Jalore भीनमाल में शराब का अवैध कारोबार: भीनमाल में पुलिस थाने के आधा किलोमीटर की दूरी में आधा दर्जन शराब की दूकान, धड़ल्ले से किया जा रहा है अवैध शराब का कारोबार
जालोर का भीनमाल कस्बे में शराब का अवैध कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। हालात यह है कि पुलिस थाने के आधा किलोमीटर की दूरी में आधा दर्जन से अधिक शराब की दूकानें संचालित है, इन शराब की दूकानों से रात 8 बजे बाद धड़ल्ले से शराब बेची जाती है और पुलिस प्रशासन आंखें बंद कर बैठा है।
राजेन्द्रसिंह दूदौड़
भीनमाल।
जालोर का भीनमाल कस्बे में शराब का अवैध कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। हालात यह है कि पुलिस थाने के आधा किलोमीटर की दूरी में आधा दर्जन से अधिक शराब की दूकानें संचालित है, इन शराब की दूकानों से रात 8 बजे बाद धड़ल्ले से शराब बेची जाती है और पुलिस प्रशासन आंखें बंद कर बैठा है। इतना ही नहीं, स्वयं विवेक से शराब के अवैध कारोबार पर कार्रवाई करना तो दूर पुलिस को शिकायत करने के बावजूद शराब माफियाओं पर कार्रवाई नहीं की जा रही।
जानकारी के मुताबिक कस्बे के पुलिस थाना परिसर के आस-पास में आधा किलोमीटर की दूरी पर ही करीब आधा दर्जन अवैध शराब की दुकानें चल रही है। लोग अवैध शराब बिक्री की शिकायत दर्ज कराते है, लेकिन स्थानीय भीनमाल पुलिस कार्रवाई तक नहीं कर रही। जबकि भीनमाल पुलिस थाने के थानाधिकारी लोगों के फोन तक नहीं उठा रहे। ऐसे में अवैध शराब बिक्री पर कार्रवाई नहीं होने पर स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति नाराजगी नजर आ रही है।
किराना दूकान से शराब बिक्री
भीनमाल पुलिस थाना इलाके में यूं तो शराब की कई दूकानें संचालित है। लेकिन ये शराब की दूकानें रात आठ बजे बाद किराना की दूकानों से संचालित होती है। इलाकों की शराब दूकानों के पास ही किराना दूकान खुली हुई है। यहां पानी, नमकीन के आड़ में शराब माफिया शराब बेच रहे है। रात आठ बजे बाद इन दूकानों से शराब बेची जा रही है और पुलिस प्रशासन आंख बंद कर बैठा हुआ हैंं।
पुलिस की मिलीभगत या माफियाओं में भय समाप्त
पुलिस थाना इलाके में संचालित अवैध शराब की दूकानों पर कार्रवाई नहीं होना कई सवाल खड़े कर रहा है। पुलिस थाने के नजदीक रात आठ बजे बाद शराब का कारोबार चलना पुलिस की मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है। वहीं दूसरी ओर इलाके में चल रहे अवैध शराब कारोबार से माफियाओं के हौंसले बुलंद हो रहे है और अपराधियों में पुलिस का डर समाप्त हो गया। इस मामले में थाने के पुलिस निरीक्षक दुल्लीचंद से बातचीत की गई तो फोन रिसिव नहीं किया गया और ना ही वापस कर जवाब दिया गया।
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