जालोर : माफियाओं का अभियान, बजरी आपके द्वार

खाकी पर दाग लगना वैसे तो कोई नई बात नही हैं, पर खाकी पर बार बार दाग लगना शर्म की बात हैं। इस बार मामला जालोर जिले के रामसीन थाना पुलिस का हैं। जहाँ थाना क्षेत्र में अवैध बजरी खनन व परिवहन का काला कारोबार दिन ब दिन फलता फूलता जा रहा। पर पुलिस के जिम्मेदार खुद बजरी माफियाओं से सांठगांठ करके अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए..

माफियाओं का अभियान, बजरी आपके द्वार
  • बजरी माफियाओं की पुलिस से सांठगांठ
  • बजरी माफिया का किया स्टिंग तो हुए कई खुलासे
  • बजरी माफिया खुद ले रहा पुलिस की गारंटी
  • कह रहा "आप तो पैसे दीजिए, पुलिस नहीं करेगी कोई कार्रवाई"

रामसीन (जालोर)। खाकी पर दाग लगना वैसे तो कोई नई बात नही हैं, पर खाकी पर बार बार दाग लगना शर्म की बात हैं। इस बार मामला जालोर जिले के रामसीन थाना पुलिस का हैं। जहाँ थाना क्षेत्र में अवैध बजरी खनन व परिवहन का काला कारोबार दिन ब दिन फलता फूलता जा रहा। पर पुलिस के जिम्मेदार खुद बजरी माफियाओं से सांठगांठ करके अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं। क्षेत्र में सक्रिय बजरी माफिया खुलेआम बेझिझक फोन पर बजरी सप्लाई करने की डील कर रहे हैं। मामला सिर्फ डील करने तक या बजरी आपके घर पहुंचाने तक ही नही रुकता, बजरी माफिया ग्राहक को बाकायदा आश्वस्त करते नज़र आ रहे हैं कि बजरी के स्टॉक पर भी आपके ऊपर पुलिस किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नही करेगी, आप तो बस तय रेट दीजिए और बजरी का मन चाहा स्टॉक कर निर्माण कार्य कीजिये। बजरी माफिया आखिर इतनी गारंटी के साथ ग्राहकों से कैसे बात कर सकता हैं? जब इस धंधे में पुलिस की मिली भगत नही हैं तो फिर बजरी माफिया स्टॉक रखने की गारंटी कैसे दे सकता हैं? हमारे संवाददाता ने एक ऐसे ही बजरी माफिया से फोन पर बात की जो इन दिनों रामसीन क्षेत्र में बजरी का बड़ा कारोबारी बना हुआ हैं। यह बजरी माफिया एक नदी से नही बल्कि क्षेत्र की सभी नदियों से बजरी का अवैध खनन कर रहा हैं। और खनन भी ऐसा वैसा नही, ग्राहक की डिमांड के अनुसार नदी से बजरी को छानकर बजरी आपके घर तक पहुंचाता हैं। अब आप समझ सकते हैं कि इस प्रकार बजरी को छानकर अगर कोई व्यक्ति बजरी का खनन करता हैं तो वो चंद मिनिटों का काम नही बल्कि उसमें कम से कम आधा घण्टे का समय तो सिर्फ बजरी की छनाई करने में ही लग जाता हैं। जब एक ट्रैक्टर ट्रॉली को बजरी भरने में ही जब आधे घण्टे का समय लग जाए और फिर भी अगर पुलिस उस अवैध गोरखधंधे को पकड़ नही सके तो फिर आप उसे मिली भगत या सांठगांठ नही कहेंगे तो क्या कहेंगे?

1300 से 1450 रुपये में बिकती हैं एक ट्रॉली बजरी

बजरी माफिया रामसीन नदी या झाक नदी से रामसीन कस्बे में बजरी सप्लाई करने का 1300 रुपए से 1450 रुपए वसूल कर रहे हैं। यानी आम उपभोक्ता के साथ खुलेआम लूट मचा रखी हैं। जब बजरी पर रोक नही थी तब यही बजरी मात्र रॉयल्टी और सेलटैक्स चुकाने के बाद भी क्षेत्र में 800 रुपये में उपलब्ध हो जाती थी, पर जब से रोक लगी हैं क्षेत्र में सक्रिय बजरी माफियाओ ने इस धंधे को सोना उगलने वाला धंधा बना दिया हैं। और आम आदमी को खुलेआम लूटने का जरिया भी बना दिया। पुलिस से लेकर खनिज विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाई जाने वाली मंथली के चलते आम उपभोक्ता की जेब पर इसका सीधा असर देखा जा सकता हैं।

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