बद्रीनाथ मंदिर और वायरल मैसेज: हिन्दुओं के धार्मिक स्थल बद्रीनाथ मंदिर में मुस्लिम लोगों को लेकर आई ये खबर, चमोली एसपी ने बताई हकीकत

हिंदुओं का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बद्रीनाथ मंदिर में मुस्लिम लोगों द्वारा नमाज पढ़ने की सूचना पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। हालांकि कुछ मुस्लिम युवक इस तरह का वीडिया वायरल होना बता रहे है। वहीं दूसरी ओर मामले की गंभीरता को देखते हुए चमोली पुलिस अधीक्षक को इस मामले की हकीकत सोशल मीडिया पर बतानी पड़ी

हिन्दुओं के धार्मिक स्थल बद्रीनाथ मंदिर में मुस्लिम लोगों को लेकर आई ये खबर, चमोली एसपी ने बताई हकीकत

नई दिल्ली। 
हिंदुओं का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath temple) में मुस्लिम लोगों द्वारा नमाज (reading namaz)पढ़ने की सूचना पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। हालांकि कुछ मुस्लिम युवक इस तरह का वीडिया वायरल होना बता रहे है। वहीं दूसरी ओर मामले की गंभीरता को देखते हुए चमोली पुलिस अधीक्षक (Chamoli Superintendent of Police) को इस मामले की हकीकत सोशल मीडिया पर बतानी पड़ी। जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि ईद-उल-अजहा (eid-ul-azha)के मौके पर प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर परिसर में कुछ मुसलमानों ने कथित तौर से नमाज अदा किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

इस खबर के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि शुरुआती जांच में ये पता चला है कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत सिंह चौहान(SP Yashwant Singh Chauhan) ने बद्रीनाथ धाम के सम्बन्ध में वायरल सूचना के सम्बन्ध में जानकारी दी। चौहान ने नमाज पढ़ने जैसी खबरों का खंडन किया और कहा कि इस तरह की खबरें तथ्यहीन है। ऐसे में चमोली पुलिस का आप सभी से निवेदन कृपया बिना तत्थयों की पुष्टि किये कोई भी भ्रामक खबर साझा ना करें।
खबर वायरल होते ही सोशल मीडिया पर पुलिस की पोस्ट
मंदिर में नमाज पढ़ने की खबर वायरल होने के साथ ही चमोली पुलिस ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की। इसको लेकर बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर यह पोस्ट बुधवार से ही नजर आ रहा है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि 15 मुस्लिम श्रमिक(15 Muslim Workers) हरिंदर सिंह नाम के एक कॉन्ट्रैक्टर के अंदर काम करते हैं। यह सभी मजदूर मंदिर से करीब 1 किलोमीटर दूर स्थित एक पार्किंग फैसिलिटी प्रोजेक्ट (Parking Facility Project)में काम कर रहे थे।


जांच के दौरान ये भी सामने आया है कि सभी मजदूर प्रोजेक्ट साइट पर ही रह रहे थे, क्योंकि वहां निर्माण में इस्तेमाल होने वाली काफी सामग्रियां रखी गई हुई थीं। साइट पर ही रहने की वजह से बकरीद के दिन सभी ने सुबह वहीं पर नमाज अदा कर ली। उन्होंने किसी भी सार्वजनिक स्थल पर नमाज नहीं पढ़ी। उन लोगों ने सुबह 7 बजे नमाज अदा की। इसके साथ ही ये भी साफ हुआ है कि उस दौरान किसी मौलाना को बाहर से नमाज अदा करने के लिए नहीं बुलाया गया था। पुलिस की मानें तो कॉन्ट्रैक्टर और मजदूरों के खिलाफ भीड़ जुटाने और सोशल डिस्टेन्सिंग का उल्लंघन करने के आरोप में आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक स्थानीय नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष ऋषि प्रकाश सति और उनके सहयोगियों की शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया है।

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