पैरालिंपिक गेम्स का आगाज कल से: टोक्यो में पैरालिंपिक गेम्स का भव्य शुभारंभ कल, भारत को कई पदक की उम्मीद
टोक्यो ओलिंपिक टूर्नामेंट के आयोजन होने के बाद अब पैरालिंपिक गेम्स का आयोजन किया जाएगा। 24 अगस्त से 5 सितंबर के बीच होने वाले पैरालिंपिक गेम्स में टोक्यो में ही होंगे। बात करें इंडिया के पैरालिंपिक में शामिल होने की तो 1968 से हमारी टीम पैरालिंपिक गेम्स में भाग ले रही है।
नई दिल्ली, एजेंसी।
टोक्यो ओलिंपिक टूर्नामेंट(Tokyo Olympic Tournament) के आयोजन होने के बाद अब पैरालिंपिक गेम्स(Paralympic Games) का आयोजन किया जाएगा। 24 अगस्त से 5 सितंबर के बीच होने वाले पैरालिंपिक गेम्स में टोक्यो में ही होंगे। बात करें इंडिया के पैरालिंपिक में शामिल होने की तो 1968 से हमारी टीम पैरालिंपिक गेम्स में भाग ले रही है। वहीं दूसरी ओर पैरालिंपिक में भारत ने कुल 12 मेडल जीते हैं। भारत ने पैरालिंपिक गेम्स में पहला मेडल 1972 में जीता था। इसमें जर्मनी पैरालिंपिक गेम्स(Germany Paralympic Games) में मुरलीकांत पेटकर ने भारत को यह पदक दिलाया था। मुरलीकांत ने स्विमिंग में बेहतर प्रदर्शन करते हुए यह पदक हासिल किया। बताया जाता है कि भारत के लिए साल 2016 के रियो पैरालिंपिक गेम्स सबसे अच्छे रहे। इस साल भारत को सबसे ज्यादा 4 मेडल मिले। रियो पैरालिंपिक गेम्स(Rio Paralympic Games) के अलावा 1984 में न्यूयॉर्क में हुए गेम्स में भी भारत को 4 मेडल मिले थे, लेकिन इसमें एक भी गोल्ड शामिल नहीं था। इसके बाद 2004 में एथेंस पैरालिंपिक में भारत को एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल, लंदन पैरालिंपिक 2012 में गिरिशा नागराजगौड़ा ने सिल्वर मेडल जीता था।
टोक्यो पैरालिंपिक में भारत के 54 खिलाड़ी
टोक्यो पैरालिंपिक में भारत(India) की ओर से 54 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। पैरालिंपिक खेलों में भाग लेने वाला भारत का यह दल अब तक का सबसे बड़ा दल है। इससे पहले रियो पैरालिंपिक के दौरान भारत ने पांच खेलों के लिए सिर्फ 19 खिलाडिय़ों की टीम को भेजा था। वहीं इस बार टोक्यो में भारतीय एथलीट(Indian athlete) नौ अलग-अलग खेलों में भाग ले रहे हैं। भारतीय पैरालिंपिक खिलाडिय़ों से 10 से ज्यादा मेडल जीतने की उम्मीद बताई जा रही है।
बैडमिंटन में सुहास तो जेवलिन में देवेंद्र
पैरालिंपिक खेलों में पहली बार बैडमिंटन खेल को भी शामिल किया गया है। इसमें भारत के सात शटलर पदक के लिए दावा कर रहे है। भारतीय शटलरों में कर्नाटक से आने वाले सुहास भी शामिल हैं। वह वर्तमान में नोएडा के डीएम हैं। वे 2016 एशियन पैरा चैंपियनशिप, 2017 और 2019 तुर्की पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं। सुहास ने साल 2019 के कई टूर्नामेंटों में कुल 10 मेडल हासिल किए थे। जबकि 2018 एशियन पैरा गेम्स में टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। वहीं देवेंद्र झाझरिया(Devendra Jhajharia) से जेवलिन में इस बार भी मेडल की उम्मीद है। झाझरिया पैरालिंपिक गेम्स में दो बार गोल्ड जीत चुके हैं। झाझरिया एफ46 में पिछले 2016 रियो पैरालिंपिक में 63.97 मीटर दूर भाला फेंकते हुए वल्र्ड रिकॉर्ड बनाया था जबकि 2004 एथेंस पैरालिंपिक खेल में गोल्ड मेडल जीता था।
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