सीएम की चेतावनी भरी अपील: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों कोे चेतावनी देते हुए कोरोना से संभलने की अपील की

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को लोगों को चेताते हुए कहा कि कोरोना को लेकर अभी तो ऑक्सीजन और दवाइयों का हाहाकार मचा हुआ है। जब तक संक्रमितों की संख्या कम नहीं होगी, तब तक सभी संसाधन कम पड़ते जाएंगे।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों कोे चेतावनी देते हुए कोरोना से संभलने की अपील की

जयपुर।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को लोगों को चेताते हुए कहा कि कोरोना को लेकर अभी तो ऑक्सीजन और दवाइयों का हाहाकार मचा हुआ है। डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भी 13 माह से लगातार काम कर रहे हैं। मैंने पीएम से भी कहा था कि हम चाहे कितनी ही कोशिश कर लें, ऑक्सीजन, दवाएं, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर बढ़ा दें, लेकिन जब तक संक्रमितों की संख्या कम नहीं होगी, तब तक सभी संसाधन कम पड़ते जाएंगे। गहलोत चित्तौड़गढ़ और श्रीगंगानगर मेडिकल कॉलेज के वर्चुअल शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे।

सीएम गहलोत ने कहा कि जनता को जागरूक करना बहुत जरूरी है, जनता को यह बताया जाए कि जब तक कोरोना की यह चेन नहीं टूटेगी और यह सब जगह फैल गया तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे, केवल मीटिंग करते रह जाएंगे। गहलोत ने कहा, राजस्थान में 2 लाख एक्टिव केसेज हैं, उनमें अस्पतालों में तो 15-20 हजार ही होंगेे। गहलोत ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते वक्त देश में एम्स बनने की शुरुआत की गई, उस वक्त मैं सीएम था और जोधपुर को एम्स मिला। वाजपेयी के वक्त मेडिकल क्षेत्र में जो शुरुआत हुई उसे यूपीए राज में भी बरकरार रखा गया। मोदीजी की नई सरकार बनी उसने भी स्वास्थ्य के क्षेत्र का महत्व समझते हुए उन कामों का आगे बढ़ाया। राजस्थान के अब तीन ही जिले बिना मेडिकल कॉलेज के बचे हैं। राजस्थान को हर केंद्र की योजना में पहाड़ी राज्यों की तरह प्राथमिकता मिले, हर केंद्रीय योजना में 90 फीसदी पैसा केंद्र दे। 

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सीएम अपील जिस ने नहीं लगाया मास्क उसे टोकें 
कोरोना की दूसरी लहर बहुत घातक है। इस बार गाँवों तक पहुंच गई है। युवा, बच्चे एवं गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित हो रहे हैं। लॉकडाउन चल रहा है, कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करें,घर में ही रहें। दूसरों को भी यही सलाह दें तभी संक्रमण की चेन टूटेगी।
जो लापरवाह हैं उन्हें टोकें-उन्हें रोकें।


केंद्र लगाए लॉकडाउनःगहलोत
गहलोत ने कहा, अभी तो मानवता बचाने का समय है। वर्तमान पीढ़ी ने सोचा भी नहीं होगा कि हमें ये दिन देखने को मिलेंगे। कोरोना में राजनीति तो कभी आनी चाहिए। राज्य सरकारें भी कोई शिकायत या सुझाव केंद्र के सामने रखे तो उसे आलोचना के रूप में नहीं लेना चाहिए। पिछली कोरोना की लहर में भी पीएम ने छह सात बार मुख्यमंत्रियों से बात की। प्रधानमंत्री इस बार भी उसी कॉन्फिडेंस के साथ मैदान में उतरें। पिछली बार उन्होंने लॉकडाउन लगाया, पिछली बार का अनुभव काम में लेकर केंद्रीय स्तर से लॉकडाउन लगाएं। गुजरात और उत्तराखंड को छोड़ हर राज्य ने तरह तरह के लॉकडाउन लगाए हैं। केंद्र सरकार को पहले की कमियों को दूर करते हुए पूरे देश में एकरूपता से लॉकडाउन लगाना होगा।


राज्यों को मरीजों के अनुसार मिलें दवा और ऑक्सीजन
गहलोत ने कहा कि ऑक्सीजन और दवा मैनेजमेंट का काम केंद्र ने अपने हाथ में लिया है। हमारी मांग है कि राज्य के मरीजों की संख्या के हिसाब से दवा और ऑक्सीजन दी जाए। किसी ने नहीं सोचा होगा कि दूसरी लहर इतनी तेजी से फैलेगी। सारी सरकारें लग रही हैं। इस बार दूसरी लहर तो आते ही मरीज वेंटिलेटर या ऑक्सीजन पर आ रहा है। जब पूरे देश में एक साथ यह ट्रेंड है तो सब चिंतित हो गए। इस चिंता को शेयर करना चाहिए। राज्यों की चिंता और केंद्र की मजबूरी शेयर होगी तो शेयरिंग से अच्छा काम होगा। गहलोत ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर में अब केंद्र सरकार को वैक्सीनेशन पर जोर देना होगा। मुझे लगता है अगर दूसरी लहर के बारे में पहले से पता होता तो प्रधानमंत्री वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देते, वैक्सीन बाहर से मंगवाते या यहां प्रोडक्शन बढ़ाते। वैक्सीनेशन भी अब बिजनेस हो गया है, कई कंपनियां आ गई हैं, यूपी ने कल ग्लोबल टेंडर किया था। मैंने पीएम से निवेदन किया था पूरा वैक्सीनेशन फ्री हो, अब तक के सभी वैक्सीनेशन फ्री हो। उन्होंने मेरी सलाह नहीं मानी, कुछ मजबूरी रही होगी। 18 साल से ऊपर वालों का वैक्सीनेशन का भार राज्यों पर छोड़ दिया। ऐसे वक्त में असामाजिक तत्व फायदा उठाते हैं। आगे तीसरी वेव आने वाली है। वह बच्चों को ज्यादा हिट करेगी। हम आपके साथ में हैं। वैक्सीनेशन का प्रोग्राम टाइम बाउंड चले।

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