Rajasthan @ कृषि कानून को लेकर बयानबाजी: मोदी सरकार ने यूपी के चुनावों को देखते हुए किया कृषि कानून को वापस लेने का किया ऐलान: सीएम गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस दौरान केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया। सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा की उप चुनावों में हुई करारी हार के बाद केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनावों में हार की आशंका के चलते आज यह फैसला लिया हैं।
जयपुर।
प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद विपक्ष सहित देशभर में किसान संगठनों की जीत का जश्न मनाया जा रहा है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस दौरान केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया। सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा की उप चुनावों में हुई करारी हार के बाद केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनावों में हार की आशंका के चलते आज यह फैसला लिया हैं। यह जीत किसानों की है, केंद्र सरकार के अहंकार और घमंड की हार हैं। सीएम ने कहा कि देश की आजादी के बाद से अब तक पहली बार एक साल से ज्यादा अन्नदाता आंदोलन पर बैठे रहे और उन्हें सड़कों पर संघर्ष करना पड़ा। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान बॉर्डर पर किसान देश की भावना का प्रतिनिधित्व करते रहे लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार देश की भावना को समझने में फेर रही। विपक्षी पार्टियों की मांग को केंद्र सरकार ने नहीं सुना। अब मजबूर होेकर प्रधानमंत्री को कृषि कानून वापस लेना पड़ा। सीएम ने कहा कि इन तीनों कानूनों को राजस्थान की विधानसभा ने तो पहले ही खारिज कर दिया था।
केंद्र सरकार की विश्वसनीयता नहीं रही
हालात देखो कि प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद भी किसान नेताओं ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा नहीं की। किसान नेता तीन कृषि कानून वापस लेने पर संसद में फैसला लेने की मांग कर रहे हैं। इस पर सीएम गहलोत ने बोला कि भाजपा सरकार ने विश्वसनीयता खो दी। लोगों को लग रहा है कि प्रधानमंत्री घोषणा करने के बाद भी पता नहीं क्या करेंगे।
ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई पर दबाव
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के हालात देखो कि ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट दबाव में काम कर रहे है। बहुत घबराहट का माहौल हैं। देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है। केंद्र सरकार का चुनाव को लेकर आशंका देखिए कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आज से तीन दिन जाकर चुनाव में जीत के लिए डेरा डाल रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री और केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेदारी दी गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस दवाब में आकर कानून वापस लिया गया हैं।
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