Rajasthan फसल खराबे पर सीएम के निर्देश: Chief Minister Ashok Gehlot ने प्रदेश में शीतलहर और ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान पर आकलन करने के दिए निर्देश

राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में जारी शीतलहर, पाले एवं ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान के मद्देनजर किसानों को राहत देने के लिए तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं। 

Chief Minister Ashok Gehlot ने प्रदेश में शीतलहर और ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान पर आकलन करने के दिए निर्देश

जयपुर।
राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में जारी शीतलहर, पाले एवं ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान के मद्देनजर किसानों को राहत देने के लिए तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं। 
मुख्यमं गहलोत ने कहा कि खराबे का आकलन कर प्रभावित काश्तकारों को नियमानुसार मुआवजा देेने के लिए विशेष गिरदावरी का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए। 
गहलोत के निर्देश पर राजस्व विभाग की ओर से जिला कलेक्टरों को उनके जिले में रबी फसल 2021-22 में बोयी गई फसलों में हुए नुकसान की शीघ्र विशेष गिरदावरी करवाकर रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में शीतलहर, पाले एवं ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की प्रारम्भिक सूचना मिली है। 
इसके आधार पर मुख्यमंत्री ने विशेष गिरदावरी कर जल्द से जल्द रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट के आधार पर मुआवजे की कार्यवाही की जाएगी।  

बीमित काश्तकारों फसल खराबे की सूचना दें 72 घण्टे में
वहीं दूसरी ओर राज्य में मौसम की विपरीत परिस्थितियों के कारण हुए फसल नुकसान की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत भरपाई के लिए बीमित काश्तकारों को 72 घण्टे के भीतर (11 जनवरी तक) सम्बंधित जिले में कार्यरत बीमा कम्पनी को खराबे की सूचना देना जरूरी है। 
राज्यभर से सोमवार शाम तक 10 हजार से अधिक ऎसी सूचनाएं बीमा कंपनियों को मिल चुकी हैं।
गहलोत सरकार के कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि वर्तमान में मौसम की विपरीत परिस्थितियों के कारण किसानों की फसलों में नुकसान हुआ है। 
ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत ओलावृष्टि व जलभराव के कारण बीमित फसल में नुकसान होने पर किसान को व्यक्तिगत आधार पर बीमा आवरण उपलब्ध कराया गया है। 
कटारिया ने कहा कि बीमित फसल को ओलावृष्टि या जलभराव के कारण नुकसान होने पर घटना के 72 घण्टे के भीतर जिले में कार्यरत बीमा कंपनी को सूचना देना आवश्यक है। 
इसकी सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नम्बर अथवा क्रोप इंश्योरेंस एप के माध्यम से दी जा सकती है। 
इसके अलावा प्रभावित बीमित किसान जिलों में कार्यरत बीमा कंपनी, कृषि कार्यालय अथवा संबंधित बैंक को भी हानि प्रपत्र भरकर सूचना दे सकते हैं। 
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक 10041 हानि सूचनाएं बीमा कंपनियों को प्राप्त हो चुकी हैं। बीमा कंपनियां किसानों से 11 जनवरी तक फसल खराबे की सूचना लेंगी। 
ऐसे में अब तक खराबे की सूचना नहीं देने वाले किसान समय पर सूचना दर्ज कराएं ताकि योजना के प्रावधानों के मुताबिक बीमा लाभ दिया जा सके।
कृषि मंत्री ने सभी बीमा कंपनियों को टोल फ्री नम्बर 24 घण्टे निर्बाध रूप से कार्यरत रखने के निर्देश दिए हैं। 
इसके साथ ही क्षेत्रीय अधिकारियों को प्रभावित एवं बीमित फसल के किसानों के आवेदन पत्र भराने के लिए पाबन्द किया है।

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