मूलभूत सुविधाओं को तरसते कोरोना वॉरियर्स: सिरोही—गुजरात सीमा पर मावल चौकी के कार्मिकों को मूलभूत सुविधाओं का अभाव, ना बैठने को कुर्सी तो ना धूप से बचाव को छाया

प्रशासन ने बॉर्डर पर सतर्कता बढा दी। वाहनों की जांच के लिए सरकारी कर्मचारियों को तैनात तो कर दिया गया, लेकिन प्रदेश की जनता की सुरक्षा और सुविधा के लिए बॉर्डर पर तैनात कर्मचा​री स्वयं मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

सिरोही—गुजरात सीमा पर मावल चौकी के कार्मिकों को मूलभूत सुविधाओं का अभाव, ना बैठने को कुर्सी तो ना धूप से बचाव को छाया

सिरोही। 
कोरोना संक्रमण एक बार फिर से पांव पसार रहा है। हालांकि सरकार और प्रशासन इससे बचाव के लिए लगातार सजग और सचेत रहने की अपील कर रही है। इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने पडौसी राज्यों से राजस्थान आने वालों के लिए कोरोना रिपोर्ट तक अनिवार्य कर दी। सरकार के इस आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन ने बॉर्डर पर सतर्कता बढा दी। वाहनों की जांच के लिए सरकारी कर्मचारियों को तैनात तो कर दिया गया, लेकिन प्रदेश की जनता की सुरक्षा और सुविधा के लिए बॉर्डर पर तैनात कर्मचा​री स्वयं मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।
जी हां, पढने और सुनने में भले ही अटपटा सा लगे लेकिन यह सत्य है। सिरोही जिले के मावल के नजदीक हाइवे पर स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर जांच के लिए कर्मचारियों को तो तैनात कर दिया गया, लेकिन उन कर्मचारियों के लिए ना तो बैठने के लिए कुर्सियां है और ना ही तेज धूम में सिर छिपाने के लिए छाया की व्यवस्था है। ऐसे में पेरेशान और लाचार कोरोना वॉरियर्स मजबूरन आस पास के होटल से मदद मांग रहे है। 

चेकपोस्ट कार्मिकों के साथ यात्री भी परेशान


आप जो ये तस्वीरें देख रहे हैं ये तस्वीरें राजस्थान गुजरात की बॉर्डर पर स्थित मावल चेकपोस्ट की हैं। यहां जिला प्रशासन ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम हेतु एक निगरानी दल तैनात किया हैं। जो गुजरात की तरफ से राजस्थान में प्रवेश करने वाले लोगों की जानकारी जुटाने का कार्य कर रहा हैं। लेकिन विडम्बना की बात देखिए इस चेकपोस्ट पर तैनात इन कर्मचारियों के बैठने के लिए कुर्सी तक की यहां व्यवस्था नहीं हैं। ये कर्मचारी पूरे दिन धूप में खड़े रहकर तो पूरी रात अंधेरे में खड़े रहकर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। जिला प्रशासन ने यहां ना तो कुर्सी मुहैया करवाई और ना ही टेबल, छाया की व्यवस्था के लिए टेंट तक नहीं लगाया गया है। इन कर्मचारियों के साथ साथ अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासियों को भी धूम में खडे होकर परेशान होना पड रहा है। 
21 दिन से लगातार ड्यूटी कर रहे कर्मचारी
महाराष्ट्र और केरल से आने वाले प्रवासियों की जानकारी जुटाने के लिए सिरोही जिले की आबूरोड़ तहसील क्षेत्र की मावल बॉर्डर पर लगाई इस चेकपोस्ट पर ड्यूटी कर रहे कर्मचारी पिछले 21 दिन से यहां लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। इन्हें ना रविवार की छुट्टी मिलती हैं और ना ही अन्य सरकारी छुट्टियां। ये कर्मचारी हर रोज यहां अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। जबकि नियमानुसार रोटेशन प्रणाली के तहत यहां अलग अलग कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए। पर अधिकारियों के चेहते कर्मचारियो को धूप में खड़ा नहीं रहना पड़े इसके लिए ये कोरोना वॉरियर्स पिछले 21 दिन से ड्यूटी कर रहे है। 
मूलभूत सुविधाओं के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा है पत्र
चेकपोस्ट पर मूलभूत सुविधाओं के लिए हमने उच्चाधिकारियों को पत्र लिख दिया हैं। जैसे ही निर्देश मिलेंगे वैसे सुविधाएं उपलब्ध करवा दी जाएगी। कर्मचारियों की ड्यूटी बदलनी हैं या नहीं ये हमारा काम हैं इसके लिए मीडिया हमसे सवाल नहीं कर सकता। 
रामस्वरूप जोहर, तहसीलदार, आबूरोड़

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