मुकन सिंह की मौत का मामला: जुल्म की इंतेहा पार कर राजस्थान में पुलिस हो रही बर्बर और अपराधी बेलगाम : प्रतिपक्ष उप ​नेता राजेन्द्र राठौड़

मेरी मांग है कि प्रशासन दोषी एएसआई को लाइन हाजिर करके मामले में इतिश्री नहीं करें बल्कि एएसआई के विरुद्ध मामला दर्ज कर निष्पक्ष जांच करें और पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाएं अन्यथा मुझे आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।

जुल्म की इंतेहा पार कर राजस्थान में पुलिस हो रही बर्बर और अपराधी बेलगाम : प्रतिपक्ष उप ​नेता राजेन्द्र राठौड़

जयपुर | राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर कहा कि पाली जिले के कोतवाली थाने में एएसआई ओमप्रकाश चौधरी द्वारा युवक मुकन सिंह के साथ जुल्म की सारी इंतेहा पार करते हुए बर्बरतापूर्ण मारपीट करना तथा उसके परिजनों के साथ किये गये दुर्व्यव्हार से आहत होकर युवक द्वारा जान देने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है।

राठौड़ ने कहा कि थाने में एएसआई ने रातभर युवक के साथ मारपीट कर उसे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। इसके बाद अपमानित महसूस होने पर युवक ने जहर खा लिया। मेरी मांग है कि प्रशासन दोषी एएसआई को लाइन हाजिर करके मामले में इतिश्री नहीं करें बल्कि एएसआई के विरुद्ध मामला दर्ज कर निष्पक्ष जांच करें और पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाएं अन्यथा मुझे आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।

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राठौड़ ने कहा कि आरोपी एएसआई राजस्थान के डीजीपी को अपना नजदीकी बताकर रौब जमाता रहा है। उस पर कई मुकदमों के बावजूद अफसरों की मेहरबानी लगातार बनी हुई है जो शर्मनाक है। आमजन की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिस पुलिस प्रशासन पर है जब वो ही अपराधी की भूमिका में आकर अत्याचार करेगा तो आमजन न्याय की उम्मीद किससे करेंगे? 

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कुशासन में पुलिस हिरासत में क्रूर यातनाओं का दौर लगातार जारी है जिसकी कीमत कई नागरिकों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है। हाल ही में जयपुर के जवाहरसर्किल थाने में अमित त्यागी की पुलिस हिरासत में मौत, नावां थाने में सुनील कुमावत की मौत, लोहावट थाने में राजू नायक की मौत जैसे अनेकों ऐसी घटनाएं है जब पुलिस ने हिरासत में लिए लोगों पर दमनात्मक आचरण किया।

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राठौड़ ने कहा कि पुलिस की पिटाई हो या पुलिस हिरासत में मौत दोनों ही मामलों में राजस्थान अव्वल है। पुलिस आंकडों के अनुसार वर्ष 2021 में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों पर हमले के 1544 प्रकरण दर्ज होना इस बात का प्रमाण है कि राजस्थान में अपराधी बेलगाम हो रहे हैं। अब तो खुद पुलिस भी अपराधी के जैसा बर्ताव कर रही है जिससे खाकी का खौफनाक चेहरा दिखता है।

राठौड़ ने कहा कि एक ओर जहां राजस्थान की पुलिस माफियाओं से पिटने में रिकॉर्ड कायम कर रही है वहीं दूसरी ओर हिरासत में लिए लोगों के साथ निर्मम अत्याचार करके उन्हें मरने के लिए मजबूर करने में भी पीछे नहीं है। पुलिस का खौफनाक व बर्बर चेहरा सामने आ रहा है जिससे साफ प्रतीत हो रहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था का नामोनिशां तक नहीं है।

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