Rajasthan आंगनबाड़ी केंद्र होंगे विकसित: राजस्थान के 25 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को नंद घर के रूप में किया जाएगा विकसित ,एमओयू साइन

राजस्थान में 25 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को नंद घर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन के साथ एमओयू हस्ताक्षर किए। फाउंडेशन करीब 750 करोड़ रूपए व्यय कर 25 हजार नंद घर विकसित करेगा।

राजस्थान के 25 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को नंद घर के रूप में किया जाएगा विकसित ,एमओयू साइन

जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बच्चे हमारे देश की वह पौध हैं, जिनको बेहतर पोषण, अच्छी शिक्षा एवं सुसंस्कार देकर हम उत्कृष्ट मानव संसाधन के रूप में तैयार कर सकते हैं।
प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में हमारा लक्ष्य हो कि राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्र सभी मूलभूत सुविधाओं से युक्त नंद घर के रूप में विकसित हों।
गहलोत ने राज्य के 25 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को नंद घर के रूप में विकसित करने हेतु वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन के साथ एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित किया।
राज्य सरकार की ओर से प्रमुख शासन सचिव महिला एवं बाल विकास श्रेया गुहा एवं अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की ओर से नंद घर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु झींगन ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। फाउंडेशन करीब 750 करोड़ रूपए (प्रति आंगनबाड़ी 3 लाख रुपए) व्यय कर 25 हजार नंद घर विकसित करेगा। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों का नंदघर के रूप में विकसित होना एक बड़ा कदम है। 
इससे इन केन्द्रोें के बुनियादी ढांचे में सुधार होने के साथ ही इनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। वहीं इससे मातृ एवं शिशु मृत्युदर को और कम करने में भी मदद मिलेगी। 
उन्होेंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर सुदृढ़ कर रही है। इसी का परिणाम है कि अब करीब 95 प्रतिशत प्रसव संस्थागत होने लगे हैं।
गहलोत ने कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने निःशुल्क सेनेटरी नैपकीन वितरण के लिए उड़ान योजना शुरू की है।
करीब 200 करोड़ रूपए की लागत से शुरू की गई इस योजना के माध्यम से गांव-ढाणी तक महिलाओं एवं किशोरियों को सेनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इस योजना के जरिए हमारा प्रयास है कि माताएं एवं बहनें हाईजीन के प्रति जागरूक हों, ताकि वे बीमारियों से बच सकें। महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से आंगनबाड़ी केन्द्रों की  महत्वपूर्ण भूमिका है। 
उन्होंने कहा कि अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन के माध्यम से इन केन्द्रों को नंदघर के रूप में विकसित किया जाना एक सराहनीय प्रयास है। इससे प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों में आधारभूत सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में राजस्थान पायनियर स्टेट बनकर उभरेगा।
उन्होंने कहा कि नंद घर के विकास से एक नहीं कई पीढ़ियों का जीवन बेहतर बन सकेगा। 
महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि राज्य में करीब 62 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। 
इनमें 6 तरह की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब तक 13 जिलाें में 1300 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्र नंद घर के रूप में विकसित हो चुके हैं।
इस दौरान वेदांता समूह के चैयरमेन अनिल अग्रवाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों का नंदघर के रूप में विकास एक ऎसा प्रयास है, जिससे बच्चों को अच्छी सेहत, शिक्षा, और संस्कार मिल सकेंगे। हम तकनीक के माध्यम से 25 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को जल्द नंदघर के रूप में विकसित करने का प्रयास करेंगे। 
उन्होंने कहा कि राजस्थान उद्यमियों की धरा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दूरदर्शी विजन से राजस्थान निरंतर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। 
वेदांता समूह की नॉन एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर प्रिया अग्रवाल ने कहा कि शिशु एवं मातृ पोषण में सुधार के उद्देश्य से निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत नंद घर का विकास किया जा रहा है। 
हमारी भावना है कि कोई बच्चा भूखा नहीं सोए और गर्भवती एवं प्रसूता महिलाओं को बेहतर पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाएं मिले।
आयुक्त आईसीडीएस उर्मिला राजोरिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर आयुक्त महिला अधिकारिता रश्मि गुप्ता, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के सीईओ भास्कर चटर्जी, महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं वेदांता समूह के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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