केवीआईसी की स्वरोजगार प्रोत्साहन पहल: खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने जैसलमेर, बाड़मेर और नागौर के 1,100 कारीगरों को सशक्त बनाने की नई पहल की

राजस्थान में स्वरोजगार को प्रोत्साहन देते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने जोधपुर में कुम्हारों को 200 बिजली चालित पॉटर व्हील्स, कारपेंटर्स को 240 वेस्ट वुड टूलकिट्स और 450 स्थानीय कारीगरों को 10 डोना पेपर प्लेट बनाने वाली मशीनें वितरित की।

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने जैसलमेर, बाड़मेर और नागौर के 1,100 कारीगरों को सशक्त बनाने की नई पहल की


नई दिल्ली, एजेंसी। 
राजस्थान में स्वरोजगार को प्रोत्साहन देते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने जोधपुर में कुम्हारों को 200 बिजली चालित पॉटर व्हील्स, कारपेंटर्स को 240 वेस्ट वुड टूलकिट्स और 450 स्थानीय कारीगरों को 10 डोना पेपर प्लेट बनाने वाली मशीनें वितरित की।
केवीआईसी चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने जैसलमेर, बाड़मेर और नागौर जिलों के इन खादी कारीगरों को मशीनें वितरित कीं।
इन्हें केवीआईसी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। मशीनों के वितरण से 1,100 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होंगे। इन लाभार्थियों में 170 बीपीएल परिवार भी शामिल हैं।
जैसलमेर के 200 कुम्हार परिवारों को बिजली चालित पॉटर व्हील्स वितरित किए गए। जैसलमेर को अपने उत्कृष्ट मिट्टी के बर्तनों के लिए जाना जाता है। 
इन कुम्हारों को केवीआईसी की मुख्य योजना कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत सशक्त बनाया गया है, जिसका उद्देश्य मिट्टी के बर्तनों की लुप्त होती कला को पुनर्जीवित करना और हाशिए पर मौजूद कुम्हार समुदाय को सशक्त बनाना है।
इसी प्रकार कारीगरों को केवीआईसी द्वारा कागज की डोना प्लेट और लकड़ी के शिल्प बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि उन्हें स्वरोजगार प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
केवीआईसी चेयरमैन सक्सेना ने कहा कि इन पहलों को केवीआईसी की ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत पेश किया गया है, जिसका उद्देश्य स्वरोजगार के माध्यम से ग्रामीण जनता को सशक्त बनाना और देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है।


सक्सेना ने यह भी कहा कि केवीआईसी की ये पहल माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में उल्लेखनीय कदम है। 
इन योजनाओं के माध्यम से केवीआईसी ने न सिर्फ राजस्थान, बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में लाखों रोजगार सृजित किए हैं।” उन्होंने कहा कि केवीआईसी पहली बार राजस्थान के कुम्हारों को ऑनलाइन विपणन प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रहा है, जिससे वे देश भर में अपने मिट्टी के उत्पादों की बिक्री कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि केवीआईसी का राजस्थान पर प्रमुख रूप से जोर है, जहां खादी गतिविधियों के माध्यम से रोजगार सृजन की खासी संभावनाएं हैं। 
इसके अलावा राजस्थान में मिट्टी के बर्तनों सहित कला के कई रूपों को केवीआईसी द्वारा पुनर्जीवित किया जा रहा है। अभी तक केवीआईसी राज्य में 5,000 से ज्यादा बिजली चालित पॉटर व्हील्स वितरित कर चुका है, जिससे लगभग 14,000 रोजगार सृजित हुए हैं। 
वेस्ट वुड टूलकिट्स के वितरण से 240 कारपेंटर परिवारों को, जबकि 10 पेपर प्लेट बनाने वाली मशीनों से 50 लोगों को रोजगार मिलेंगे।

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