प्रिंस फिलिप का अंतिम संस्कार 17 को : ब्रिटेन का शाही परिवार से प्रिंस फिलिप के अंतिम संस्कार में कोरोना के चलते शामिल होंगे केवल 30 लोग, भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के हो रही है चुनावी रैलियां

पैलेस की समाचारों के मुताबिक 17 अप्रेल को प्रिंस का अंतिम संस्कार किया जाएगा। हालांकि कोरोना महामारी के चलते अंतिम संस्कार में केवल 30 लोगों को ही अनुमति दी गई है।

ब्रिटेन का शाही परिवार से प्रिंस फिलिप के अंतिम संस्कार में कोरोना के चलते शामिल होंगे केवल 30 लोग, भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के हो रही है चुनावी रैलियां

नई दिल्ली। 
ब्रिटेन शाही परिवार इस समय प्रिंस फिलिप के राष्ट्रीय शोक में डूबा हुआ हैं। उनके अंतिम संस्कार को लेकर कई समाचार जारी किए जा चुके है। पैलेस की समाचारों के मुताबिक 17 अप्रेल को प्रिंस का अंतिम संस्कार किया जाएगा। हालांकि कोरोना महामारी के चलते अंतिम संस्कार में केवल 30 लोगों को ही अनुमति दी गई है। यहां के प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट से जारी बयान में कहा गया है, "प्रधानमंत्री हमेशा से शाही परिवार के हित में काम करना चाहते हैं। इसलिए शाही परिवार के अधिक से अधिक सदस्यों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्होंने फ़ैसला लिया है कि वे इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। बयान के अनुसार कोरोना संक्रमण के दौर में एक जगह इकट्ठा होने पर लगी पाबंदियों के मद्देनजर यह फ़ैसला लिया गया है। कोरोना के चलते एक जगह 30 से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते। इसलिए आम लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे इस आयोजन से दूर रहें। बताया जा रहा है कि प्रिंस फिलिप की मृत्यु के बाद 8 दिन का राष्ट्रीय शोक रखा गया है, जो शनिवार को विंडसर कैस्टल के सेंट जॉर्ज चैपल कब्रिस्तान में उनके पार्थिव शरीर को दफनाने के बाद समाप्त हो जाएगा। उनकी अंतिम यात्रा के दौरान कोरोना महामारी को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए हैं। इस दौरान सभी तरह के कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर शाही परिवार की सभी जिम्मेदारियों को त्याग चुके उनके पोते प्रिंस हैरी भी अंतिम यात्रा में शामिल होंगे। हालांकि, उनकी पत्नी मेगन प्रेग्नेंट होने की वजह से शामिल नहीं हो पाएंगी। 
इधर, भारत में दूसरी लहर के बावजूद चुनाव प्रचार


एक ओर ब्रिटेन जैसा देश है जो शाही परिवार के ​​प्रिंस फिलिप की मौत के बावजूद केवल 30 लोगों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार करने जा रहे है, वहीं दूसरी ओर भारतीय राजनीति। यहां आम जनता पर तो एक के बाद एक जुर्माना लगाकर पाबंद किया जा रहा है। संस्थान सील किए जा रहे है, लेकिन राजनेताओं पर कोई पाबंदी नहीं हैै। राज्य चुनाव हो या फिर राजस्थान के उपचुनाव, दोनों जगह कोरोना गाइड लाइन की जमकर धज्जियां उ​ड़ाई जा रही है। एक तस्वीर राजस्थान के राज्य शिक्षा मंत्री के ​ट्वीटर से यहां लगाई जा रही है जो उनकी गंभीरता का जवाब देगी। 

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