कालंद्री : थानाधिकारी की कार्यप्रणाली को लेकर महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष ने भी जताई नाराजगी

कालंद्री पुलिस थाने का हवाला देते हुए लिखा कि कालंद्री निवासी एक दलित महिला ने 14 जुलाई को एक लिखित रिपोर्ट देकर अपने ससुराल में उसके साथ हो रही महिला उत्पीड़न के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई लेकिन कालंद्री थानाधिकारी भी एक महिला होने के बावजूद उस यायावर दलित महिला के मामले को 15 दिनों तक दर्ज नही किया गया।

थानाधिकारी की कार्यप्रणाली को लेकर महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष ने भी जताई नाराजगी
पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करते हुए महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष हेमलता शर्मा

गणपतसिंह मांडोली 9929420786

सिरोही। अपराधियो में भय और आमजन के विश्वास वाले स्लोगन के अनुसार काम करने एवं आमजन को तत्वरित न्याय दिलाने में आज पुलिस कितनी सजग हैं, इसी विषय को लेकर आज सिरोही महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष हेमलता शर्मा ने सिरोही एसपी धर्मेंद्रसिंह यादव से मुलाकात कर पुलिस अधीक्षक से थानों में तैनात पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली को लेकर एक शिकायती पत्र सौंपा। महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष हेमलता शर्मा ने एसपी को दिए शिकायती पत्र में अपने गृह नगर कालंद्री पुलिस थाने का हवाला देते हुए लिखा कि कालंद्री निवासी एक दलित महिला ने 14 जुलाई को एक लिखित रिपोर्ट देकर अपने ससुराल में उसके साथ हो रही महिला उत्पीड़न के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई लेकिन कालंद्री थानाधिकारी भी एक महिला होने के बावजूद उस यायावर दलित महिला के मामले को 15 दिनों तक दर्ज नही किया गया। आखिर थक हारकर उस पीड़ित दलित महिला ने 29 जुलाई को एसपी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई तब जाकर उसका मामला दर्ज किया गया। जिलाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि जब इस प्रकार से पीड़ितों को न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ेगी और थानों में मामले ही दर्ज नही किए जाएंगे तो फिर आमजन के पुलिस पर से विश्वास उठना लाज़मी हैं। एसपी ऑफिस आकर जिस पीड़िता को मामला दर्ज करवाना पड़ रहा हैं, उसे उस थाने से कितना न्याय मिल पायेगा, ये विचारणीय बिंदु हैं। इसके साथ ही जिलाध्यक्ष हेमलता शर्मा ने कहा कि पूरे जिले के सभी थानाधिकारियों को पाबंद किया जाए कि प्रत्येक परिवादी को उसकी रिपोर्ट की पावती रसीद प्रदान की जाए। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई गुलाबी रंग की रसीद हर परिवादी को प्रदान करना आवश्यक रूप से लागू करवाने की बात कही। इसके अलावा पीड़ितों और विशेषकर महिला पीड़ितों के साथ पुलिसकर्मियों को नरमी से पेश आने की हिदायत दी जाए ताकि आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा हो सके।

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