कोल ब्लॉक पर छत्तीसगढ़ सरकार से हरी झंडी: राजस्थान को परसा कोल ब्लॉक के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से मिली क्लियरेंस, अब जल्द शुरू होगा कोयले का उत्पादन
राजस्थान के तापीय विद्युत गृहों के लिए राहत भरी खबर है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित परसा कोल ब्लॉक में खनन कार्य आरंभ करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से क्लियरेंस मिल गई है।
जयपुर।
राजस्थान के तापीय विद्युत गृहों के लिए राहत भरी खबर है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित परसा कोल ब्लॉक में खनन कार्य आरंभ करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से क्लियरेंस मिल गई है।
इस नए ब्लॉक में कोयले का खनन कार्य आरंभ होते ही राज्य के तापीय विद्युत गृहों के लिए अतिरिक्त कोयला मिलने लगेगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के व्यक्तिगत प्रयासों से यह संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले दिनों 25 मार्च को स्वयं ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी व अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से रायपुर जाकर मुलाकात कर परसा कोल ब्लॉक और परसा ईस्ट कांटा बासन कोल ब्लाक द्वितीय चरण में कोयले का खनन आरंभ करने की शीघ्र अनुमति जारी करने का आग्रह किया था।
मुख्यमंत्री गहलोत के प्रयासों से छत्तीसगढ़ सरकार ने अगले दिन ही पारसा ईस्ट कांटा बासन कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण की कोल माइनिंग की अनुमति जारी कर दी।
वहीं बुधवार 6 अप्रेल को राज्य के नए कोल ब्लॉक परसा कोल ब्लॉक में भी कोयला खनन की अनुमति जारी कर दी है।
मुख्यमंत्री गहलोत के साथ ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कुलदीप रांका व सीएमडी राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम आरके शर्मा रायपुर गए थे।
एनर्जी मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि राज्य सरकार को आवंटित दोनों ही कोल ब्लॉकों में कोयला खनन की केन्द्र सरकार के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति प्राप्त होने से कोयले की कमी के कारण संकट के दौर से गुजर रहे तापीय विद्युतगृहाें के लिए तेज गर्मी में बरसात की फुहारों की तरह राहत भरी है।
उन्होंने बताया कि विद्युत उत्पादन निगम को कोयला खनन की आवश्यक तैयारियां शीघ्र पूरी करने के निर्देश दे दिए गए हैं और आवश्यक तैयारियां आरंभ कर दी गई है।
एसीएस माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को 841.538 हैक्टेयर क्षेत्र का छत्तीसगढ़ के सरगुजा परसा कोल ब्लॉक 2015 में आवंटित किया गया था।
केन्द्र सरकार से क्लियरेंस मिलने के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार से भी क्लियरेंस मिलने से इस नए ब्लॉक में खनन कार्य आरंभ करने में आ रही बाधा दूर हो गई है।
राज्य सरकार को परसा ईस्ट व कांता बेसिन में फेज वन में कोयला लगभग समाप्त हो जाने के कारण कोयले का संकट गहराने लगा था। उन्होंने बताया कि परसा ईस्ट कांता बेसिन के दूसरे चरण के 1136 हैक्टेयर वन भूमि में वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की क्लियरेंस भी पिछले दिनों मिल गई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 841 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र के इस नए परसा कोल ब्लॉक से कोयले का उत्पादन आरंभ होने पर राज्य को प्रतिदिन करीब 2.7 रैक कोयले की मिल सकेगी।
एक मोटे अनुमान के अनुसार इस ब्लॉक में 5 मिलियन टन प्रतिवर्ष कोयले का उत्पादन होने की संभावना है। इस नए ब्लॉक से कोयले की सालाना एक हजार रैक मिलेगी। इस कोल ब्लॉक में 30 साल में 150 मिलियन टन कोयले का भण्डार होने की संभावना है।
इससे प्रदेश के तापीय विद्युत गृहों के लिए अब राज्य कोल ब्लॉकों से भी अधिक कोयला मिलने लगेगा। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा ने बताया कि दोनों ही कोल ब्लॉकों में जल्दी से जल्दी कोयला का खनन शुरु करने के प्रयास शुरु कर दिए गए है।
खनन आरंभ होने पर दोनों कोल ब्लॉकों से औसतन 9 से 10 रैक प्रतिदिन कोयले प्राप्त होने लगेगी। सीएमडी राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम आरके शर्मा ने बताया कि राज्य के तापीय विद्युत गृहाें के लिए कोल इंडिया की एनसीएल और एसईसीएल से कोयले की रैक प्राप्त होने के साथ ही राज्य सरकार की परसा ईस्ट कांटा बासन कोल माइन के पहले फेज से कोयला की रैक आ रही थी।
उन्होंने बताया कि परसा ईस्ट कांटा बासन के पहले फेज में कोयला लगभग समाप्त हो जाने के कारण दूसरे फेज और परसा कोल ब्लॉक में कोयला खनन की क्लियरेंस के लिए उच्च स्तरीय प्रयास किए गए जिसके परिणाम स्वरुप क्लियरेंस प्राप्त हो सकी है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार को विद्युत भवन में चेयरमैन डिस्काम्स भास्कर ए सावंत और सीएमडी विद्युत उत्पादन निगम आरके शर्मा के साथ उच्च स्तरीय बैठक में राज्य के तापीय विद्युत गृहों के लिए कोयले की उपलब्धता, विद्युत उत्पादन और मांग व आपूर्ति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि कोयले की आपूर्ति और उपलब्धता पर नजर रखने के साथ ही केन्द्र सरकार के कोयला मंत्रालय, पॉवर मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, कोल इंडिया के साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार आदि से उच्च स्तर पर समंवय बनाते हुए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने अधिकारियों के साथ राज्य के छत्तीसगढ़ स्थित कोल ब्लॉकों में कोयला खनन की क्लियरेंस के बाद अब जल्दी से जल्दी कोयला खनन आरंभ करने के समन्वित प्रयास करने पर बल दिया। उन्होेंने कोयला संकट के बावजूद प्रवंधकीय दक्षता से तापीय विद्युत गृहों में विद्युत उत्पादन व आपूर्ति बनाए रखने की सराहना की।
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