कोरोना में वर्क फ्रॉम होम से बढ़े झगड़े: कोरोना ने पति—पत्नी में बढ़ाए झगड़े, सर्वे रिपोर्ट में पति प्रताड़ित
कोरोना महामारी ने जहां कई घरों के चिराग बुझा दिए तो कई घरों में एक के बाद एक लाश बिछा दी। ऐसे में एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम काम करने से घरों पारिवारिक झगड़े बढ़ गए। इतना ही नहीं, पति—पत्नी के झगड़े में इस दौरान पति को प्रताड़ित किया गया।
नई दिल्ली।
कोरोना महामारी ने जहां कई घरों के चिराग बुझा दिए तो कई घरों में एक के बाद एक लाश बिछा दी। ऐसे में एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम काम करने से घरों पारिवारिक झगड़े (Family Dispute) बढ़ गए। इतना ही नहीं, पति—पत्नी के झगड़े में इस दौरान पति को प्रताड़ित किया गया। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में कोरोना के चलते बीते डेढ़ साल से ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। इस दौरान सामने आया है कि घर पर 24 घंटे साथ रहने के दौरान पति-पत्नी के बीच झगड़े बढ़ रहे हैं। इस दौरान पति ज्यादा प्रताड़ित हुए हैं। पुणे पुलिस की ट्रस्ट सेल (Trust Cell of Pune Police) ने यह दावा किया है कि लॉकडाउन के दौरान घरों में रहने वाले पति लॉकडाउन से पहले की तुलना में पत्नियों से ज्यादा प्रताड़ित हुए हैं। सेल प्रमुख सुजाता ने बताया कि Lockdown से पहले के एक साल के दौरान 1283 लोगों ने पुणे पुलिस की ट्रस्ट सेल में पारिवारिक झगड़े की शिकायत दर्ज कराई थी। इनमें पत्नियों की संख्या 791 थी, जबकि पति सिर्फ 252 थे लेकिन लॉकडाउन के दौरान, यानी बीते 15 महीने में यह आंकड़ा बढ़कर 3,075 तक पहुंच गया है। इसमें से पतियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने वाली महिलाओं की संख्या 1540 है, जबकि पुरुषों की संख्या 1535 है। यानी शिकायत करने वाले पुरुषों की संख्या लॉकडाउन से पहले के एक साल की तुलना में 6 गुना बढ़ गई है। सुजाता के मुताबिक पिछले डेढ़ साल के दौरान घरेलू कलह के तीन हजार से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं। इनमें ज्यादातर केस मारपीट, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न (Assault, Physical and Mental Harassment) के हैं। कुछ शिकायतों में यह भी दावा किया गया है कि उनकी पत्नियां झगड़ा कर उनके बच्चों के साथ मायके चली गईं हैं और अब वे लौट नहीं रही हैं। सुजाता ने बताया कि 24 घंटे बंद कमरे में रहने के चलते लोगों में मानसिक तनाव लगातार बढ़ रहा है। पति-पत्नी, छोटी-छोटी बातों पर झगड़ रहे हैं। हम ऐसे लोगों को अपने यहां बुलाकर या फिर ऑनलाइन माध्यम से उनकी काउंसिलिंग कर समझाने की कोशिश करते हैं। पुणे पुलिस के भरोसा सेल का गठन 9 जनवरी 2019 को हुआ था। इसका मकसद बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की हरसंभव मदद करना है। सेल से जुड़े पुलिसकर्मी घरेलू हिंसा, कलह से जुड़े मामलों में महिलाओं या पुरुषों की काउंसिलिंग भी करते हैं।
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