सोशल मीडिया पर वायरल सचिन वझे का स्टेट्स: व्हॉट्सएप स्टेटस में दुनिया को अलविदा करने का समय आ गया लिखा मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट वझे ने
असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे का एक व्हॉट्सएप स्टेटस सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है, ‘अब दुनिया से अलविदा कहने का समय आ गया है।’ हालांकि, उनके नंबर पर अब यह स्टेटस नजर नहीं आ रहा। कहा जा रहा है कि अधिकारियों के समझाने पर उन्होंने इसे हटा लिया है।
जयपुर।
विवादों में घिरे असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे का एक व्हॉट्सएप स्टेटस सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है, ‘अब दुनिया से अलविदा कहने का समय आ गया है।’ हालांकि, उनके नंबर पर अब यह स्टेटस नजर नहीं आ रहा। कहा जा रहा है कि अधिकारियों के समझाने पर उन्होंने इसे हटा लिया है। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर से बरामद हुई स्कॉर्पियो कार के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में वझे पर आरोप लग रहे हैं। शुक्रवार को उनका ट्रांसफर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट से नागरिक सुविधा केंद्र में कर दिया गया था।
वायरल स्टेटस में साथियों द्वारा फंसाने का आरोप
वायरल स्टेटस में वझे ने लिखा है कि ‘3 मार्च 2004 को, सीआईडी में मेरे सहयोगियों ने मुझे झूठे आरोप में गिरफ्तार किया था। वह मामला अभी भी क्लियर नहीं हुआ है, लेकिन अब इतिहास खुद को दोहरा रहा है। मेरे सहकर्मी अब मेरे लिए फिर से एक जाल बिछा रहे हैं। तब और अब की स्थिति में थोड़ा अंतर है। उस समय मेरे पास 17 साल का धैर्य, आशा, जीवन और सेवा थी, लेकिन अब मेरे पास न तो 17 साल का जीवन है और न ही सेवा। बचने की कोई उम्मीद नहीं। यह दुनिया को अलविदा कहने का समय है।’
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे वझे
मुुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की लिस्ट में सचिन वझे का नाम आता है। 49 साल के वझे ने अपने कार्यकाल में 63 एनकाउंटर किए हैं। उनके काम की तारीफ शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे भी कर चुके हैं। 49 साल के सचिन वझे का पुलिस विभाग में करियर 30 साल रहा है। इसमें से 12 साल तक वे पुलिस विभाग से बाहर रहे हैं। शिवसेना की सरकार आने के बाद ही उन्होंने जून 2020 में पुलिस फोर्स में वापसी की। तब से ही उन्हें कई बड़े केस सौंपे गए, फिर चाहे वह अर्णब गोस्वामी का TRP घोटाला हो या फिर बॉलीवुड का कास्टिंग काउच रैकेट हो। 1990 में सचिन वझे महाराष्ट्र पुलिस में आए और उनकी पहली पोस्टिंग सब इंस्पेक्टर के रूप में गढ़चिरोली में हुई। यह नक्सली इलाका है। दो साल बाद ही उनकी पोस्टिंग मुंबई से सटे ठाणे में हो गई। 3 मार्च 2004 को ख्वाजा यूनूस की मौत के मामले में वझे समेत 12 पुलिस वाले सस्पेंड हुए। ख्वाजा की मौत कस्टडी में हुई थी। ख्वाजा युनूस 2 दिसंबर 2002 घाटकोपर बम ब्लास्ट केस का मुख्य आरोपी था।
2020 में वझे की वापसी
वझे को 7 जून 2020 को पुलिस विभाग में वापस रखने का फैसला एक रिव्यू कमेटी ने लिया। इस रिव्यू कमेटी के प्रमुख परमबीर सिंह हैं। अमूमन किसी भी पुलिसकर्मी को वापस रखने के लिए इस तरह की कमेटी ही फैसला करती है। वैसे वझे पहले अधिकारी नहीं हैं जिन्हें वापस रखा गया है। इससे पहले जब परमबीर सिंह ठाणे पुलिस के कमिश्नर थे, तब भी उन्होंने सितंबर 2017 में प्रदीप शर्मा को एंटी एक्सटॉर्सन सेल में वापस रखा था। प्रदीप शर्मा भी फर्जी एनकाउंटर के मामले में पुलिस विभाग से सस्पेंड थे। सचिन वझे का जन्म महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाके कोल्हापुर में 1972 में हुआ था।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में मनसुख की पत्नी के हवाले से सचिन वझे पर हत्या का आरोप लगाया। अब इस पूरे मामले की जांच महाराष्ट्र ATS और NIA दोनों कर रही हैं। एंटीलिया केस से पहले सचिन वझे का नाम मुंबई और महाराष्ट्र के बाहर कम ही लोगों ने सुना था।
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