ट्वीटर पर भारत सरकार का पक्ष: सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कानूनों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं: रवि शंकर प्रसाद
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर और केंद्र सरकार में चल रहे विवाद के बीच गुरुवार को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सरकार का पक्ष रखा। रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं। हमारी सरकार आलोचनाओं को स्वीकार करती है, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कानूनों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं
नई दिल्ली।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर और केंद्र सरकार में चल रहे विवाद के बीच गुरुवार को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सरकार का पक्ष रखा। रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं। हमारी सरकार आलोचनाओं को स्वीकार करती है, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कानूनों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रविशंकर ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हमें लोकतंत्र पर भाषण नहीं देना चाहिए। भाजपा असम में चुनाव जीती है तो पश्चिम बंगाल में चुनाव हारी भी है। ये हमारे लोकतांत्रिक होने का सबसे बड़ा सबूत है। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में ट्वीटर पर प्रतिबंध लगाया जाएगा तो रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आधी सरकार ट्वीटर पर है। हम किसी प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए नहीं हैं, लेकिन आपको कानून का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में अदालतें-मीडिया सरकार और मंत्रियों से सवाल करते हैं। हमारे देश में आज ट्वीटर के 100 करोड़ यूजर्स हैं। खुशी की बात है। हमें उनके पैसे कमाने से कोई परेशानी नहीं है। हमें ट्वीटर पर लोगों के सरकार की आलोचना करने से भी दिक्कत नहीं है, लेकिन भारत से लाभ कमाने वाली कंपनी हमें ही लोकतंत्र पर भाषण देने लगती है। प्रसाद ने कहा कि हमने तीन महीने के अंदर 3 अधिकारी नियुक्त करने को कहा था। दिया गया समय 26 मई को खत्म हो गया। इसके बाद भी हमने एक मौका और दिया। इसके बाद भी ग्रीवांस ऑफिसर, नोडल ऑफिसर और चीफ कम्पलॉयंस ऑफिसर की नियुक्ति नहीं की गई। दूसरी कंपनियों ने इस नियम का पालन किया, लेकिन ट्वीटर ने नहीं। नए आईटी नियम की धारा 7 के मुताबिक यदि आप नियम का पालन नहीं करते हैं तो आपका इंटरमेडियरी स्टेटस खत्म हो जाता है। इसके बाद यूजर के कंटेंट की पूरी जवाबदारी कंपनी की हो जाती है। उन्होंने कहा कि यूट्यूब, फेसबुक और वाट्सऐप का इंटरमेडियरी स्टेटस अब भी कायम है। उन्होंने दो मामलों का जिक्र करते हुए बताया कि नए नियमों का पालन करना क्यों जरूरी है।
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