भारत: सुप्रीम कोर्ट ईडी की शक्तियों की पुष्टि करने वाले फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत

नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मनी लॉन्ड्रिंग, गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती में शामिल संपत्ति की कुर्की के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों को बरकरार रखने के अपने फैसले की समीक्षा

सुप्रीम कोर्ट ईडी की शक्तियों की पुष्टि करने वाले फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत
नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मनी लॉन्ड्रिंग, गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती में शामिल संपत्ति की कुर्की के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों को बरकरार रखने के अपने फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया।

वकील ने प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया, पीठ ने कहा: ठीक है, हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।

शीर्ष अदालत ने अपराध की आय की परिभाषा, गिरफ्तारी की शक्ति, खोज और जब्ती, संपत्तियों की कुर्की और जुड़वां जमानत शर्तों के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कड़े प्रावधानों की पुष्टि की।

न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर (अब सेवानिवृत्त) और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और सी.टी. रविकुमार ने कहा: अंतर्राष्ट्रीय निकाय काफी समय से नियमित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग के खतरे पर चर्चा कर रहे हैं और मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम और इसके खतरे से निपटने के लिए अपराधियों पर मुकदमा चलाने और कुर्की के लिए कड़े कानून बनाने की जोरदार सिफारिश की गई है।

इसमें कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग जघन्य अपराधों में से एक है, जो न केवल राष्ट्र के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित करता है, बल्कि अन्य जघन्य अपराधों को भी बढ़ावा देता है, जैसे कि आतंकवाद, एनडीपीएस अधिनियम से संबंधित अपराध, आदि।

--आईएएनएस

आरएचए/एएनएम

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