सिरोही: शिवगंज के अस्पताल में गर्म पानी उपलब्ध नहीं ? या उपचार करने की इच्छाशक्ति का अभाव?

एक तरफ क्षेत्र के विधायक आने वाले दिनों में उपखंड के सबसे बड़े सामुदायिक अस्पताल को जिले के आदर्श अस्पताल के रूप में स्थापित करने के लिए पर्याप्त संसाधन एवं सुविधाएं जुटाने के लिए निरंतर कवायद कर रहे है। दूसरी तरफ उसी अस्पताल के कुछ चिकित्सक कत्र्तव्य के प्रति लापरवाही एवं काम के प्रति उदासीनता का प्रदर्शन करते हुए ...

शिवगंज के अस्पताल में गर्म पानी उपलब्ध नहीं ? या उपचार करने की इच्छाशक्ति का अभाव?

शिवगंज। एक तरफ क्षेत्र के विधायक आने वाले दिनों में उपखंड के सबसे बड़े सामुदायिक अस्पताल को जिले के आदर्श अस्पताल के रूप में स्थापित करने के लिए पर्याप्त संसाधन एवं सुविधाएं जुटाने के लिए निरंतर कवायद कर रहे है। दूसरी तरफ उसी अस्पताल के कुछ चिकित्सक कत्र्तव्य के प्रति लापरवाही एवं काम के प्रति उदासीनता का प्रदर्शन करते हुए उनके इन प्रयासों पर पानी फैरने का प्रयास करते दिखाई दे रहे है। ऐसा नहीं कि अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है। बावजूद इनके इन चिकित्सकों पर लगाम कसने की कोई कार्रवाई नहीं होना जानबूझ कर उसे अनदेखा करने की प्रवृति को ही प्रदर्शित करता है।

चिकित्सक जैसा पेशा सिर्फ पैसा कमाने का ही नहीं बल्कि सेवा के प्रति समर्पित होने का होता है। बीमार व्यक्ति चिकित्सक के पास यह सोचकर जाता है कि वह भगवान के रूप में उसे उपचार कर ठीक कर देगा। इसके विपरित यदि कोई चिकित्सक इसे मात्र टाइम पास का जरिया मान ले तो मरीज की खैर नहीं। ऐसे चिकित्सकों की यहीं सोच होती है कि जैसे तैसे अपनी ड्यटी पूरी करो और प्रतिमाह सरकार से मोटी रकम तनख्वाह के तौर पर लेकर मौज करो।

इस अस्पताल में चिकित्सकों की अपने कार्य के प्रति उदासीनता का ताजा मामला सोमवार की सुबह उस समय घटित हुआ जब एक किशोर जो अपने कान का उपचार करवाने के लिए पिछले एक पखवाड़े से अस्पताल के चक्कर काट रहा है, को ईएनटी विशेषज्ञ डॉ वीणा रानी ने कान की सफाई करने के लिए अस्पताल में गर्म पानी की उपलब्धता के बावजूद अपने घर जाकर गर्म पानी लेकर आने का कहते हुए टरका कर निकाल दिया। सूत्र बताते है कि इस अस्पताल में संबंधित चिकित्सक की ओर से ऐसा पहली बार नहीं बल्कि कई बार किया गया है। जानबूझ कर मरीजों को टरकाकर भेज देना उनकी आदत में शुमार हो गया है। दरअसल, वशिष्ठ शर्मा नाम का एक किशोर जिसके कान में दर्द होने तथा सुनने में समस्या होने की शिकायत से परेशान था। एक पखवाड़े पूर्व जब वह अस्पताल में ईएनटी विशेषज्ञ डॉ वीणा रानी से उपचार करवाने गया तब चिकित्सक ने फोरे तौर पर कान की जांच कर उसे दवाई लिखकर यह कहते हुए रवाना कर दिया कि कान में वेक्स जमा है दवाई डालो निकल जाएगा। दस दिन तक दवाई डालने के बाद भी जब मर्ज ठीक नहीं हुआ तो वह सोमवार को फिर से संबंधित चिकित्सक के पास गया। उस समय डॉ रानी अपने पास बैठी महिला चिकित्सक से बात करने में मशगुल थी। (अस्पताल के सूत्र बताते है कि ऐसा हमेशा होता है जब वे अपने पडौस के साथी महिला चिकित्सक को अपने कमरे में बैठाकर बतियाती रहती है या फिर अपने मोबाइल में ही मशगूल रहती है) मरीज पास खडे होने की जानकारी के बाद भी उसे काफी देर तक अनदेखा किया। बाद में जब मरीज के बताया कि कान से वेक्स निकालनी है तो उसे यह कहते हुए वहां से रवाना कर दिया कि वेक्स निकालने के लिए गर्म पानी की आवश्यकता होगी वो अपने घर से लेकर आओ तभी सफाई हो सकेगी।

