सफर अंतरिक्ष की ओर....: ब्रिटिश के अरबपति रिचर्ड ब्रैन्सन ने अंतरिक्ष के ऐतिहासिक सफर पर भरी उड़ान, भारत की सिरिशा भी ग्रुप में शामिल,कॉमर्शियल टूर का अहम पड़ाव

वर्जिन ग्रुप के फाउंडर और ब्रिटिश के अरबपति रिचर्ड ब्रैन्सन  रविवार को अंतरिक्ष की ऐतिहासिक उड़ान पर रवाना हो गए। भारतीय समयानुसार शाम 8.10 बजे वर्जिन गैलेक्टिक रॉकेट प्लेन ब्रैन्सन सहित भारत की बेटी सिरिशा बांदला और अन्य चार लोगों ने उड़ान भरी।

ब्रिटिश के अरबपति रिचर्ड ब्रैन्सन ने अंतरिक्ष के ऐतिहासिक सफर पर भरी उड़ान, भारत की सिरिशा भी ग्रुप में शामिल,कॉमर्शियल टूर का अहम पड़ाव

नई दिल्ली।
वर्जिन ग्रुप के फाउंडर और ब्रिटिश के अरबपति रिचर्ड ब्रैन्सन (British billionaire Richard Branson) रविवार को अंतरिक्ष की ऐतिहासिक उड़ान पर रवाना हो गए। भारतीय समयानुसार शाम 8.10 बजे वर्जिन गैलेक्टिक रॉकेट प्लेन ब्रैन्सन सहित भारत की बेटी सिरिशा बांदला(Sirisha Bandla)और अन्य चार लोगों ने उड़ान भरी। बताया जा रहा है कि वे अंतरिक्ष (space) के किनारे तक जाएंगे। प्लेन ने रविवार रात न्यू मैक्सिको से उड़ान भरी। वर्जिन ग्रुप ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर बताया था कि इसे शाम 6.30 बजे उड़ान भरनी थी, लेकिन खराब मौसम की वजह से लॉन्चिंग का वक्त डेढ़ घंटे आगे बढ़ा दिया गया था। अंतरिक्ष उड़ान से पहले ब्रैन्सन ने कहा कि मेरा मिशन स्टेटमेंट है, मेरे नाती-पोतों, आपके नाती-पोतों और सबके लिए अंतरिक्ष यात्रा का सपना सच करना।
ब्रैन्सन(Virgin Group founder Richard Branson) ने कहा कि अगले साल कॉमर्शियल टूर (commercial tour) शुरू करने से पहले वे खुद इसका अनुभव लेना चाहते हैं। अगर यह उड़ान कामयाब रहती है तो उनकी कंपनी वर्जिन अंतरिक्ष के लिए कॉमर्शियल टूर शुरू करने की ओर सबसे बड़ा पड़ाव पार कर लेगी। आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के चिराला में जन्मीं सिरिशा बांदला न्यू मैक्सिको के स्पेस स्टेशन से अंतरिक्ष की ओर रवाना हो गईं। इसी के साथ वे अंतरिक्ष का सफर करने वाली भारत में जन्मीं दूसरी महिला बन गईं। इससे पहले हरियाणा में जन्म लेने वाली कल्पना चावला ने अंतरिक्ष की उड़ान भरी थी।


कौन हैं ये सिरिशा
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के चिराला में 1987 में सिरिशा(Sirisha Bandla) का जन्म हुआ। उनके पिता बी मुरलीधर और मां अनुराधा अमेरिका में जॉब करते थे। वो सिरिशा को दादा-दादी के पास छोड़कर अमेरिका चले गए। जब सिरिशा महज 4 साल की थीं, तो उन्होंने बिना पेरेंट्स के भारत से अमेरिका की उड़ान भरी थी।
अमेरिका के ह्यूस्टन में नासा का जॉनसन स्पेस सेंटर है। बचपन से ही सिरिशा अंतरिक्ष से जुड़े लोगों को अपने आस-पास देखती थी। सिरिशा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, 'मैंने देखना शुरू किया कि कैसे लोग अंतरिक्ष यात्री बनते हैं। उसके बाद मैंने इसी फील्ड में अपना करियर बनाने का फैसला किया।' सिरिशा ने एयरोस्पेस और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में 2011 में ग्रेजुएशन किया है। सिरिशा NASA जाना चाहती थीं, लेकिन आंख में कुछ कमी की वजह से ऐसा नहीं हो सका। फिर उनके एक प्रोफेसर ने उन्हें स्पेस पॉलिसी चुनने की सलाह दी। इसमें अंतरिक्ष से जुड़ी सरकारी नीतियों का अध्ययन किया जाता है। सिरिसा ने जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से 2015 में MBA की पढ़ाई की।

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