Shardiya Navratra 2022: शारदीय नवरात्र शुरू, ऐसे करें पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना, होती है अनंत फल की प्राप्ति 

नवरात्र की शुरूआत के साथ ही देशभर में माता के मंदिरों में मातारानी के जयघोष सुनाई दे रहे हैं। सुबह से ही माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है।

शारदीय नवरात्र शुरू, ऐसे करें पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना, होती है अनंत फल की प्राप्ति 

नई दिल्ली | Shardiya Navratra 2022: आज से नौ दिवसीय पर्व नवरात्र की शुरूआत हो गई है। आज से शुरू हुए शारदीय नवरात्र 5 अक्टूबर को विजयादशमी तक चलेंगे। आज सबसे पहले विधिपूर्वक कलश स्थापना की जाएगी। नवरात्र की शुरूआत के साथ ही देशभर में माता के मंदिरों में मातारानी के जयघोष सुनाई दे रहे हैं। सुबह से ही माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। मंदिरों को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। सोमवार को शारदीय नवरात्रि का प्रथम दिन है। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरुप यानि मां ‘शैलपुत्री’ की पूजा-अर्चना की जाती है। 

मां दुर्गा का पहला स्वरूप ‘शैलपुत्री’ हैं। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण माता पार्वती को शैलपुत्री भी कहा जाता है। मां शैलपुत्री की पूजा करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। मां अपने भक्तों को यश, ज्ञान, मोक्ष, सुख, समृद्धि आदि प्रदान करती हैं। 

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माता शैत्रपुत्री का पूजन मंत्र
वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्॥
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

माता शैलपुत्री की पूजा विधि
- प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद सबसे पहले घटस्थापना और पूजन संकल्प करें।
- इसके बाद मां शैलपुत्री की पूजा करें और माता को अक्षत, सफेद फूल, सिंदूर, धूप, दीप, इत्र, फल, मिठाई आदि अर्पित करें।
- मां शैलपुत्री को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं या फिर गाय के घी का भी भोग लगा सकते हैं।
- इस दौरान उनके पूजन मंत्र का उच्चारण करें।
- मां शैत्रपुत्री की कथा को मन से पढ़ें।
- इसके बाद घी के दीपक से माता की आरती करें और पूजा का समापन क्षमा प्रार्थना मंत्र से करें।
- मां से पूजा में कमियों और गलतियों के लिए माफी मांगे और अपनी मनोकामना के लिए माता से प्रार्थना करें।

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