किस्मत का फैसला 5 अगस्त को: पिण्डवाड़ा नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर निर्दलीय तीन पार्षद पार्टी से निष्कासित
पिंडवाड़ा पालिका में चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव देने वाले तीनों पार्षदों को भाजपा ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इनमें कैलाश रावल, चंपत मेवाड़ा व सुरेंद्र मेवाड़ा के नाम शामिल हैं। 5 अगस्त को पालिकाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास मामले को लेकर होने वाली बैठक में पालिकाध्यक्ष की किस्मत का फैसला होगा।
सिरोही। जिले की पिंडवाड़ा नगरपालिका में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव देने को लेकर भाजपा के तीन नेताओं पर गाज गिरी है। भारतीय जनता पार्टी ने तीनों नेताओ को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पिंडवाड़ा नगरपालिका में भाजपा के तीन पार्षद कैलाश रावल, चंपत मेवाड़ा व सुरेंद्र मेवाड़ा को भाजपा के जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ने आदेश जारी करते हुए 6 साल के लिए निष्कासित किया है। कुछ दिनों पूर्व ही पिंडवाड़ा नगरपालिका में अध्यक्ष के खिलाफ 20 पार्षदों ने जिला कलेक्टर के समक्ष पेश होकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था जिसमे भाजपा के ये तीनों पार्षद भी शामिल थे। पार्टी की ओर से इन तीनों पार्षद कैलाश रावल को सिरोही मण्डल का प्रभारी, सुरेंद्र मेवाड़ा मॉर्निंग जिले में नगर निकायों का संयोजक व चम्पत मेवाड़ा को जिले में किसान मोर्चा के सदस्य के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी।
पिंडवाड़ा में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ने जिन पार्षदों और पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है। अब उसे लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कार्रवाई जिन पार्षद पर की वह सभी निर्दलीय जीत कर भाजपा में आए थे। ऐसे में सवाल है कि आखिर निर्दलीय पार्षदों को जिलाध्यक्ष ने अहम् पद कैसे दे दिए थे? और इतने अहम् पद पर रहते हुए वे पार्टी के बोर्ड के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव क्यों ले आए? आखिर जिलाध्यक्ष निर्दलीय पार्षद भाजपा पदाधिकारियों पर कार्रवाई कर क़्या सन्देश देना चाहते हैं। वहीं जिन भाजपा पार्षदो ने निर्दलीयों का साथ दिया उन पर कार्रवाई कब तक होगी यह सोचने वाली बात है।
पिंडवाड़ा नगरपालिका में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सिरोही जिला कलेक्टर ने नोटिस जारी कर 5 अगस्त को पिंडवाड़ा उपखण्ड अधिकारी हसमुख कुमार की अध्यक्षता में सुबह 11 बजे बैठक रखी है। बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। बैठक के बाद यदि आवश्यक हुआ तो 4 बजे से 6 बजे तक चुनाव किए जाएंगे जिसके तुरंत बाद मतगणना की जायेगी। जिला कलेक्टर डॉ. भवरलाल के निर्देश पर 5 अगस्त को पालिकाध्यक्ष जितेंद्र प्रजापत के खिलाफ अविश्वास मामले को लेकर होने वाली बैठक में पालिकाध्यक्ष की किस्मत का फैसला होगा।
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