Jalore @ रामसीन उप तहसीलदार कार्यालय: जालोर के रामसीन उपतहसीलदार कार्यालय पर सोमवार को शाम 4 बजे तक लटके मिले ताले, जिम्मेदारों ने जता दी लाचार
माह की 29 तारीख और सोमवार को उप तहसील कार्यालय रामसीन पर शाम 4 बजे तक ताले लगे हुए थे। वर्किंग डे और वर्किंग टाइम होने के बावजूद सरकारी कार्यालय में ताले लटकना लोगों की समझ से परे रहा।
जालोर।
जिले का रामसीन उप तहसीलदार कार्यालय सोमवार होने के बावजूद शाम 4 बजे तक नहीं खुला ! जी हां, माह की 29 तारीख और सोमवार को उप तहसील कार्यालय रामसीन पर शाम 4 बजे तक ताले लगे हुए थे। वर्किंग डे और वर्किंग टाइम होने के बावजूद सरकारी कार्यालय में ताले लटकना लोगों की समझ से परे रहा। दिनभर स्थानीय ग्रामीण उप तहसील कार्यालय में कार्य करवाने के लिए परेशान होते रहे, कोई सरकारी छुट्टी मानकर वापस गांव लौट गया तो कोई तहसील कार्यालय में ही दिनभर यह उम्मीद लगाकर बैठा रहा कि साहब आएंगे और कार्यालय खुलने के बाद उसका कार्य होगा। लेकिन चार बजे तक उप तहसील कार्यालय में ऐसा कुछ नहीं हुआ। थक हार के ग्रामीण वापस ही लौट गए। हालांकि जब नायब तहसीलदार साहब से कार्यालय बंद होने का कारण पूछा तो वे ऐसे जवाब दे रहे थे जिन्हे सुन लग रहा था जैसे लाचारी व्यक्त कर रहे है।
जानकारी के मुताबिक रामसीन उप तहसीलदार कार्यालय में ताला लगा हुआ था। सोमवार को यूं तो सरकार सरकारी विभाग सुबह 10 बजे तक अधिकांश खुल जाते है लेकिन उप तहसील नहीं खुली। इसके बाद समय गुजरता गया और दोपहर भी हो गई और करीबन चार बजे बाद कार्यालय नायब तहसीलदार साहब के आने के बाद खोला गया और दो घंटे बाद वापस बंद कर दिया गया।
ग्रामीणों को हुई परेशानी, दिनभर लगाते रहे चक्कर
प्रशासन गांवों संग अभियान के दौरान अभी अधिकांश ग्रामीणों का तहसील और उपतहसील कार्यालयों में आना जाना लगा रहता है। रविवार का अवकाश होने के बाद सोमवार को कार्यालय खुलने की उम्मीद में अधिकांश लोग टाइम से पहले ही तहसील कार्यालय पहुंचना शुरू हो गए। धीरे —धीरे समय गुजरता गया और लोगों की परेशानी बढ़ती गई। एक, दो घंटे कार्यालय नहीं खुलने पर कुछ लोग वापस भी लौट गए, जबकि कुछ लोग वहां ही बैठे रहे। अंत में शाम चार बजे कार्यालय खोला गया।
नायब तहसीलदार साहब को अजीब जवाब:—
मेरे पास अतिरिक्त चार्ज, एक बाबू बिमार है, चपरासी है नहीं....
जब इस संबंध में उप तहसील के नायब तहसीलदार मेहरा राम चौधरी से बात की गई तो उनका जवाब भी गोल मोल वाला ही आया। उन्होंने कहा कि हमारी उप तहसील में चपरासी नहीं है। एक बाबू बिमारी के चलते अवकाश पर है, एक आरआई साहब शिविर को लेकर फिल्ड में गए हुए और एक यूडीसी बाबू थे जिन्होंने कार्यालय खोला था। मेरे पास यहां का अतिरिक्त चार्ज है इस लिए मैं यहां दोपहर बाद आता हूं। मैन गेट पर आवारा कुत्ते ना आ जाए, इसलिए बंद रखते है, बाकि जाली वाला गेट खुला रखते है। जब उनसे जाली वाले गेट के बारे में भी बंद होने का सवाल किया तो वे संतोष जनक जवाब नहीं दे पाए।
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