सिरोही चिकित्सा विभाग और घोटाले पार्ट 5: सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में पिछड़ा सिरोही, एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम में सिरोही जिले को राज्यभर में मिली 31वीं रैंकिंग, पाली टॉप पर
सिरोही चिकित्सा विभाग की एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के तहत खराब रैंकिंग। प्रदेशभर में सिरोही 31वीं रैंकिंग पर। जनवरी और फरवरी 2022 माह में लगातार खराब प्रदर्शन सिरोही जिले का।
गणपत सिंह मांडोली/ गजेंद्र सिंह राठौड़
सिरोही।
राज्य में गैर संचारी रोगों (एनसीडी) को रोकने तथा नियंत्रित करने के लिए कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया।
राज्य सरकार की ओर से इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य संवर्धन, शीघ्र निदान, प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया। एनपीसीडीसीएस (NPCDCS) कार्यक्रम में यूं तो राजस्थान के अधिकांश जिलों की स्थिति अच्छी है, लेकिन सिरोही, भिलवाड़ा, डूंगरपुर और बीकानेर के हालात बेहद चिंताजनक है।
राज्य सरकार की ओर से इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत हर माह की प्रगति रिपोर्ट तैयार करवाई जाती है। फरवरी 2022 माह की रैंकिंग में टॉप पर पाली जिला है तो अंतिम रैंंक बीकानेर जिले की बताई जा रही है।
बात करें सिरोही जिले की तो अंतिम चार में सिरोही जिला भी शामिल है। या यूं कहा जा सकता है कि सिरोही जिला नीचले क्रम से 4 नंबर पर है। सिरोही को कार्यक्रम में सही तरीके के कार्य नहीं करने पर 31वीं रैंक मिली है।
97 अंक के साथ पाली प्रथम तो 44 अंक के साथ सिरोही 31वें नंबर पर
राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशालय की ओर से एनपीसीडीसीएस (NPCDCS) कार्यक्रम की हर माह कार्य की मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके तहत फरवरी 2022 की रिपोर्ट में पाली जिला 97 अंक प्राप्त कर पहली रैंक पर है।
इसके बाद दूसरे नंबर पर चित्तौडगढ़ के 95 अंक, तीसरे पर 92 अंक के साथ राजसमंद जिला है। यहां एनपीसीडीसीएस (NPCDCS) कार्यक्रम के तहत अच्छा कार्य किया गया। जबकि सिरोही जिला 31वें नंबर पर है।
सिरोही जिले को 44 अंक मिले है। जबकि सबसे नीचे 25 अंक प्राप्त कर बीकानेर जिला 34वें रैंक पर है।
सिरोही में एनपीसीडीसीएस के तहत नहीं हुआ कार्य
राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ को इसकी मॉनिटरिंग करनी थी। इस कार्यक्रम के तहत शहरी व ग्रामीण इलाकों में हृदय रोग या मधुमेह जैसे रोगियों की पहचान कर उन्हें इलाज के लिए प्रोत्साहित किया जाना था।
ग्रामीण इलाकों में आशा, एएनएम या स्वास्थ्य कार्यकताओं की ओर से अभियान चलाकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की रिपोर्ट तैयार कर पोर्टल पर अपडेट करना, लेकिन सिरोही में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
सिरोही सीएमएचओ ने सरकार की इस फ्लैगशिप योजना के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई, इसका नतीजा यह हुआ कि सिरोही जिला पिछड़ गया और फरवरी माह की रिपोर्ट में प्रदेशभर में 31वें पायदान पर आ गया।
लगातार खराब हो रही है सिरोही जिले की रैंकिंग
सिरोही जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिकारियों द्वारा ध्यान ही नहीं दिया जा रहा। सिरोही जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही के चलते जिले की रैंकिंग 31वें नंबर पर आ गई।
स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक सिरोही की जनवरी 2022 में 30वीं रैंकिंग थी, फरवरी माह में यह 31वें नंबर पर आ गई। ओवरआल अप्रेल 2021 से फरवरी 2022 तक की रिपोर्ट भी देखें तो सिरोही जिला 22 वे 27वें रैंक पर आ गया। इससे यह साफ हो गया कि सिरोही सीएमएचओ सरकार की योजनाओं के प्रति लापरवाही बरत रहे है।
क्या है एनपीसीडीसीएस
भारत में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बढ़ते बोझ के साथ तेजी से स्वास्थ्य संक्रमण बढ़ रहा था। गैर-संचारी रोग जैसे हृदय रोग, कैंसर, पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों, मधुमेह आदि का अनुमान सभी मौतों का लगभग 60% है।
एनसीडी जीवन के संभावित उत्पादक वर्षों में काफी नुकसान पहुंचाते हैं। हृदय रोगों, स्ट्रोक और मधुमेह से संबंधित अकाल मृत्यु के कारण होने वाले नुकसान में भी पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि होने का अनुमान है।
ऐसे में प्रमुख एनसीडी को रोकने और नियंत्रित करने के लिए कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम 2010 में शुरू किया गया था।
जारी किया गया है नोटिस
एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम में जिन जिलों की रैंकिंग खराब रहती है, उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोटिस जारी किया जाता है। सिरोही तथा अन्य ऐसे जिले जिनकी रैंकिंग खराब है उन्हें कार्य के लिए दिशा निर्देश दिए गए है।
राहुल वशिष्ठ, स्टेट प्रोग्राम आफिसर, एनसीडी
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