पुलिस मित्रों के सहारे रिश्वत की गाड़ी : Audio Viral खाकी के लिए फायदे का सौदा, जनता के लिए गलफांस बन रहे पुलिस मित्र

जनता की सेवा के लिए लगाए गए पुलिस मित्र रिश्वतखोरी का जरिया बन रहे हैं। पहले भ्रष्ट पुलिसजनों का आतंक तो था ही अब पुलिसमित्रों के नाम पर  आए नए वसूलीबाज जनता के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। इस व्यवस्था को मौजूदा गहलोत सरकार ने जनता की मदद के लिए खड़ा किया और यह रिश्वतखोर पुलिसजनों की वसूली का जरिया बन रही है।

Audio Viral खाकी के लिए फायदे का सौदा, जनता के लिए गलफांस बन रहे पुलिस मित्र

सिरोही। जनता की सेवा के लिए लगाए गए पुलिस मित्र रिश्वतखोरी का जरिया बन रहे हैं। पहले भ्रष्ट पुलिसजनों का आतंक तो था ही अब पुलिसमित्रों के नाम पर  आए नए वसूलीबाज जनता के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। इस व्यवस्था को मौजूदा गहलोत सरकार ने जनता की मदद के लिए खड़ा किया और यह रिश्वतखोर पुलिसजनों की वसूली का जरिया बन रही है। सिरोही जिले में सामने आए एक आॅडियो ने इस व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।


सरुपगंज थाना पुलिस के एक कांस्टेबल व पुलिस मित्र ने एक बार खाकी के दामन पर दाग लगा दिया। कस्बे की एक होटल में रुके युगल को कमरे में पकड़कर डरा धमकाकर मौके पर दो हजार रुपये लेने व बाद में फोन कर तीन हजार रुपये और देने का दबाव बनाने का आॅडियो वायरल हो गया। आॅडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
बातचीत के अंश-
पुलिसकर्मी-हेलो
युवक-हा सर जी

पुलिसकर्मी-मारवाड़ी में कहते हुए क्या किया फिर..

युवक-मैने पुलिस मित्र को दो हजार रुपये दे दिए है।

पुलिसकर्मी- इससे क्या होगा...फिर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए

युवक-सर में रिक्वेस्ट करता हूँ आपसे प्लीज

पुलिसकर्मी-फिर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि साइड में और भी पुलिसकर्मी थे उनको भी तो देने है।

युवक- तो फिर क्या करू आप कहो जैसे करू बोलो आप

फिर बीच मे पुलिस मित्र ने मोबाइल लिया और कहा साथ मे स्टाफ है उनको भी देने है...

युवक- कल आता हूं और आपको पांच सौ रुपये और दे दूंगा..

पुलिस मित्र विवेक वैष्णव-पांच सौ से क्या होगा दो और पुलिसकर्मी है उनको भी देने है...

युवक- और कितने देने है तो...हजार रुपये और दे दूंगा बस

पुलिस मित्र विवेक वैष्णव-ये तो पांच हजार कह रहे है..

युवक-भगवान में आपसे रिक्वेस्ट कर रहा हूँ।प्लीज

पुलिस मित्र-मरे हाथ मे कुछ भी नही है

युवक- रिक्वेस्ट करता हूँ।गरीब आदमी हूँ।

पुलिस मित्र-वो तो मुझे भी पता है..इनके गरीब से क्या मतलब है..दूसरा होता तो उसको लपेट लेते यह पुलिस वाले..और कोई होता तो 25-30 हजार में लपेटते...

युवक-रिक्वेस्ट कर रहा हूँ।फिर भी हजार रूपये और लाकर दे दूंगा कल बस.

पुलिस मित्र-में क्या कर सकता हूँ इसमे..मेरे हिसाब से तुमको छोड़े भी है वरना सीधे थाने ले जाते तुमको...

युवक-पहचान वाले होकर भी आप ऐसे कर रहे हो भगवान यार..

पुलिस मित्र-मेरे कोई लेना देना नही है आप जानो और पुलिस वाले जाने...

युवक-मुझे पता है आपके कोई लेना देना नही है बाकी मेरी तरफ तो देखो आप...

पुलिस मित्र-सब पुलिस चाौकी पर ही बैठे है सब लोग...

युवक-आज तो में बाहर आया हूँ।सिरोही आया हूँ।

युवक-में सुबह आकर आपको दे दूंगा...

फिर पुलिसकर्मी ने मोबाइल लिया और कहा मेरे लफड़ा हो रहा है..ऐसे काम नही होता है..
फिर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा गुपचुप काम रखा और

युवक-हुकुम में सब बात मान रहा हूँ बाकी सुबह आकर आपको पैसे दे दूंगा...अभी ममी को लेकर सिरोही हॉस्पिटल लेकर आया हूँ।

पुलिसकर्मी-वहां तो सो गया लेकिन मेरे लोचा पड़ रहा है अब क्या करना है...

युवक-सुबह में आपको हजार रुपये दे दूंगा...

पुलिस कर्मी-हजार रुपये से क्या होगा..

युवक-आप तो जान पहचान वाले हो ऐसे मत करो..रिक्वेस्ट कर रहा हु।

पुलिस कर्मी-कल आ मेरे पास सब निबटाता हूँ।मेरे पास आ तू

पुलिस मित्र बीच मे-सुबह आ और पांच हजार से कम नही होगा...ये भी तीन पुलिस वाले है इसलिए नही हो तो जो दिए है वो भी ले जा...

युवक-मेरे फोटो तो डीलीट करो..

पुलिस मित्र-सुबह आ और पेमेंट देकर जा..

अधिकतर बातचीत स्थानीय बोली में है। जिसे हिन्दी में लिखा 

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