राजपूत समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी मामला: पाली पुलिस के एएसआई द्वारा राजपूत समाज के प्रति की गई अभद्र टिप्पणी मामले में हाईकोर्ट के वकील ने सीएम को लिखा पत्र

राजस्थान हाईकोर्ट के वकील कुंवर अशोक वीर सिंंह निर्वाण ने पाली पुलिस के एएसआई द्वारा राजपूत समाज के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी मामले में सीएम को लिखा पत्र, निर्वाण ने कहा मेरी व्यक्तिगत भावना आहत।

पाली पुलिस के एएसआई द्वारा राजपूत समाज के प्रति की गई अभद्र टिप्पणी मामले में हाईकोर्ट के वकील ने सीएम को लिखा पत्र

जयपुर। 
पाली पुलिस के एएसआई द्वारा राजपूत समाज पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर राजस्थान हाईकोई के एडवोकेट ने सीएम, सीएस और डीजीपी को ज्ञापन भेजा हैं। 
एडवोकेट की ओर से 7 दिन में दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई। वहीं दूसरी ओर तय समय में कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाने की चेतावनी दी। 
राजस्थान हाईकोर्ट के वकील कुंवर अशोक वीर सिंह निर्वाण ने बताया कि पाली के कोतवाली पुलिस का एएसआई ओमप्रकाश चौधरी द्वारा राजपूत समाज के प्रति की गई टिप्पणी अशोभनीय तथा अमर्यादित है। एएसआई ओमप्रकाश चौधरी की टिप्पणी मेरी जाति तथा मेरी भावना को ठेस पहुंचाने वाली है।


ओम प्रकाश चौधरी ने व्यक्तव्य दिया कि मैं जहां रहता हूं, वहां राजपूतों का शिकार करता हूं। निर्वाण ने बताया कि ज्ञापन में मांग की गई कि इस तरह की अमर्यादित भाषा से मेरी भावनाएं आहत हुई है। सम्य समाज में ऐसी भाषा स्वीकार्य नहीं है। 
भारत में किसी को भी किसी जाति पर अशोभनीय व्यक्तव्य देने का अधिकारी नहीं हैं। एएसआई ओमप्रकाश चौधरी के व्यक्तव्य से राजपूत जाति का आघात पहुंचा है। इतना ही नहीं, इस तरह का व्यक्तव्य जातिय संघर्ष को भी बढ़ाता है। ऐसे व्यक्ति के चलते राजस्थान पुलिस की छवि भी धूमिल हुई। ऐसे गैरजिम्मेदार व्यक्ति को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। 
एडवोकेट निर्वाण ने मांग की है कि ऐसे व्यक्ति को नौकरी से कार्य मुक्त करते हुए समस्त परिलाभ बंद कर दिए जाएं तथा ओमप्रकाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएं।
यह है मामला
पाली शहर के सुमेरपुर मार्ग पर केशव नगर इलाके में रहने वाले मुकन सिंह मंगलवार सुबह सल्फास की गोलियां खा ली। तबीयत बिगड़ने पर उसे बांगड़ अस्पताल लाया गया, जहां से बाद में जाेधपुर रेफर कर दिया। जाेधपुर के एम्स अस्पताल में उसे वेंटिलेटर पर रखा और बाद में उसकी मौत हो गई।
इस मामले में मुकन सिंह की बहन सागर कंवर ने टाइप शुदा रिपोर्ट दी कि उसका भाई मुकन सिंह नया बस स्टैंड के  पीछे अपनी दुकान महादेव मेन्स वियर के अंदर बैठा था। तभी अभियुक्त ओमप्रकाश एएसआई दुकान के अंदर घुसा तथा दुकान के अंदर बैठे मेरे भाई को बस स्टैंड चौकी ले गया। जहां बस स्टैंड चौकी के अंदर ले जाकर मेरे भाई के साथ ओमप्रकाश ने बेरहमी से मारपीट की। अभियुक्त ओमप्रकाश ने अपना पेशाब जबरदस्ती मेरे भाई को पिलाया।
रिपोर्ट में लिखा है कि अभियुक्त ओमप्रकाश राजपूत जाति से व्यक्तिगत दुर्भावना रखता है। मेरे भाई के साथ मारपीट करते यह धमकी दे रहा था कि मैं जहां रहता हूं, वहां राजपूतों का शिकार करता  हूं। 
ओमप्रकाश ने यह कहा कि मेरी पहुंच उपर तक है। तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हो, पुलिस के सबसे बड़े अफसर लाठर साहब मेरे रिश्तेदार है। एसपी साहब भी मेरे से डरते हैं। मैं जहां चाहूं वहां रहता हूं।

पाली पुलिस ने थाने में फिर से लिखवाई रिपोर्ट
इस मामले में निरीक्षक सुरेश चौधरी ने रिपोर्ट दर्ज की और एसपी ने एएसआई को लाइन हाजिर किया। परन्तु यहां पुलिस ने साफ तौर पर कलाकारी की है। पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है। उसमें रसूखात की बात तो लिखी है, लेकिन डीजी की रिश्तेदारी वाले आरोप का उल्लेख हटा दिया है। 
यहां आप को बता दें कि परिवादी सागर कंवर की ओर से टाइपशुदा रिपोर्ट होने के बावजूद थाने पुलिस ने फिर से रिपोर्ट लिखवाई। इस टाइपशुदा रिपोर्ट में जो बाते लिखी हुई थी, वो नई रिपोर्ट में शामिल नहीं की गई। नई रिपोर्ट में से डीजी लाठर का नाम हटाते हुए पुन:रिपोर्ट हाथ से लिखी गई। इससे यह नजर आता है कि पाली पुलिस की मंशा इस मामले में साफ नहीं है। 

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