माउंट आबू के लोगों में खुशी की लहर: सोशल मीडिया पर वायरल सरकारी पत्र ने माउंट आबू में अवैध निर्माणों के नियमितीकरण का रास्ता किया साफ

भवन निर्माण किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है तथा जमीन खुली और खाली छोड़े जाने की बंदिश भी हटा ली गई है । इस ऑर्डर में भूमि खुला रखने की शर्त को शिथिल किए जाने के आदेश दिए गए हैं । आबू के निवासियों को पूरी उम्मीद है कि उन्हें भी इसी प्रकार की राहत मिलेगी और भवन निर्माण करते समय खुली भूमि छोड़े जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

सोशल मीडिया पर वायरल सरकारी पत्र ने माउंट आबू में अवैध निर्माणों के नियमितीकरण का रास्ता किया साफ

माउंट आबू ।
सिरोही का माउंट आबू शहर सालों से निर्माण पर अंकुश झेलता आया है। बार-बार तरह तरह के प्रतिबंधों से गुजरने के बाद अवैध निर्माण की बात कहकर सरकारें अलग-अलग तरह की बंदिशें लगाती रही है। यह शहर इको सेंसेटिव जोन में भी आता है। बहरहाल, इन सबके बावजूद इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक सरकारी पत्र ने यहां के लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। राज्य सरकार के कथित आदेश के मुताबिक अब यहां के लोगों को भी उम्मीद है कि आदेश को नजीर मानकर शहर के सैकड़ों अवैध निर्माणों के नियमितीकरण का रास्ता साफ हो गया है।
जी हां, आदेश थोड़ा दिलचस्प होने के साथ चौंकाने वाला भी है। आदेशों में कहा गया है कि भवन निर्माण किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है तथा जमीन खुली और खाली छोड़े जाने की बंदिश भी हटा ली गई है । इस ऑर्डर में भूमि खुला रखने की शर्त को शिथिल किए जाने के आदेश दिए गए हैं । आबू के निवासियों को पूरी उम्मीद है कि उन्हें भी इसी प्रकार की राहत मिलेगी और भवन निर्माण करते समय खुली भूमि छोड़े जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
26 फरवरी की दिनांक के आदेश वायरल


जानकारी के मुताबिक 26 फरवरी 2021 को जारी आदेश क्रमांक 50663 वायरल हो रहा है। इसके अनुसार माउंट आबू में पेट्रोल पंप से आगे मुख्य मार्ग पर करीब 4 साल पहले सीज किये भवन को सीजमुक्त करने का आदेश माउंट आबू पालिका आयुक्त को दिया गया है। सबसे मुख्य बात यह है कि मौके पर बने हुए भवन के अनुसार ही संशोधित भवन मानचित्र को स्वीकृति दिए जाने के आदेश हैं। इसका सीधा अर्थ यह है कि आप पहले भवन बना लें ,  बाद में उस अवैध निर्माण को नियमित कर उसके नक्शे की स्वीकृति सरकार जारी कर सकती है । यहां तक कि अगर भवन सीज़ भी कर दिया गया है तो उसे सीज़ मुक्त करने के आदेश भी जारी हो जाएंगे । इन आदेशों से आम आदमी को यही बात समझ में आ रही है।
लोगों को उम्मीद, सभी लोगों को मिलेगी राहत
बहरहाल लोगों को उम्मीद है कि सरकार यह राहत माउंट आबू के सभी निवासियों को देगी और यदि ऐस हुआ तो ये माउंट आबू के लिए इससे सुखद खबर कोई दूसरी नहीं हो सकती । माउंट आबू के पुराने लोग कई बार इसकी मांग कर चुके हैं। भाजपा और कांग्रेस के  स्थानीय नेता भी इसे लेकर अपनी अपनी सरकारों के पास अनुरोध कर चुके हैं।
सबसे बड़ी राहत ये है कि इस आदेश के अनुसार नियमितीकरण का जो आधार दिया है वो मॉडल राजस्थान (नगरीय क्षेत्र) भवन विनिमय 2020 के तहत है। इससे यहां पर माउंट आबू भवन विनिमय 2019 के तहत किए गए जोनल मास्टर प्लान के प्रावधान से भी माउंट आबू वासियों को मुक्ति मिलेगी। हालांकि आप को यहां बता दे कि पालिका अधिकारी तथा सक्षम नेताओं ने भी अभी तक इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।

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