेंगे। 

राजस्थान में अब जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक 90 की जगह होगी 45 दिन में, ग्रामीण विकास विभाग की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित

जयपुर।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश चन्द मीणा ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश के अंतिम छोर तक योजनाएं पहुंच रही है।
ग्रामीण आत्मनिर्भर हो रहे है। उनका आर्थिक विकास निरंतर बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज के सुदढ़ीकरण करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएंगे।
सरकार महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान सरकार के ही प्रयासों से आज प्रदेश की महिलाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता आई है। वे संगठित होकर समस्याओं का समाधान भी करा रही है। 
साधारण सभा 45 दिन में एक बार
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि आम जनता की समस्याओं का समय पर निवारण हेतु जिला परिषद साधारण सभा की बैठक 90 दिवस के स्थान पर 45 दिवस में एक बार बुलाए जाने के लिए नियमों में संशोधन करेंगे। 
इसके साथ ही जिला स्तरीय समस्त अधिकारियों की उपस्थिति के साथ प्रभारी सचिव एवं राज्य स्तरीय अधिकारियों को भी बैठक में भाग लेने के लिए पाबंद किया जाएगा।
मीणा विधानसभा में मांग संख्या 28 (ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम) एवं मांग संख्या 41 (सामुदायिक विकास) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। 
चर्चा के बाद सदन ने ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम की 18 अरब, 39 करोड़ 4 लाख 76 हजार रुपए एवं सामुदायिक विकास की 99 अरब, 9 करोड़ 97 लाख 78 हजार रुपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी।
गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा। इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर अलग से यूनिट गठित होगी। वे हर कार्यों पर नियमित निगरानी रखेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1202 ग्राम पंचायतें ओडीएफ प्लस घोषित है, उनकी वास्तविक स्थिति की भी जांच कराई जायेगी। वहीं, जल ग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण कार्यों का कमेटी द्वारा भौतिक सत्यापन के बाद ही भुगतान किया जाएगा। 

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने सदन में कई घोषणाएं भी की। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज की योजनाओं से कर्न्वजेंशन कर चरणबद्ध रूप से गांधी विकास पथ का निर्माण कराया जायेगा, जिसमें लगभग 1750 करोड़ रूपये व्यय कर 2500 किमी सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। 
नागौर में पंचायती राज केन्द्र की स्थापना
राजस्थान में पंचायत राज व्यवस्था के प्रारम्भ में नागौर जिले की भूमिका व इसके ऎतिहासिक महत्व को देखते हुए नागौर में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज केन्द्र की स्थापना की जाएगी। 
आधारभूत संरचना के विकास में 50 ग्राम पंचायतों में नवीन भवन निर्माण पर 10 करोड़ रूपये व्यय किए जाएगें। 
इसके साथ ही पुराने 200 पंचायत भवनों की मरम्मत करवाई जाएगी। इन पर 8 करोड़ रुपए व्यय होगें। 200 ग्राम पंचायतों में 08 करोड़ की लागत से कॉमन सर्विस सेन्टर बनाए जाएगें।
नई बनाई गई पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों में भवनों के निर्माण भी कराये जा रहे है।
 
जनप्रतिनिधियों को पुरस्कार, बनेगा लैंड बैंक
मीणा ने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों को पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों की भूमि का रिकॉर्ड संधारित कर लैंड बैंक बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में जल ग्रहण विकास योजनाओं से समन्वय कर कृषकों की आय बढ़ाने के लिए आगामी 2 वर्षों में 50 हजार फार्म पॉण्ड, डिग्गी एवं टांकों का निर्माण लगभग 600 करोड़ की लागत से कराया जाएगा।
इससे लगभग 10 हजार हैक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। 
उन्होंने पंचायत राज को सशक्त बनाने के लिए विधायकों से आग्रह किया कि ग्राम सभाओं, पंचायत समिति सभाओं और जिला परिषद की साधारण सभाओं में हिस्सा लें।
विधायक उपस्थित रहेंगे तो अधिकारी ज्यादा जवाबदेही बनेंगे और कार्यों में सुधार आएगा। 
उन्होंने कहा कि किसी ग्राम पंचायत में अनियमितता मिलने पर अब केवल सरपंच ही नहीं, बल्कि संबंधित विकास अधिकारी, सहायक अभियंता एवं जेटीए के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। 
उन्होंने बताया कि ग्राम विकास अधिकारियों के 5396 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए मुख्य परीक्षा मई 2022 में प्रस्तावित है। अभी पद रिक्त होने से पंचायत कार्यालय नहीं खुलने की शिकायतें आ रही है।
ऎसे में अब वीडीओ की अनुपस्थिति में कनिष्ठ सहायक लिंक ऑफिसर के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि कनिष्ठ अभियंताओं के 2100 पदों पर भर्ती शीघ्र की जायेगी। 

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