शिकायत कर दी तो धमकाया
अस्पताल में गर्म पानी के अभाव में उपचार नहीं करने की जब शिकायत करने के लिए इस किशोर के मीडियाकर्मी पिता ने जब प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से मोबाइल पर बात करनी चाही तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। जिस पर ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी से घर से गर्म पानी मंगवाने का कहते हुए उपचार नहीं करने की शिकायत की। बीसीएमओ ने बताया कि अस्पताल में गर्म पानी की उपलब्ध है। उन्होंने भी संबंधित चिकित्सक से बात कर उपचार करने का कहते हुए किशोर व उसकी मां को पुन: चिकित्सक कक्ष में भेजा तो किशोर को देखते ही वे भडक़ गई और धमकाते हुए बोली कि मेरी शिकायत करने से मेरा क्या बिगाड़ लोगे। इस बीच जब उसकी मां ने यह कहा कि आप काम नहीं करोगे तो शिकायत तो करेंगे ही। तब चिकित्सक ने उनसे भी अभद्रता की। बाद में बिना उपचार करवाए ही उन्हें लौटना पड़ा।

चिकित्सक के व्यवहार की शिकायत
इस मामले को लेकर किशोर के मीडियाकर्मी पिता ने प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से इसकी शिकायत करते हुए बताया है कि संबंधित चिकित्सक की कार्यशैली की वजह से अस्पताल में पर्याप्त संसाधन होने के बावजूद कई मरीज निजी चिकित्सालयों में अपना उपचार करवाने के लिए मजबूर होते है। गौरतलब है कि  ये चिकित्सक अस्पताल में उपचार करने के बजाय अपना अधिकांश समय मोबाइल पर या फिर साथी चिकित्सक के कक्ष में जाकर बतियाने में ही बिता देती है। इतना ही नहीं अस्पताल समय से पहले ही अपना कक्ष छोड़ कर घर चली जाती है। ऐसे में अस्पताल आने वाले नाक, कान, गला रोग से संबंधित मरीजों को अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता।

कैमेरा देख अपने कक्ष में गई साथी चिकित्सक
इस मामले की जानकारी मिलने पर जब मीडियाकर्मी अस्पताल पहुंचे तो जैसे ही कैमरा देखा डॉ वीणा रानी के पास बैठी एक अन्य महिला चिकित्सक जो उस समय उनसे बतिया रही थी तत्काल वहां से खड़ी होकर अपने कक्ष में आकर बैठ गई और मोबाइल में व्यस्त हो गई। इन हालातों में यह नहीं कहा जा सकता कि अस्पताल में तमाम सुविधाएं होने के बावजूद प्रबंधन के अभाव में मरीजों को उसका समय पर लाभ मिल पा रहा है।

इनका यह कहना है :

उपलब्ध है सभी सुविधाएं
अस्पताल में तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध है। गर्म पानी की जहां तक बात है जब जहां आवश्यकता होती है गर्म पानी उपलब्ध रहता है। अस्पताल में प्रतिदिन ऑपरेशन होते है एमओटी में आवश्यकता रहती है। इसके बावजूद यदि चिकित्सक ने ऐसा कहा है तो यह गलत है। अस्पताल समय में आवश्यक नहीं होने पर मोबाइल चलाना तथा साथी चिकित्सकों से बतियाना गलत है। इस मामले में कार्रवाई कर व्यवस्था सुधारेंगे। 
- डॉ गोपालसिंह, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, शिवगंज

फोन कर उपचार करने का कहा
घर से गर्म पानी मंगवाने की जानकारी मिलने पर मैंने खुद चिकित्सक से फोन पर बात कर ऐतराज जताया तथा उपचार करने के लिए कहा था। 
- डॉ कौशल ओहरी, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, शिवगंज

शिकायत मिली है कार्रवाई करेंगे
शिवगंज के अस्पताल में काफी सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध है। फिर घर से गर्म पानी मंगवाने का औचित्य ही नहीं है। चिकित्सक की ओर से उपचार करने में आनाकानी करने तथा अभद्र व्यवहार करने की शिकायत मिली है कार्रवाई करेंगे। 
- डॉ राजेश कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिरोही

हां मंगवाया था गर्म पानी 
इस मामले को लेकर चिकित्सक से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि हां आज एक मरीज मेरे पास कान साफ करवाने आया था। मैंने उससे दूसरे दिन आने का कहा था। जब उसने मुझसे आज ही कान की सफाई करने का कहा तो मैंने उससे गर्म पानी मंगवाया था। यह छोटी मोटी बात थी इसको इस्यु नहीं बनाए। आगे से इस बात का ध्यान रखेंगे। 
- डॉ वीणा रानी, ईएनटी विशेषज्ञ, राजकीय अस्पताल शिवगंज

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