सिरोही वॉल पेंटिंग घोटाला: सिरोही में स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक करते हुए लिखनी थी दीवारों पर, लिख दिए स्वच्छता के नारे, खर्च होना था 13 लाख कर दिया 56 लाख रुपए
सिरोही जिले में वॉल पेंटिंग के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला उजागर होने के बाद सिरोही जिला परिषद की रोज नई नई लापरवाही सामने आ रही है। सरकारी धन का दुरुपयोग कैसे किया जाता है यह सिरोही जिला परिषद के आलाधिकारी बता सकते है।
सिरोही (Sirohi)।
सिरोही जिले में वॉल पेंटिंग के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला उजागर होने के बाद सिरोही जिला परिषद (Sirohi Zilla Parishad) की रोज नई नई लापरवाही सामने आ रही है। सरकारी धन का दुरुपयोग कैसे किया जाता है यह सिरोही जिला परिषद के आलाधिकारी बता सकते है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि स्वच्छ भारती मिशन के तहत ठेकेदार से काम कुछ और करवाना था और ठेकेदार ने अधिक बिल बनाने के चक्कर में कुछ और ही काम कर दिया। अंधेर नगरी का आलम देखों सरकारी स्तर पर भी ठेकेदार के बिल आंख बंद कर पास कर दिए गए और ठेकेदार को भुगतान तक कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग से प्राप्त आदेशों का अवलोकन करें तो 30 जून 2018 को आदेश क्रमांक एफ-4/स्व.भा. मि. (ग्रा.)/आई.ई.सी./2018-19/1474 और 1520 में साफ लिखा गया हैं कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक प्रदर्शन हेतु सार्वजनिक स्थलों पर दीवार लेखन प्रारूप के अनुसार करवाया जाना हैं। इसको रेफरेंस करते हुए सिरोही जिला परिषद ने भी सभी बीडीओ को लाभार्थियों की सूची दीवारों पर अंकित करने का आदेश जारी किया था। उन्ही आदेशों का हवाला देते हुए पंचायत समिति के विकास अधिकारी ने एक लाइन और जोड़ते हुए स्वच्छता सम्बन्धी नारों के लेखन का भी आदेश दे दिया। जबकि नारा लेखन का आदेश पूरे प्रदेश में किसी भी जिले में नहीं हैं। तो फिर सिरोही जिले को स्पेशल रूप से नारा लेखन की आवश्यकता क्यों पड़ी? साफ जाहिर हैं लागत मूल्य को बढ़ाना। यानी लाभार्थियों के नाम लेखन की सूची जहां एक रुपये में तैयार होगी वहां नारा लेखन की लागत 11 रुपये आएगी। और इसी तरह से 13.5 लाख की जगह 56.5 लाख का भुगतान करने के बावजूद भुगतान अभी बकाया हैं जो आगामी दिनों में किया जाना था लेकिन तब तक यह घोटाला सार्वजनिक हो गया और बकाया भुगतान बकाया ही रह गया।
सरकारी प्रोसेज को किया नजर अंदाज, कर दिया चहेतों को भुगतान
स्वच्छ भारत मिशन योजना के लाभार्थियों के नाम गांवों की दीवारों पर लिखने के नाम पर सिरोही जिले में बड़ा घोटाला होने की बात सामने आ रही हैं। इस घोटाले को अंजाम देने के लिए जिले के बड़े प्रशासनिक अधिकारियों के नाम भी सामने आ रहे हैं। इस पूरे घोटाले को अंजाम देने के लिए नियम विरुद्ध कार्य करवाया गया। इसमें इन अधिकारियों ने अपनी मनमर्जी से कार्य करवाया और अपनी ही मनमर्जी से उस कार्य का भुगतान भी कर लिया। जिस कार्य को करने की पूरी प्रक्रिया ही नहीं अपनाई गईं।
नियमानुसार किसी भी कार्य को करने से पहले उस कार्य का तकमीना तैयार किया जाता हैं, उसके बाद उसकी तकनीकी स्वीकृति जारी होती हैं। तकनीकी स्वीकृति के बाद उसकी प्रशासनिक स्वीकृति और उसके बाद उस कार्य की वित्तीय स्वीकृति जारी करनी पड़ती हैं। इसके साथ ही उस कार्य की लागत के अनुसार इसका टेंडर जारी किया जाता हैं। उसके बाद उस कार्य को करने के लिए उस ठेकेदार को वर्क ऑर्डर जारी होता हैं, जिसके अनुरूप उस ठेकेदार को वो कार्य करना होता हैं। पर यहां पर जिम्मेदारों ने इस पूरी प्रक्रिया को ही नज़र अंदाज़ करते हुए सीधे एक व्यक्ति विशेष को इस कार्य को करने का आदेश दे दिया।
चार पंचायत समितियों में 1 ही ठेकेदार से कराया कार्य
जिले की चार पंचायत समितियों की अधिकतर ग्राम पंचायतों में दीवारों पर नाम लेखन और नारा लेखन का कार्य पूरा भी कर दिया। इसका भुगतान भी पंचायत समिति के विकास अधिकारियों ने उस ठेकेदार को तय बजट से 322 प्रतिशत अधिक भुगतान तक कर दिया। इस घोटाले का सबसे बड़ा सबूत तो यही हैं कि यदि वॉल पेंटिंग का कार्य सम्बन्धित ग्राम पंचायतों ने 3-3 कोटेशन लेकर यदि करवाया हैं, तो फिर जिले की चारों पंचायत समितियों के ग्राम पंचायतों में एक व्यक्ति को ठेका कैसे मिल गया? जिन—जिन ग्राम पंचायतों ने 3-3 कोटेशन लिए हैं, उन सभी कोटेशन्स पर एक ही व्यक्ति के हाथ की लिखावट क्यों हैं? क्या तीन तीन फर्मों को एक ही व्यक्ति चला रहा हैं? जिन फर्मों को BDO ने भुगतान किया हैं, क्या वो फर्में जीएसटी से रजिस्टर्ड हैं? यदि नहीें तो उन फर्मों से कार्य कैसे करवाया गया? और यदि रजिस्टर्ड हैं तो क्या उस भुगतान के बदले जीएसटी चार्ज की गई? यदि नहीं तो क्यों? इसकी जांच भी होनी चाहिए।
जांच में दोषी पाए जाने पर होगी वसूली
वॉल पेंटिंग कार्य में घोटाले की जानकारी सामने आई है।इसकी जांच करीबन पूरी हो गई। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी और सरकारी धन की वसूली की जाएगी।
भगवती प्रसाद कलाल, जिला कलेक्टर, सिरोही
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