Sirohi: योग्यता के आंकलन में जिलाध्यक्ष के रूप में प्रदेश संगठन की पहली पसंद बन सकते है गोयल
राजनीति
13 Jan 2025
- जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल योगेन्द्र गोयल चार दशक से अधिक समय से है पार्टी के सक्रिय व अनुशासित कार्यकर्ता
- पार्टी व संगठन के कार्यो का है लंबा अनुभव
- राम मंदिर आंदोलन के समय जोधपुर संभाग के सबसे छोटे कार सेवक के रूप में है पहचान
- पांच जिलाध्यक्षों के साथ कार्य करने का है अनुभव
सिरोही। भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए दो उम्मीदवारों के बीच चल रही दौड़ अब अपने अंतिम चरण में आ चुकी है। संभव है कि जल्द ही प्रदेश संगठन सिरोही जिलाध्यक्ष की घोषणा कर देगा। पार्टी व संगठन ने जिलाध्यक्ष पद के लिए जो मापदंड तय किए गए है उसके आधार पर देखा जाए तो वर्तमान में संगठन में जिला महामंत्री का दायित्व संभाल रहे योगेन्द्र गोयल की दावेदारी मजबूत दिखाई दे रही है। ऐसे में गोयल के सिरोही जिलाध्यक्ष बनने की संभावनाएं प्रबल नजर आ रही है। वैसे बाल्यकाल से संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े होने और एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में समय समय पर पार्टी व संगठन की ओर से दी गई जिम्मेदारियों को कत्र्तव्यनिष्ठा के साथ निर्वहन करने का फायदा भी गोयल को मिल सकता है।
वैसे गोयल के परिवार की किसी प्रकार की राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है। गोयल के पिता शिवगंज में गोली बिस्किट का थोक व्यापार करते थे। एक साधारण परिवार से निकले गोयल वर्ष 1990 में अपने बाल्यकाल में ही संघ से जुड़ चुके थे। उन दिनों देश भर में राम मंदिर आंदोलन का बिगुल बजा हुआ था। भारी संख्या में कार्यकर्ता अयोध्या के लिए कूच कर रहे थे। उसी समय गोयल ने भी अयोध्या जाने की ठान ली और कार सेवकों के जत्थे के साथ अयोध्या के लिए कूच कर गए। उस समय वे जोधपुर संभाग से अयोध्या जाने वाले कार सेवकों में सबसे कम उम्र के कार सेवक थे। रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान हरदोई जेल में भी चौदह दिन तक रहे। उस समय से आज तक लगातार वे एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में पार्टी और संगठन की ओर से दी गई जिम्मेदारियों को निभाते आ रहे है। इन 34 वर्षो का जो अनुभव उन्होंने हासिल किया है वहीं उनको इस पद तक ले जा सकता है।
इन कारणों से है मजबूत दावेदारी
- संघ की ओर से अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाले आंदोलनों में सक्रिय भुमिका निभाते रहे है।
- विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा में सक्रिय भूमिका
- बूथ इकाई अध्यक्ष के रूप में राजनीति में प्रवेश करने के बाद युवा मोर्चा में मंडल की टीम में पदाधिकारी के रूप में कार्य करते हुए युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष और बाद में युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष बने।
- युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष पद पर कार्य करते हुए माउंट आबू में प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण वर्ग का सफलता पूर्वक संचालन किया। इस प्रशिक्षण वर्ग में राज्य सरकार के कई मंत्रियों सहित प्रदेश अध्यक्ष एवं केन्द्रीय पदाधिकारियों ने शिरकत कर गोयल के कार्य की प्रशंसा की।
- भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्टेच्यू ऑफ युनिटी के जिला कॉडिनेटर के रूप में कार्य करते हुए जिले भर से लोहा एवं मिट्टी संग्रहण कार्य में प्रमुख भूमिका का निर्वहन किया।
- संघ की पृष्ठभूमि से आने के कारण हमेशा अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के प्रति समर्पित होकर कार्य किया। पार्टी ने जो कार्य दिया उसे पूरी शिद्दत से निभाया कभी बगावत नहीं की।
- पार्टी की ओर से चलाए जाने वाले सदस्यता अभियान के दो बार जिला संयोजक के रूप में संचालन किया
- बूथ निर्माण समिति के जिला संयोजक के रूप में जिले के प्रत्येक बूथ पर फोटो युक्त बुथ समिति का निर्माण करवाने में अहम भूमिका निभाई।
- कोरोना काल में सेवा ही संगठन के जिला संयोजक के रूप में जिले में लगातार सक्रिय रहते हुए वर्जुअल बैठकों का आयोजन किया।
- पांच जिलाध्यक्षों के साथ दो बार जिला महामंत्री एवं एक बार मंत्री के रूप में जिला संगठन मेें कार्य करने का अनुभव
- भाजपा प्रदेश संगठन की ओर से तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय निकाली गई जन आक्रोश यात्रा में जिला संयोजक के रूप में कार्य करते हुए यात्रा का सफल संचालन किया। इसके अलावा ओर भी कई जिम्मेदारियों का गोयल ने सफलता पूर्वक निर्वहन किया जो उनकी दावेदारी को मजबूत बना रहे है।
बहरहाल, भाजपा जिलाध्यक्ष को लेकर नाम का खुलासा जल्द हो सकता है। लेकिन जिलाध्यक्ष के रूप में जिले भर में पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों के बीच गोयल के नाम की ही चर्चा सुनाई दे रही है। अधिकांश भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि प्रदेश संगठन गोयल को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी देता है तो इससे पार्टी और संगठन दोनों को मजबूती मिलेगी, जिसका फायदा आगामी नगर पालिका, पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनावों में भाजपा को मिलेगा।
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