प्रदेश के पुलिस मुखिया की अपील: डीजीपी ने जन संवाद के दौरान की अपील,आपराधिक घटनाओं की सूचना तत्काल दें पुलिस को
राजस्थान पुलिस प्रदेश वासियों की सेवा और सुरक्षा के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। उन्होंने प्रदेश वासियों से आपराधिक घटनाओं की सूचना तत्काल पुलिस को देकर अपना सामाजिक सरोकार निभाने का आग्रह किया है। लाठर शुक्रवार को अपराह्व वर्चुअल जनसंवाद कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से जुडें नागरिकों से संवाद कर रहे थे।
जयपुर।
डीजीपी पुलिस एम.एल. लाठर ने कहा है कि राजस्थान पुलिस प्रदेश वासियों की सेवा और सुरक्षा के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। उन्होंने प्रदेश वासियों से आपराधिक घटनाओं की सूचना तत्काल पुलिस को देकर अपना सामाजिक सरोकार निभाने का आग्रह किया है। लाठर शुक्रवार को अपराह्व वर्चुअल जनसंवाद कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से जुडें नागरिकों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जन सहयोग से ही पुलिस आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम एवं अपराधियों की धरपकड़ का कार्य प्रभावी ढ़ंग से कर सकती है।
महानिदेशक ने कहा कि पुलिस तत्परता से आमजन के सहयोग और उनकी सुरक्षा के लिए कार्य कर रही है। आमजन राजस्थान पुलिस के टोल फ्री नम्बर 100, 112, 1090 अथवा ट्वीटर हैण्डल या वॉट्सएप के जरिए आपराधिक गतिविधियों के संबंध में तत्काल जानकारी देकर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। पुलिस जानकारी प्राप्त होते ही अपना कार्य प्रारम्भ कर देती है।
लड़कों को बनाए संस्कारवान
लाठर ने महिला अत्याचार से संबंधित घटनाओं के सम्बन्ध में कहा कि 90 प्रतिषत से अधिक घटनाएं भरोसे का हनन करने के कारण होती हैं। रिश्तेदारों, नियोजनकर्ताओं, पडौसियों अथवा मित्रतावश बने रिश्तों का भरोसा तोड़ने से इस तरह की शर्मनाक घटनाएं होती हैं। उन्होंने बालिकाओं पर प्रतिबंध लगाने के बजाय लड़कों को भी संस्कारवान बनाने एवं उनकी गतिविधियों पर सतर्कता से निगाह रखने की आवश्यकता है। उन्होंने आमजन से विभिन्न आपराधिक प्रकरणों में एफइआर दर्ज करवाते समय वास्तविक तथ्य ही बताने का आग्रह करते हुए कहा कि झूठे मामले क्रोस एग्जामिनशन के दौरान अदालतों में धाराशायी हो जाते हैं। उन्होंने सीएलजी की तर्ज पर प्रारम्भ की जा रही सुरक्षा सखी योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 01 जनवरी, 2020 से महिला शक्ति आत्मरक्षा केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। वेबसाईट पर पंजीयन करवाकर इन केन्द्रों से आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है।
थानों में जल्द लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
लाठर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रत्येक थाने में न्यूनतम 06-06 सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में कुल पुलिस बल में इस समय करीब 10 प्रतिशत महिलाएं कार्यरत हैं। महिला अत्याचार से सम्बन्धित मामलों की पूछताछ प्राथमिकता से महिला कार्मिकों द्वारा ही की जाती है। गवाही के लिए महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों से उनके द्वारा बताए गए समय व स्थान पर ही पूछताछ की जा सकती है। महानिदेशक ने बताया कि कानूनन किसी भी प्रकरण की जांच 60 दिन में पूर्ण करने का प्रावधान है लेकिन हमारा प्रयास है कि प्रत्येक प्रकरण की यथाशीघ्र जांच पूर्ण की जाए। थाना स्तर पर एफआईआर दर्ज नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एफआईआर दर्ज करवाने की व्यवस्था 01 जून, 2019 से प्रारम्भ की गई। अब तक पुलिस अधीक्षक कार्यालय में 202 एफआईआर दर्ज हुई इनमें से 18 परिवादी थानों में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय आये। थाना स्तर एफआईआर दर्ज नहीं करने वाले सम्बन्धित कार्मिकों पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
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