कोरोना में जन सेवा का जज्बा: कोरोना संक्रमित के शव का सम्मान अंतिम संस्कार कर रहे हैं आबूरोड के रविंद्र शर्मा और आकाश माली

ऐसे विपरीत हालातों में भी कुछ लोग ऐसे है जो निःस्वार्थ भाव से इंसान की सेवा में जुटे है। कोरोना संक्रमित की मौत हो जाने के बाद बस एक सूचना मिलने तक की देर के बाद मृतक का ससम्मान अंतिम संस्कार करना ये लोग अपना सौभाग्य मान रह हैं।

कोरोना संक्रमित के शव का सम्मान अंतिम संस्कार कर रहे हैं आबूरोड के रविंद्र शर्मा और आकाश माली

आबूरोड(Abu Road)।
कोरोना महामारी काल में जहां इंसान-इंसान की मदद करने से डर रहा है, अपने अपनों से दूर हो रहे है। कोरोना की दूसरी लहर ने हालात इस कदर बिगाड़ दिए कि लोग दूसरों के जनाजे में जाना तो दूर अपने रिष्तों को भी भुलाकर अपनी जान बचाने में लगे हुए है। शव को कंधा देने के लिए चार आदमी तक नहीं मिल पा रहे हैं। कोरोना से मौत हो जाने के बाद शहरी क्षेत्रों में ही नहीं अब तो गांव में भी आस-पास वाले घरों में कैद हो जाते है, ऐसे विपरीत हालातों में भी कुछ लोग ऐसे है जो निःस्वार्थ भाव से इंसान की सेवा में जुटे है। कोरोना संक्रमित की मौत हो जाने के बाद बस एक सूचना मिलने तक की देर के बाद मृतक का ससम्मान अंतिम संस्कार करना ये लोग अपना सौभाग्य मान रह हैं। आज हम आप को आबूरोड निवासी ऐसे ही दो सेवाभावियों के बारे में बता रहे है जिन्होंने सब कुछ भगवान के भरोसे छोड़ कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हुए है। हम बात कर रहे है आबूरोड नगर पालिका के उपाध्यक्ष रविंद्र शर्मा (Ravindra Sharma) और उनके सहयोगी व पार्षद पति आकाश माली (Akash mali)कीः-
नाम तक नहीं जानते और कर दिया अंतिम संस्कार 


आबूरोड के ग्लोबल ट्रोमा चिकित्सालय में एक कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत हो गई। लोगों की सहायता से नगर पालिका उपाध्यक्ष रविंद्र शर्मा और आकाश माली को मृतक की सूचना मिली। मृतक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ केवल एक 25 साल की युवती। सूचना मिलने के साथ ही रविंद्र शर्मा ने पालिका से शव वाहिनी भेज कर बुजुर्ग का शव अमरापुरी श्मशान  घाट पहुंचाया। स्वयं के स्तर पर रविंद्र और आकाश ने तमाम व्यवस्था की और युवती के साथ कोरोना संक्रमित बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करवाया। युवती के मोबाइल से मुंबई बैठे परिजनों ने श्रद्धाजंलि दी। जब रविंद्र शर्मा से पूछा गया कि मृतक कौन है, कहां से है तो उनका एक जवाब आया बस इंसान थे और इंसानियत के नाते हमने बिना कुछ पूछे उनका अंतिम संस्कार कर दिया। 

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अब तक 11 कोरोना संक्रमित शवों का किया अंतिम संस्कार
रविंद्र शर्मा ने बताया कि इस कोरोना काल में कोरोना मरीजों के रिश्तों को बिखरते हुए देखा है। मृतक के अपने ही शव से दूरी कर लेते है, हालात उस समय खराब हो जाते है जब शव को कंधा देने वाला तक नहीं मिलता। बस ऐसे हालातों को देख कर ही सहयोग आकाश माली और कुछ युवाओं के साथ कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए तैयार रहते है। लोगों की सूचना मिलने के बाद हम उस पुण्य आत्मा के अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़ते है। अब तक 11 लोगों का अंतिम संस्कार सम्मान कर दिया गया। 
भगवान पर भरोसे के साथ सावधानी भी 
पार्षद रविंद्र शर्मा ने बताया कि कोरोना बीमारी से डर तो सबको लगता है, हम भी इंसान ही हैं, लेकिन भगवान पर अटूट विष्वास है। सब कुछ करने वाला श्रीराम ही है। यह सोच कर सावधानी पूर्वक इस सेवा में जुट जाते है। आकाष माली ने बताया कि कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार करते समय मास्क, सेनेटाइजर, ग्लव्स और अन्य जरूरत के हिसाब से सावधानी रखी जाती है। कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार के बाद वहां साफ सफाई और सेनेटाइज करवाने तक का ध्यान रखा जाता है। मृतक के अंतिम संस्कार के लिए भामाशाहों  के सहयोग से सामग्री एकत्रित हो जाती है।

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