सिरोही वन विभाग में भ्रष्टाचार: सिरोही वन विभाग में भ्रष्टाचार का खेल, मजदूरों के बजाय वन क्षेत्र में मशीनरी से अवैध काम
जिले के वन विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल चल रहा है। विभाग के अफसर चांदी कूटने के चक्कर में आंखें मूंदे हुए हैं। वन क्षेत्र में गरीब मजदूरों को रोजगार के नाम पर आए रुपए मषीनरी के माध्यम से ठेकेदार और अधिकारियों की जेबें भर रहे हैं। मामले की शिकायत जयपुर तक पहुंची है।
सिरोही | जिले के वन विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल चल रहा है। विभाग के अफसर चांदी कूटने के चक्कर में आंखें मूंदे हुए हैं। वन क्षेत्र में गरीब मजदूरों को रोजगार के नाम पर आए रुपए मषीनरी के माध्यम से ठेकेदार और अधिकारियों की जेबें भर रहे हैं।
मामले की शिकायत जयपुर तक पहुंची है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक को विकास कार्य में मजदूरों की जगह जेसीबी उपयोग में लाने और निजी स्तर पर सीमेंट का उपयोग किए जाने की शिकायत की गई है। इससे साफ हो रहा है जिले में यह खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। इसमें खास बात तो यह है कि एक देवी मंदिर का एनिकट बनाने के काम में भी भ्रष्टाचार से अफसर चूक नहीं रहे हैं।
रावताराम पुत्र थानाराम घांची रेवदर ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया है कि क्षेत्रीय वन अधिकारी लक्ष्मणराज सुरेषा ने वनखंड अटाल खेड़ा रानेला भवानी माता मंदिर के एनिकट निर्माण में अनियमितताएं बरतते हुए भ्रष्टाचार किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यस्थल की खुदाई अनिवार्य रूप से मजदूरों से करवाने की बजाय जेसीबी से यह काम करवाया गया है।
प्राक्कलन के तहत स्थानीय स्तर से सामग्री एकत्र करवाकर कार्यस्थल में उपयोग करवाने की बजाय रेंजर ने अपनी जाति के स्थानीय ठेकेदार से सामग्री खरीद करते हुए पत्थर, बजरी, रेत, पानी का टैंकर आदि का परिवहन भी करवाया है।
विभाग ने सीमेंट दिया नहीं और एनिकट भी बन गया
318 बैग सीमेंट इस काम में उपयोग होना था। नियमों के अनुसार विभाग को ही यह सीमेंट उपलब्ध करवाना होता है। ज्ञापन में आरोप लगाया है कि रेंजर ने भ्रष्टाचार बरतते हुए घटिया स्तर का सीमेंट अपने स्तर पर उठाकर काम करवा दिया। ज्ञापन में प्रार्थी ने रेंजर सिरोड़ी और डीएफओ सिरोही की अस्थाई सामग्री पंजिका को जप्त किए जाने की मांग करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
सुरेशा की पहले हो चुकी है षिकायत
ज्ञापन में बताया कि आरोपित लक्ष्मणराज सुरेषा की पूर्व में रेवदर विधायक जगसीराम कोली और आबू पिण्डवाड़ा के विधायक समाराम गरासिया ने वन मंत्री को शिकायत भी की थी। बावजूद इसके वह लगातार यहां पर जमा हुआ है। ज्ञापन में कठोर कार्रवाई करवाने की मांग की है।
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