'कथनी' आखिर 'करनी' से इतनी भिन्न क्यों..: पिंडवाड़ा-आबू विधायक समाराम गरासिया का दोहरा चरित्र आया सामने 

आमजन के दुख-दर्दो की चिंता करते नहीं थकने वाले नेताओं की कथनी और करनी में इतना अंतर क्यों होता हैं। राजस्थान के एकमात्र पर्वतीय स्थल माउंट आबू में पांच सितारा होटल के निर्माण का मामला आँखे खोलने के लिए पर्याप्त हैं। इन दिनों माउंट आबू की खूबसूरत वादियों में ठंड के थर्ड डिग्री टॉर्चर के बीच सियासी पारा हाई हो रहा हैं।

पिंडवाड़ा-आबू विधायक समाराम गरासिया का दोहरा चरित्र आया सामने 
Hotel Limdi Kothi

सिरोही | आमजन के दुख-दर्दो की चिंता करते नहीं थकने वाले नेताओं की कथनी और करनी में इतना अंतर क्यों होता हैं। राजस्थान के एकमात्र पर्वतीय स्थल माउंट आबू में पांच सितारा होटल के निर्माण का मामला आँखे खोलने के लिए पर्याप्त हैं।
इन दिनों माउंट आबू की खूबसूरत वादियों में ठंड के थर्ड डिग्री टॉर्चर के बीच सियासी पारा हाई हो रहा हैं।

माउंट आबू की वाइल्ड लाइफ के नो कंस्ट्रक्शन जोन में बन रही पांच सितारा होटल लिमड़ी कोठी के अवैध निर्माण को लेकर पिंडवाड़ा-आबू विधायक समाराम गरासिया विपक्ष में रहते इस मुद्दे पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर काफी मुखर रहते थे।
विधायक गरासिया वाइल्ड लाइफ में नो कंस्ट्रक्शन में अवैध निर्माण से लेकर सर्वोच्च न्यायालय और एनजीटी के नियमों की भी खूब दुहाई देते थे।

इतना ही नहीं विधायक गरासिया को स्थानीय निवासियों के भवन मरम्मत की अनुमति नहीं मिलने से उनके बाथरूम से लेकर टपकती छतो की भी उन्हें खूब चिंता सताती थी।
ट्विटर और अब एक्स पर तो विधायक समाराम गरासिया पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार पर खूब आरोप लगाते थे. 

पूर्व मुख्यमंत्री पर दोहरे रवैये का लगाते थे आरोप

क्षेत्रीय विधायक विधायक समाराम गरासिया उस समय आबू वाइल्ड लाईफ में नो कंस्ट्रक्शन में पांच सितारा होटल निर्माण पर ट्विटर पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर जमकर प्रहार करते थे।राज सीएमओ का दोहरा रवैया, आमजन त्रस्त और रसूखदार मस्त। यही नहीं विधायक यह भी आरोप लगाते थे कि आखिर किसके दबाव में प्रशासनिक अधिकारी कार्यवाही को अंजाम नहीं दे रहे हैं।समय समय पर यह भी पूछा जाता था कि अशोक गहलोत जी आखिर नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों पर कार्यवाही करने की जहमत कब उठाई जाएगी।

तत्कालीन सरकार में विधायक की शिकायत पर हुई जांच के बाद विधायक की हुई थी फजीहत

क्षेत्रीय विधायक समाराम गरासिया जब लगातार इस मामले पर शासन व प्रशासन के खिलाफ मुखर थे तो उस समय तत्कालीन जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद ने पुरे मामले की जांच करवाई और लिमड़ी कोठी को क्लीन चीट दे दी थी। कलेक्टर साहब ने होटल के निर्माण की शिकायत को खारिज करते हुए महज रिपेयरिंग का काम होने का हवाला दिया था। इस पुरे मामले में विधायक जी की शिकायत झूठी पाई जाने पर क्षेत्र में काफी फजीहत भी हुई थी। यह दीगर बात हैं कि इस कोठी में जहां पहले तीन मंजिल हुआ करती थी वहां अब चार मंजिल बनी हुई नजर आ रही हैं।

विधायक पर लग रहे दोगली राजनीति के आरोप

पूर्ववर्ती सरकार में अशोक गहलोत पर दोहरे रवैये के आरोपों की झड़ी लगाने वाले क्षेत्रीय विधायक समाराम गरासिया इन दिनों खुद दोगली राजनीति के आरोप का दंश झेल रहे हैं।ऊंचे रसूख और दबी जुबान में पूर्व सीएम और पाली से सांसद रहे वरिष्ठ कोंग्रेसी पर होटल निर्माण का आरोप मढ़ने वाले विधायक जी को खुद की सरकार बने एक साल बीत गया लेकिन विधायक जी ना तो अब आबू की जनता,ना आबू की वाइल्ड लाईफ की चिंता हैं।
सर्वोच्च न्यायालय से लेकर एनजीटी के नियमों की दुहाई देने वाले विधायक जी अब नियम कायदे सब भूल गए हैं। यही कारण हैं कि अब स्थानीय लोग विधायक पर दोहरे चरित्र और दोहरे रवैये का आरोप लगा रहे हैं।

रियासत काल में कोठी नाम से पहचान रखने वाली कैसे बनी पांच सितारा होटल

रियासतकाल में गुजरात की लिमड़ी रियासत की प्रॉपर्टी हुआ करती थी और लिमड़ी कोठी नाम से अपनी पहचान रखती थी। कुछ सालों पहले इस कोठी का बेचान किया गया। प्रदेश के बड़े राजनेता की ओर से इस कोठी को खरीदने की बातें भी सामने आई।
इतना ही नहीं माउंट आबू में इको सेंसिटिव जोन होने की वजह से स्थानीय लोग जहां आज भी कच्चे घरो में रह रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ यह लिमड़ी कोठी अब पांच सितारा होटल में तब्दील हो गई हैं। होटल में 80 कमरें और उन कमरों का आकर्षक इंटीरियर किसी से छुपा नहीं हैं।करीब एक दशक से माउंट आबू में चल रहे सिवरेज काम की आड़ में इस होटल तक बजरी, सीमेंट समेत अन्य सामान पहुंचाने के कई मामले सामने आते रहे हैं।

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