भारत: यूपी : बरेलवी मौलवियों ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले की निंदा की
हाल ही में, पाकिस्तान में एक सिख लड़की का अपहरण कर उसकी जबरन शादी और धर्म परिवर्तन करवाने का मामला सामने आया था। इस मामले को लेकर मौलवियों ने कहा कि किसी को भी बल या लालच से इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
मौलवियों ने पाकिस्तान से ऐसी गतिविधियों को रोकने की चेतावनी दी और कहा कि कुछ संगठन इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ काम कर रहे हैं और ऐसी गतिविधियों को इस्लाम विरोधी करार दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस्लाम अपने सिद्धांतों के कारण दुनियाभर में फैला हुआ है। यह अन्य धर्मों के साथ सह-अस्तित्व में है, जो मिलकर भारत की गंगा-जमुनी तहजीब बनाते हैं।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान में कानून का कोई शासन नहीं है और लोग धर्म के नाम पर गतिविधियों में लिप्त हैं, जिससे इस्लाम की बदनामी होती है। यदि उन्हें धर्म का सच्चा ज्ञान होता, तो वे ऐसी गतिविधियां नहीं करते। सुह लोगों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए आला हजरत द्वारा लिखी गई किताबों को पढ़ना चाहिए।
मौलवियों ने आगे कहा कि पाकिस्तान में मंदिरों और अन्य मंदिरों को तोड़ना एक अत्यंत निंदनीय कार्य था, जिसकी इस्लाम में अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा, इस तरह की गतिविधियां धर्म की छवि खराब करती हैं और दूसरे देशों में रहने वाले मुसलमानों को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।
--आईएएनएस
पीके/एसजीके
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