चिरंजीवी योजना के लाभार्थियों को राहत: कोविड या ब्लैक फंगस के इलाज में मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना के लाभार्थियों से वसूला गया पैसा होगा वापस
राज्य सरकार ने अहम फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों से कोविड और ब्लैक फंगस के उपचार के दौरान अस्पतालों द्वारा वसूले गए पैसे को रिफंड करने का ऐलान लिया है।
जयपुर।
राज्य सरकार ने अहम फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों से कोविड और ब्लैक फंगस के उपचार के दौरान अस्पतालों द्वारा वसूले गए पैसे को रिफंड करने का ऐलान लिया है। यह प्रावधान केवल कोविड-19 एवं म्यूकरमायकोसिस के उपचार के संबंध में प्राप्त शिकायतों के लिए 1 मई 2021 से 30 जून 2021 के मध्य उपचार हेतु भर्ती सभी पात्र मरीजों से प्राप्त होने वाले प्रकरणों के संबंध में लागू होगा।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी अरूणा राजोरिया ने बताया कि कोविड महामारी के उच्च लहर के समय मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों से जिन अस्पतालों द्वारा पैसा लिए जाने की शिकायतें मिली थी, उनको अब पैसे रिफंड करने की कार्यवाही की जा रही है। राजोरिया ने बताया कि योजना की नई शुरुआत होने और गाइडलाइन के बारे में कई अस्पतालों तक जानकारी सही और पूर्ण नहीं होने के कारण कई सम्बद्ध अस्पतालों द्वारा इलाज नहीं करने और पैसे लिए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई थी। अब राज्य सरकार ने लाभार्थियों को बड़ी राहत देते हुए कोविड-19 एवं म्यूकरमॉयकोसिस के उपचार के लिए 1 मई 2021 से 30 जून 2021 के मध्य बताई हुए योजना के लाभार्थियों को उनके लगे हुए रुपए अस्पताल से वापिस दिये जाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। प्रत्येक जिले में इस तरह की प्राप्त परिवेदनाओं की सुनवाई कर लाभार्थियाें को उनके पैसे वापिस दिलाये जायेंगे।
मरीज के बैंक खाते में आएगी राशि
उन्होंने बताया कि अस्पताल द्वारा योजना में पंजीकृत मरीजों से वसूल की गई समस्त राशि योजना के पैकेज एवं उनमें सम्मिलित सुविधाओं के अनुसार मरीज को रिफंड की जाएगी। संबंधित अस्पताल द्वारा इस राशि का रिफंड मरीज के बैंक खाते में किया जाएगा। यदि मरीज द्वारा योजना के निर्धारित पैकेज के अतिरिक्त उपचार प्राप्त किया गया है तो उक्त पैकेज के अतिरिक्त राशि रिफंड नहीं की जाएगी। प्रावधान योजना के अन्तर्गत कोविड-19 के उपचार के लिए सम्बद्ध निजी अस्पतालों में बताई सभी मरीजों पर लागू होगा चाहे मरीज द्वारा अस्पताल में भर्ती होने के बाद डिस्चार्ज से पूर्व किसी भी समय योजनांतर्गत अपनी पात्रता बताई हो। कोविड-19 एवं म्यूकरमायकोसिस के अतिरिक्त शेष पैकेज के सम्बंध में परिवेदना निस्तारण एवं डि-एम्पैनलमेंट की गाइडलाइन एवं योजना की आर.एफ.पी. के प्रावधानों के अनुसार जिला एवं राज्य स्तरीय परिवेदना निस्तारण समितियों के द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए है।
अब तक 1 लाख से अधिक क्लेम सबमिट
प्रदेश के 70 हजार से अधिक मरीजों को योजना से निःशुल्क उपचार मिला है। योजना में पंजीकृत परिवारों को सरकारी और निजी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण इलाज बिना किसी खर्च के लगातार मिल रहा है। योजना की शुरूआत से अब तक 73 हजार 630 लोगों को निःशुल्क इलाज से लाभान्वित किया जा चुका है तथा लगभग 91 करोड़ की राशि के 1 लाख 19 हजार 675 क्लेम सबमिट किये जा चुके है। योजना के अन्तर्गत कोरोना महामारी की उच्च लहर में भी लाभार्थियाें को निःशुल्क इलाज का लाभ मिला। अब तक कोविड-19 एवं म्यूकरमॉयकोसिस के उपचार के 18 हजार 404 क्लेम सबमिट किये जा चुके हैं।
424 निजी और 749 सरकारी अस्पतालों में मिल रहा योजना का लाभ
संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी काना राम ने बताया कि योजना से अब तक 424 निजी और 749 सरकारी अस्पताल जुड़ चुके है। निजी अस्पतालों द्वारा योजना से जुड़ने के लिए किए जाने वाले आवेदनों की नियमानुसार जांच कर जरूरी मापदण्ड पूरी करने वाली अस्पतालों को लगातार सम्बद्ध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला स्तर पर पेंडिग अस्पतालों के आवेदन की जांच कर उन्हे राज्य स्तर पर अनुमोदन के लिये भिजवाये ताकि उन सभी निजी अस्पतालों को भी योजना में जोडकर लाभार्थियाें को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाया जा सके।
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