7 आम की रखवाली कर रहे है 4 गार्ड : भारत में आम के दो पड़ों की रखवाली के लिए तैनात है 4 गार्ड और 6 कुत्ते, 2 आम की कीमत 2.75 लाख रुपए

आम के बगीचों में अमूमन मालिक सुरक्षा के लिहाज से गार्ड तैनात कर देते है,लेकिन आप का यह बताया जाए कि केवल 7 आम के लिए पेड़ के मालिक ने 4 गार्ड और 6 कुत्तें तैनात कर रखें है तो  मामला कुछ खास हो जाता है। भारत में यू तो आम की कई महंगी वैरायटियां देखने और खाने को मिल जाएगी, लेकिन ये आम दुनिया में सबसे महंगे बिकने वाले ...

भारत में आम के दो पड़ों की रखवाली के लिए तैनात है 4 गार्ड और 6 कुत्ते, 2 आम की कीमत 2.75 लाख रुपए

जयपुर। 
आम के बगीचों में अमूमन मालिक सुरक्षा के लिहाज से गार्ड तैनात कर देते है,लेकिन आप का यह बताया जाए कि केवल 7 आम के लिए पेड़ के मालिक ने 4 गार्ड और 6 कुत्तें तैनात कर रखें है तो  मामला कुछ खास हो जाता है। भारत में यू तो आम की कई महंगी वैरायटियां देखने और खाने को मिल जाएगी, लेकिन ये आम दुनिया में सबसे महंगे बिकने वाले आम है। आज से 2 साल पहले 2017 में इस वैरायटी के केवल 2 आम 2.75 लाख रुपए में बिके थे।  दुनिया के सबसे महंगे आम का दर्जा इसी किस्म को मिला हुआ है। 
जी हां, हम बात कर रहे है जापानी के मियाजाकी ( Japan's Miyazaki) प्रांत के ताईयो नो तामागो ( Taiyo no Tamago) किश्म के आम की। लेकिन यह आम जापान में नहीं भारत के मध्यप्रदेश( Madhya Pradesh) में एक किसान ने उगाए है। एमपी के जबलपुर (Jabalpur) में बाग से कोई आम चुरा कर न ले जाए, इसलिए पेड़ के मालिक ने आम के दो पेड़ों को चार गार्ड और छह कुत्तों का विशेष सुरक्षा कवच दिया है।


3 साल पहले लगाया था पौध आम को नाम दिया दामिनी
जबलपुर के किसान दंपति संकल्प और रानी परिहार ने तीन साल पहले जबलपुर में अपने बगीचे में इस आम के दो पौधे लगाए थे, जिसे चेन्नई के एक व्यक्ति ने दिया था। इस कपल को आम की इस बड़ी कीमत के बारे में कुछ नहीं पता था। पहले इस दंपत्ति को लाल रंग के दो आम के फल दिखाई दिए। जब उन्होंने इसके किस्म के बारे में पता लगाया तो उन्होंने पाया कि यह मियाजाकी का तामागो आम है, संकल्प परिहार ने कहा कि जब यह कहानी पिछले साल बाजार में फैली तो चोरों ने बाग पर हमला कर दिया। उन्होंने पेड़ के दो फल और डालियां चुरा लीं। हम किसी तरह पेड़ को बचाने में कामयाब हुए और इस साल हमने उस पेड़ की सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया है, जिसमें सात आम आए हैं।  मैं इस आम का नाम नहीं जानता था, इसलिए मैंने अपनी मां के नाम दामिनी के नाम पर फलों का नाम रखा। बाद में हमने इस किस्म के बारे में खोज की तो असली नाम का पता चला, मगर यह अभी भी मेरे लिए दामिनी ही है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस आम की महंगी कीमत के पीछे का कारण जानने के लिए फल का ठीक से निरीक्षण करने की जरूरत है। एक वैज्ञानिक ने कहा कि अफगानिस्तान की नूरजहां (Nur Jahan of Afghanistan)के बाद यह जापानी आम स्वाद के कारण नहीं कीमत के कारण सुर्खियों में है। 

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