क्राइम: मप्र में बारिश से बदरंग हुई जिंदगी को संवारने की चुनौती

राज्य में हुई मूसलाधार बारिश के चलते बेतवा, चंबल, नर्मदा, ताप्ती, सिंध, तमस सहित अन्य नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ा है और यही कारण है कि इन नदियों के किनारे बसे गांव और शहर के लोगों की जिंदगी मुश्किल में आ गई है।

मप्र में बारिश से बदरंग हुई जिंदगी को संवारने की चुनौती
Challenge to beautify life in Madhya Pradesh due to rain.
भोपाल, 25 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। सैकड़ों गांव पानी से घिरे हुए हैं, बस्तियां जलमग्न हो गई हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं तो इंसान और जानवरों को अपनी जिंदगी बचाना मुश्किल हो गया है। बिगड़े हालातों के बीच आमआदमी की जिंदगी को पटरी पर लाना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। हजारों परिवार राहत शिविरों में हैं।

राज्य में हुई मूसलाधार बारिश के चलते बेतवा, चंबल, नर्मदा, ताप्ती, सिंध, तमस सहित अन्य नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ा है और यही कारण है कि इन नदियों के किनारे बसे गांव और शहर के लोगों की जिंदगी मुश्किल में आ गई है।

एक तरफ जहां नदियों का जलस्तर उफान पर है तो दूसरी ओर इन नदियों पर बने बांध भी लबालब हो गए हैं और जल निकासी के लिए इन बांधों के गेट खोलने पड़े हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि बाढ़ के हालात बन गए। राज्य की स्थिति पर गौर करें तो बाढ़ ने सबसे ज्यादा नुकसान विदिशा, गुना, राजगढ़ के अलावा श्योपुर, मुरैना और भिंड को हुआ है, इसके अलावा राज्य के बड़े हिस्से को भी बाढ़ के चलते बुरी तरह नुकसान हुआ है।

चंबल का जलस्तर ज्यादा बढ़ने से मुरैना, भिण्ड और श्योपुर के लगभग 100 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। मुरैना के 40 ग्राम मजरा टोले के 718 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन सभी के लिए 16 जन-राहत शिविर लगाये गये हैं। शिविरों में भोजन, पानी, पशुओं के लिये चारा आदि की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गांधी सागर डैम और कोटा बैराज से चंबल नदी में काफी मात्रा में लगातार पानी छोड़ने से चंबल नदी में आई बाढ़ में फंसे लोगों की जिंदगी बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। जहां भी लोग बाढ़ में फंसे है, वहां लगातार रेस्क्यू कर उन्हें बचायें। अगर हेलिकॉप्टर की आवश्यकता होगी, तो की जाएगी।

चौहान ने मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिले के कलेक्टर्स से कहा कि अगर चंबल में पानी का जल-स्तर बढ़ता है, तो हर परिस्थिति से निपटने के लिये तैयार रहें। एन.डी.आर.एफ. और एस.डी.आर.एफ. की टीम आवश्यकतानुसार रेस्क्यू अभियान चलाये। जहां बोट उपलब्ध हैं, उनसे लोगों को निकाला जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ का ज्यादा संकट राजगढ़, विदिशा, गुना में रहा। इन जिलों में रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी की जान बचाई गई। सभी को सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री ने सभी जन-प्रतिनिधियों से भी आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस संकट की घड़ी में लोगों की मदद करें। नये पंच, सरपंच, जन-प्रतिनिधि भी पूरी मदद करें।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के बाद जिन खेतों, घरों में पानी घुसा, फसलें बर्बाद हुई तथा कच्चे घरों और सामान का नुकसान हुआ है, उन्हें राहत राशि दिलवाई जाएगी।

--आईएएनएस

एसएनपी/एसकेपी

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