Sirohi Rajasthan: किसानों के लिए कोढ़ में खाज: एमडी के आदेश से बढ़ी समस्याएं

इफको और कृभको खाद की कमी से किसान परेशान
सिरोही . जिले के किसान इन दिनों रसायनिक खाद की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। विशेष रूप से इफको और कृभको खाद की अनुपलब्धता के कारण किसानों को फसल बचाने में कठिनाइयां हो रही हैं। किसानों को मजबूरन सहकारी समितियों के माध्यम से उच्च दरों पर अन्य कंपनियों की खाद खरीदनी पड़ रही है।
एमडी के आदेश से बढ़ा संकट
सिरोही सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के एमडी ने सहकारी समितियों को अन्य रजिस्टर्ड कंपनियों की खाद खरीदने और बेचने पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद बाजार में कथित रूप से कुछ स्वहितकारी कंपनियों की उच्च दर वाली खाद को सहकारी समितियों के माध्यम से बेचा जा रहा है। इससे किसानों का खर्च बढ़ गया है और उन्हें कम गुणवत्ता वाली खाद खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
किसानों के साथ धोखा: जैविक खाद के नाम पर कचरा
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष मनाराम चौधरी ने आरोप लगाया कि किसानों को जैविक खाद के नाम पर कचरा बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान सहकारी समितियों से खाद इसलिए खरीदते हैं कि उसे गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिलेगा, लेकिन मौजूदा समय में किसानों को कम गुणवत्ता वाली खाद अधिक दर पर दी जा रही है।
मिलीभगत की आशंका
किसान संघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि वर्तमान में जो खाद किसानों को दी जा रही है, वह पहले इस्तेमाल की गई खाद से कम प्रभावी है और इसकी कीमत भी अधिक है। ग्राम सेवा सहकारी समितियों के जिलाध्यक्ष इंदरसिंह देवड़ा ने कहा कि यदि खाद की कमी है, तो दूसरी कंपनियों से गुणवत्ता युक्त खाद खरीदने के लिए टेंडर जारी किए जाने चाहिए थे।
गुणवत्ता की जांच की मांग
किसान संघ के नेताओं ने मांग की है कि सहकारी समितियों के माध्यम से बेची जा रही खाद की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के खेतों में नई खाद का उपयोग करने के बाद गेहूं की पौध तक नहीं निकल पा रही है, जो किसानों के साथ धोखे जैसा है। किसानों के हित में यह आवश्यक है कि सहकारी समितियों के माध्यम से बेची जा रही खाद की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। खाद की बढ़ती कीमतों और घटती गुणवत्ता ने किसानों को आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान कर दिया है। इस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
इनका कहना है
"यह किसानों के साथ धोखा है। सहकारी समितियों से किसान भरोसे के आधार पर खाद खरीदते हैं, लेकिन उन्हें कम गुणवत्ता वाली और महंगी खाद मिल रही है।"
मनाराम चौधरी, जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ, सिरोही:
"बैंक को गुणवत्ता युक्त खाद सुनिश्चित करनी चाहिए। किसानों का अधिकार है कि उन्हें बेहतर खाद मिले।"
इंदरसिंह देवड़ा, जिलाध्यक्ष, ग्राम सेवा सहकारी समितियां, सिरोही:
"आरोप निराधार हैं। यदि किसानों को खाद की गुणवत्ता पर संदेह है, तो एग्रीकल्चर विभाग से जांच करवानी चाहिए।"
पुनाराम चोयल, एमडी, सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, सिरोही:
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