कोरोना वैक्सीनेशन के फायदें: जहां वैक्सीनेशन वहां कम हुआ संक्रमण और जहां वैक्सीनेशन कम, वहां हालात भयावह: सर्वे रिपोर्ट

दुनिया के 22 शहरों में वैक्सीनेशन अभियान और संक्रमण की गति के विश्लेषण से पाया गया कि जहां वैक्सीनेशन कम है, वहां संक्रमण की स्थिति भयावह है। जबकि दुनिया के कुछ शहरों में ज्यादा वैक्सीनेशन से मामलों में गिरावट की शुरुआत हो गई है।

जहां वैक्सीनेशन वहां कम हुआ संक्रमण  और जहां वैक्सीनेशन कम, वहां हालात भयावह: सर्वे रिपोर्ट

नई दिल्ली, एजेंसी। 
दुनिया के 22 शहरों में वैक्सीनेशन (Vaccination) अभियान और संक्रमण की गति के विश्लेषण से पाया गया कि जहां वैक्सीनेशन कम है, वहां संक्रमण की स्थिति भयावह है। जबकि दुनिया के कुछ शहरों में ज्यादा वैक्सीनेशन से मामलों में गिरावट की शुरुआत हो गई है। दूसरी ओर वैक्सीन के मामले में पिछड़ रहे भारत (India) और दक्षिण अमेरिका (South America) के देशों में वायरस का प्रकोप भयानक तरीके से बढ़ा है। उदाहरण के तौर पर दिल्ली (Delhi) और गोवा (Goa) में वैक्सीनेशन में कमी का प्रभाव संक्रमण की दर पर दिखाई पड़ता है। वहीं तेल अवीव (Tel Aviv), न्यूयॉर्क (New York), लंदन(London), लॉस एंजिलिस ( Los Angeles) सहित कई शहरों में अधिक वैक्सीन लगने के कारण संक्रमण में बहुत कमी आई है। इजरायल (Israel) की राजधानी तेलअवीव विश्व के सबसे अधिक वैक्सीनेशन वाले शहरों में शामिल है। वहां बुधवार को केवल दो मामले आए थे। न्यूयॉर्क, लंदन में लगभग आधे रहवासियों को वैक्सीन लग चुकी है। यहां पर्यटकों को बुलाने की तैयारियां हो रही हैं। हालांकि, संक्रमण रोकने का एकमात्र साधन वैक्सीन नहीं है। एशिया और ओसेनिया के देशों में वैक्सीन के बिना मामले कम हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने दुनिया के 22 शहरों में वैक्सीनेशन अभियान और संक्रमण की गति के विश्लेषण से पाया है कि पिछले कुछ महीनों में तस्वीर बदल गई है। जहां वैक्सीनेशन कम है, वहां संक्रमण की भयावह स्थिति है। भारत और ब्राजील की अपने क्षेत्रों में संक्रमण फैलाने में मुख्य भूमिका है। दोनों देशों में वैक्सीनेशन की गति इतनी तेज नहीं है कि बीमारी को रोका जा सके। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) में जनसंख्या, स्वास्थ्य के प्रोफेसर डॉ. एसवी सुब्रमणियन (Dr. SV Subramanian) कहते हैं, भारत में तो हर आयोजन सुपरस्पेडर रहा। पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में वैक्सीनेशन देर से शुरू हुआ है। पिछले कुछ सप्ताहों में वैक्सीनेशन की गति धीमी पड़ी है। भारत का संक्रमण अब पड़ोसी देशों में फैल रहा है। ब्राजील से समूचे लेटिन अमेरिका में नई लहर आ गई है। इन देशों में भी वैक्सीन सीमित है। विशेषज्ञ कहते हैं, सिर्फ वैक्सीन कारगर नहीं रही हैं। प्रतिबंधों से भी संक्रमण कम हुआ है। सेंटियागो, चिली की तस्वीर थोड़ी अलग है। वहां 50 प्रतिशत वैक्सीनेशन के बावजूद अभी हाल में मामले बढ़े हैं। दक्षिण कोरिया और जापान में क्रमश  7 प्रतिशत और 3 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन की केवल एक डोज लगी है। यहां संक्रमण की दर कम है। फिर भी वैक्सीनेशन की धीमी गति से आगे जाकर मुश्किल हो सकती है। रोम, प्राग और पेरिस में वैक्सीनेशन की धीमी गति होते हुए केस अपेक्षाकृत कम हैं, लेकिन ये किसी लहर के सामने कमजोर पड़ सकते हैं।

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